कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 से आज दुनिया के कई देश त्राहिमाम कर रहे हैं। अमेरिका जैसा सुपर पॉवर देश कोरोना के सामने नतमस्तक हो चुका है, वहीं चीन से लगा एक देश है जहां संक्रमण से एक भी मौत नहीं हुई है। यह देश है वियतनाम। कोरोना के खिलाफ वियतनाम की रणनीति की पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है। यहां कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई है।
9.7 करोड़ की आबादी वाले वियतनाम में शनिवार तक कोरोना के 328 एक्टिव केस ही सामने आए हैं। बड़ी बात यह है कि वियतनाम की स्वास्थ्य सेवाएं अमेरिका, दक्षिण कोरिया सहित कई देशों से बहुत नीचे है। विश्व बैंक के मुताबिक वियतनाम में 10 हजार लोगों पर केवल 8 डॉक्टर हैं, जबकि दक्षिण कोरिया में 24। वियतनाम की अधिकतर आबादी निम्न आय वालों की है। वियतनाम ने कोरोना के खिलाफ बनाई यह रणनीति-
1. देश के लोगों को किया जागरूक : वियतनाम को पता था कि वह अदृश्य दुश्मन के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। उसके पास इतने साधन भी नहीं हैं जिससे कि वह मरीजों का इलाज कर सके। इसलिए सरकार ने लोगों को कोरोना को लेकर जागरूक किया। सोशल मीडिया, पोस्टर्स के माध्यम से कोरोना के प्रति जागरूक किया गया।
2. कड़े लॉकडाउन का ऐलान : वियतनाम सरकार ने चीन से लगती सीमा और लोगों के एक देश से दूसरे देश में आवाजाही को देखते हुए तीन सप्ताह के कड़े लॉकडाउन की घोषणा की। देश की जनता ने भी लॉकडाउन का पूरी तरह पालन किया। अप्रैल के अंत में यहां स्थिति की समीक्षा करने के बाद लॉकडाउन को हटा दिया गया।
बनाया सस्ता टेस्ट किट : गरीब देश होने के बाद भी वियतनाम ने कोरोना वायरस की जांच करने के लिए सस्ता टेस्ट किट विकसित किया। जो लोग कोरोना वायरस से संक्रमित मिले, उनके संपर्क में आए हुए सभी लोगों की जांच की गई। कोरोना मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों या लक्षणों वालों को 14 दिनों तक अनिवार्य रूप से क्वारंटाइन किया गया।
नहीं किया डब्ल्यूएचओ के निर्देशों का इंतजार : दुनिया के अधिकतर देशों ने जहां डब्ल्यूएचओ के निर्देशों का इंतजार किया, वहीं वियतनाम ने त्वरित कदम उठाए। हनोई में स्वच्छता और महामारी विभाग के प्रमुख के मुताबिक सरकार ने डब्लूएचओ के दिशा-निर्देशों की प्रतीक्षा न करते हुए खुद ही स्वास्थ्य को लेकर लोगों को जागरूक करना शुरू कर दिया।
जनवरी के शुरू में ही हनोई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर वुहान से आने वाले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग को जरूरी कर दिया गया। जिन लोगों का तापमान थोड़ा भी बढ़ा दिखाई दिया, उन्हें 14 दिन के लिए अनिवार्य रूप से क्वारंटाइन कर दिया गया।
चीन से लगी सीमाओं को किया सील : वियतनाम ने कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आने के बाद ही महामारी के फैलाव का पूर्वानुमान लगाते हुए चीन के साथ लगी अपनी सभी सीमाओं को बंद कर दिया। चीन से आने वाली सभी फ्लाइट्स को निरस्त कर दिया।
उस समय न तो चीन के अधिकारियों ने और न ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसकी पुष्टि की थी कि इस वायरस का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में हो रहा है। देश ने कोई लापरवाही न करते हुए लेते हुए अपनी तैयारियों को जारी रखा।
बनाई राष्ट्रीय समिति : लूनर न्यू ईयर के मौके पर वियतनाम के प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग की घोषण कर दी। देश के सभी बॉर्डर चेक पोस्ट, एयरपोर्ट और पोर्ट पर थर्मल स्क्रीनिंग को अनिवार्य कर दिया गया। प्रधानमंत्री ने संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए एक राष्ट्रीय संचालन समिति का गठन किया।
विदेशियों के आने पर लगाई रोक : 1 फरवरी को वियतनाम ने कोरोना वायरस को राष्ट्रीय महामारी घोषित कर दिया। इस समय तक वियतनाम में केवल 6 मामलों की ही पुष्टि हुई थी। इसके बाद अगले दिन चीनी नागरिकों का वीजा रद्द कर दिया। वियतनाम ने मार्च के अंत में सभी विदेशियों के आने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
कोरोना के खिलाफ वियतनाम के इन कदमों से संक्रमित मामले नाममात्र के आ रहे हैं। वियतनाम में अब स्कूलों को फिर से खोला जा रहा है और जनजीवन सामान्य होने के प्रयास हो रहे हैं।