‘लॉकडाउन’ में लोगों को घर में रहना है, आराम करना है, लेकिन इसके बावजूद कई जगहों पर लोग ‘लॉकडाउन’ का पालन नहीं कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ ऐसे हजारों लोग हैं, जो अपने घर जाना चाहते हैं, बच्चों को देखना, उनसे बात करना चाहते हैं, लेकिन अपने फर्ज की वजह से वे अपनों से नहीं मिल पा रहे हैं, कई-कई दिनों से घर नहीं जा पा रहे हैं।
दरअसल, कई डॉक्टर्स कई दिनों से अस्पताल में तो वहीं हजारों पुलिसकर्मी कई-कई घंटे सड़कों पर गुजार रहे हैं।
वे अपने फर्ज में जुटे हैं, लोगों को बचाने के लिए दिन रात एक कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट में रोजाना ऐसी खबरें और वीडियो सामने आ रहे हैं, जिसमें उनकी इमोशनल कहानियां देखी सुनी जा सकती हैं।
दिल्ली में सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट में तैनात एक पुलिसकर्मी हरियाणा के रहने वाले हैं। वे पिछले करीब 10 दिनों से घर नहीं गए। वे पहले ट्रेन से ड्यूटी पर आ जाते थे और ड्यूटी के बाद ट्रेन पकड़कर घर चले जाते थे, लेकिन अब 10 दिनों से वह घर नहीं जा पाए हैं। इतने दिनों से वे थाने की बैरक में ही रहना पड़ रहा है।
इंदौर में कोरोना को लेकर हालात बिगड़ने के बाद पुलिसकर्मी 14-14 घंटे सड़कों पर खड़े रहकर लोगों से कर्फ्यू का पालन करवा रहे हैं। दुकानें और बाजार बंद होने के कारण वे कई घंटों तक कुछ नहीं खा पाते हैं, यहां तक कि पीने को पानी भी नहीं मिलता है।
ईस्ट दिल्ली में तैनात एक पुलिसकर्मी की कहानी मीडिया में वायरल हो रही है। रिपोर्ट के मुताबिक वे सिर्फ एक या दो घंटे के लिए ही घर जा पा रहे हैं। इतना ही नहीं, घर जाने पर वे घर के अंदर नहीं जाते, बल्कि बाहर ही कुर्सी लगाकर बैठ जाते हैं। वहीं पर खाना खाकर लौट आते हैं। वे इस बात का ध्यान रखते है कि दिनभर फील्ड में रहते हैं और तमाम तरह के लोगों से मिलते-जुलते हैं। ऐसे में उनकी वजह से घर में कोई संक्रमित न हो जाए।
एक पुलिसकर्मी के बारे में खबर है कि ड्यूटी से घर जाने के बाद अपने अपने वे कपड़े खुद ही धोते हैं। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अपने स्तर पर मास्क, सैनिटाइजर और ग्लव्ज की व्यवस्था कर रहे हैं।
सबसे ज्यादा तनाव में वे पुलिसवाले हैं, जो दिल्ली बॉर्डर पर ड्यूटी में तैनात हैं। उन्हें डर है कि कहीं इस दौरान वे किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में न आ गए हों, जो संक्रमित हो।
ठीक इसी तरह देश के कई शहरों के अस्पतालों में अपनी ड्यूटी देने वाले डॉक्टर भी घर नहीं जा पा रहे हैं। घर जा भी रहे हैं तो गेट से ही अपने बच्चों और पत्नी को देखकर वापस अस्पताल लौट जाते हैं। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी अपनी प्रेसवार्ता में ऐसी कई कर्मचारियों के बारे में जिक्र किया।
क्या ऐसे में आम जनता को नहीं लगता कि संकट के समय में उन्हें कुछ दिन और घर में रहकर लॉकडाउन का पालन नहीं करना चाहिए।