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Last Modified: सोमवार, 6 अप्रैल 2020 (23:08 IST)

इंदौर में सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी साझा करने वालों की खैर नहीं, कलेक्टर की नई गाइड लाइन

इंदौर में सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी साझा करने वालों की खैर नहीं, कलेक्टर की नई गाइड लाइन - Strict action will be taken on sharing misleading information on social media
इंदौर। जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर मनीष सिंह ने महामारी रोग अधिनियम 1897 के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों के तारतम्य में एवं मध्य प्रदेश शासन के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी नोटिफिकेशन के माध्यम से प्रदत्त अधिकारों के अंतर्गत आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत सोशल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया आदि कोविड-19 से संबंधित सूचना, समाचार बिना अधिकृत रूप से पुष्टि कराए आम जनता के बीच जारी नहीं कर सकेगा।

आदेश के अनुसार इन्दौर जिले के समस्त शासकीय, अर्द्ध शासकीय विभाग के अधिकारी कर्मचारी तथा इस जिले के समस्त अशासकीय व्यक्ति इस महामारी को रोकने के लिए कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी और उसके निर्देशों के तहत कार्य करेंगे।

कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी ने बताया कि उन्हें यह संज्ञान में आया है कि कुछ व्हाट्सएप ग्रुप्स में कर्फ्यू की अवधि को लेकर अथवा कोराना पॉजीटिव एवं नेगेटिव मरीजों की संख्या के संबंध में बगैर अधिकृत शासकीय अधिकारी अथवा एजेंसी से जानकारी प्राप्त कर गलत, भ्रमित अफवाह के रूप में संदेश को सीधे भेजा जा रहा है। उसी संदेश को संदेश प्राप्तकर्ता द्वारा भी बगैर अधिकृत शासकीय अधिकारी/ एजेंसी से पुष्टि करवाए अग्रेषित किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि उनके संज्ञान में यह भी तथ्य आया है कि प्रभात किरण शीर्षक नाम से गलत तथ्यों पर आधारित अत्यधिक मौत की खबर सहित एक सूचना व्‍हाट्सएप पर चली है। उक्त सभी त्रुटिपूर्ण, असत्य एवं भ्रामक जानकारियां डाली जाकर आम जनता में भ्रम एवं डर का माहौल फैलाया जा रहा है।

कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि इस प्रकार के भ्रम फैलाने वाले, गलत संदेश एवं बगैर अधिकृत व्यक्ति/ संस्था/ एजेंसी से पुष्टि करवाए संदेशों को बनाने एवं उस संदेश को अग्रेषित करने की गतिविधियों के कारण गंभीर परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।

इस कारण से लोक व्यवस्था एवं जन स्वास्थ्य पर संकट उत्पन्न हो सकता है तथा आम जनमानस की मानसिक स्थिति एवं वृद्धजन तथा हृदय रोगों पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त ऐसे कृत्यों के कारण जबकि इंदौर शहर एक गंभीर संकट से जूझ रहा है, ऐसे व्यक्तियों एवं व्यक्तियों के समूहों द्वारा उपरोक्त वर्णित कृत्यों से संक्रामक रोग के फैलने से रोकने संबंधी समस्त शासकीय कार्यों में बाधा उत्पन्न हो सकती है।

कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी मनीष सिंह ने निर्देश दिए कि इस प्रकार के भ्रम फैलाने वाले, गलत संदेश एवं बगैर अधिकृत व्यक्ति/ संस्था/ एजेंसी से पुष्टि करे संदेशों को बनाने एवं उस संदेश को अग्रेषित करने संबंधी समस्त प्रकार की गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाती है। जिले के समस्त व्‍हाट्सएप ग्रुप के एडमिन को यह निर्देशित किया जाता है कि वे अपने व्‍हाट्सएप ग्रुप को उनकी स्वयं की पोस्ट हेतु सीमित करें, अन्य सदस्य मनमर्जी से पोस्ट नहीं करेंगे।

जिला दंडाधिकारी मनीष सिंह ने पुलिस अधीक्षक- साइबर क्राइम इंदौर को आदेशित किया कि कर्फ्यू की अवधि 30 अप्रैल तक बढ़ाई जाने की खबर किस व्हाट्सएप ग्रुप पर किसके द्वारा बढ़ाई गई है? उसकी जांच करें तथा प्रभात किरण शीर्षक से मौत के आंकड़ों पर खबर कहां से प्रसारित हुई है, उसकी बारीकी से जांच करें। इसके अतिरिक्त जिसके द्वारा यह कृत्य किया गया है उसके विरुद्ध आईपीसी की धारा 187, 188, 269, 270 एवं 271 के तहत दंडात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करें।

कलेक्टर मनीष सिंह ने  इंदौर जिले के समस्त रहवासियों को भी निर्देश दिए हैं कि किसी भी प्रकार से कोई भी भ्रामक जानकारी किसी भी माध्यम से न फैलाएं। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि कोरोना संकमण से संबंधित या कोरोना संक्रमण से निपटने हेतु की जा रही विभिन्न व्यवस्थाओं पर कोई भी भ्रामक जानकारी फैलाने तथा कोरोना संक्रमण को रोकने हेतु लगे शासकीय अधिकारियों/ कर्मचारियों, डॉक्टर्स आदि के किसी भी कार्य में बाधा उत्पन्न करने पर इस आदेश का उल्लंघन माना जावेगा तथा ऐसे व्यक्ति, संस्था या समूह के विरुद्ध तत्काल कार्यवाही की जावेगी।
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