मंगलवार, 5 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. कोरोना वायरस
  4. COVID-19: More than 1 lakh patients have been cured in Delhi so far
Written By
Last Modified: रविवार, 19 जुलाई 2020 (00:05 IST)

COVID-19 : दिल्ली में अब तक 1 लाख से ज्यादा मरीज ठीक हुए

COVID-19 : दिल्ली में अब तक 1 लाख से ज्यादा मरीज ठीक हुए - COVID-19: More than 1 lakh patients have been cured in Delhi so far
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में अब तक एक लाख से अधिक लोग कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमण से उबर चुके हैं। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य बुलेटिन ने शनिवार को यह जानकारी दी और कहा कि यहां मरीजों के ठीक होने की दर 83 प्रतिशत से अधिक है। बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली में अभी 16,711 लोग इस वायरस से संक्रमित हैं जो पिछले 40 दिनों में सबसे कम है।

दिल्ली में शनिवार को कोरोनावायरस के 1,475 नए मामले सामने आए जिससे नगर में संक्रमित लोगों की कुल संख्या 1,21,582 हो गई। वहीं बीमारी के कारण मृतकों की संख्या बढ़कर 3,597 तक पहुंच गई। यह लगातार आठवां दिन है जब नए मामलों की संख्या 1,000 से 2,000 के बीच रही है।

बुलेटिन के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 26 मरीजों की मौत हो गई। शुक्रवार को भी दिल्ली में कोरोनावायरस से संक्रमित 26 लोगों की मौत हो गई थी। नौ जून के बाद यह मृतकों की सबसे कम संख्या थी। शुक्रवार को 1,462 नए मामले सामने आए थे।

राष्ट्रीय राजधानी में अब तक 1,01,274 मरीज ठीक हो चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार शनिवार को देश में कुल मामलों की संख्या 10,38,716 थी जिनमें 6,53,751 अब तक ठीक हो चुके हैं।

दिल्ली में पिछले तीन हफ्तों के दौरान मरीजों के ठीक होने की दर महत्वपूर्ण रही है। जुलाई में अब तक 40,963 मरीज ठीक हो चुके हैं। कोरोनावायरस रोगियों के लिए 11,840 बिस्तरों में से केवल 3,635 पर ही मरीज रह गए हैं। विशेष कोविड देखभाल केंद्रों में 9,824 बिस्तरों में से 2,291 पर मरीज हैं।

राष्ट्रीय राजधानी में अब तक 7,98,783 से अधिक कोरोनावायरस परीक्षण किए गए हैं। इस बीच डॉक्टरों का कहना है कि दिल्ली के अस्पतालों में कावासाकी जैसे सिंड्रोम से ग्रस्त बच्चों के मामले आ रहे हैं और इन मामलों के कोविड-19 से जुड़े होने का संदेह है।

एक प्रतिष्ठित अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ ने बताया कि सामान्य कावासाकी लक्षणों के मुकाबले इनमें से करीब 50 प्रतिशत मामलों में मरीज की हालत बहुत गंभीर हो जाती है। कावासाकी बीमारी में अज्ञात कारणों से रक्त वाहिकाओं में सूजन आ जाती है। इससे बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं, विशेष रूप से पांच साल से कम उम्र वाले।

सर गंगा राम अस्पताल में शिशु रोग विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर धीरेन गुप्ता ने बताया, पिछले कुछ महीनों में, विशेष रूप से छह सप्ताह में, हमारे पास ऐसे मरीज आए हैं जिनमें कावासाकी जैसे लक्षण होते हैं। इनका संभवत: कोविड के साथ कोई ना कोई संबंध है क्योंकि इनमें से कुछ मरीज कोविड-19 पॉजिटिव निकले जबकि कुछ के शरीर में कोविड का एंटीबॉडी मिला है।

लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज से जुड़े कलावती सरन बाल अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि उनके पास पांच-छह ऐसे मामले आए जिनमें बच्चों का कोविड प्रभावित या कोविड संदिग्ध क्षेत्रों में इलाज हुआ था। उनमें कावासाकी के लक्षण थे और शरीर की रक्त वाहिकाएं सूज गई थीं।

अस्पताल के मेडिकल निदेशक एनएन माथुर ने बताया, इसके पीछे कोई और कारण भी हो सकता है। लेकिन चूंकि हम कोरोनावायरस महामारी का सामना कर रहे हैं, तो इसकी संभावना ज्यादा है कि यह कोविड-19 से जुड़ा हुआ है।डॉक्टरों का कहना है कि कावासाकी सिंड्रोम के लक्षण हैं- तीन से पांच दिन बुखार रहना, आंखें और होंठ लाल हो जाना।

एक संबंधित घटनाक्रम में आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी ने यहां सरकार संचालित एक ‘प्लाज्मा बैंक’ में शनिवार को अपना प्लाज्मा दान किया। साथ ही, उन्होंने अन्य लोगों से भी ऐसा करने का अनुरोध किया।कालकाजी से विधायक आतिशी हाल ही में कोविड-19 से उबरी हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, संबद्ध जरूरी जांच एवं परामर्श आज दोपहर आईएलबीएस में किया गया और बाद में उन्होंने अपना प्लाज्मा दान किया। प्लाज्मा दान करने के उनके कदम की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सराहना की। आप प्रवक्ता अक्षय मराठे ने भी प्लाज्मा दान किया और तस्वीरें ट्विटर पर साझा कीं।(भाषा)
ये भी पढ़ें
COVID-19 : AIIMS के पैनल ने दी 'कोवाक्सिन' के मानव परीक्षण की मंजूरी