कई राज्यों में फैला ओमिक्रॉन, केंद्र और राज्य सरकारों ने लिया ये अहम फैसला
नई दिल्ली। पूरे विश्व के साथ ही भारत भी धीरे-धीरे अब कोराना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का शिकार बनते जा रहा है। यह नया वैरिएंट देखते ही देखते 108 देशों में बड़ी तेजी से फैल चुका है। अब तक इस वैरिएंट के 1.51 लाख केस सामने आ चुके हैं। दक्षिण अफ्रीका में 24 नवंबर को ओमिक्रॉन का पहला मामला सामने आया था। इतना ही नहीं अब तक इस वैरिएंट के 1.51 लाख केस सामने आ चुके हैं। दक्षिण अफ्रीका में 24 नवंबर को ओमिक्रॉन का पहला मामला सामने आया था।
भारत में दिसंबर 2020 के आखिर में डेल्टा वैरिएंट के मामले सामने आना शुरू हुए थे। शुरुआती एक माह में जहां कुल मामलों में से 0.73% केस ही डेल्टा वैरिएंट के थे, वहीं भारत में महज 22 दिन के अंदर ही ओमिक्रॉन 17 राज्यों में फैल चुका है। 2 दिसंबर को ओमिक्रॉन का पहला मामला सामने आया था। देश में अब तक इस वैरिएंट के 358 मामले सामने आ चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अपनी टीम कुछ राज्यों में भेजेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिन 10 राज्यों में अपनी टीमें भेजने का निर्णय लिया, वे हैं- महाराष्ट्र, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, मिजोरम, कर्नाटक, बिहार, उत्तरप्रदेश, झारखंड और पंजाब। अगले 3 से 5 दिनों में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीमें पहुंचकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालयों के साथ मिलकर काम करेंगी। ये टीमें कांटेक्ट ट्रैसिंग, ओमिक्रोन वैरिएंट से पीडि़तों की निगरानी, कंटेनमेंट आपरेशन पर नजर रखेंगी ताकि इस नए वैरिएंट के बारे में ज्यादा से ज्यादा समझकर इसके खिलाफ पुख्ता रणनीति बनाई जा सके।
केरल और मिजोरम में कोविड-19 की संक्रमण दर राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है, जो चिंता का कारण है। इसके साथ ही सरकार ने कहा कि देश के 20 जिलों में कोविड-19 की साप्ताहिक संक्रमण दर 5 से 10 प्रतिशत के बीच है, जबकि 2 जिलों में यह दर 10 प्रतिशत से अधिक है। भारत के लगभग 61 प्रतिशत वयस्कों को कोविड टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी है जबकि 89 प्रतिशत को पहली खुराक दी गई है।