Bihar Coronavirus Update : बिहार में कोरोना विस्फोट, 50 हजार के पार हुए संक्रमित, बचाव अभियान युद्ध स्तर पर
पटना। बिहार में कोरोनावायरस संक्रमितों का आंकड़ा 50 हजार के पार हो जाने से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संक्रमण के लिए बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाने का निर्णय लिया है। राज्य में शुक्रवार को 2,986 नए कोरोना मरीज आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या 50,987 पर पहुंच गई है।
मृतक संख्या में चार गुनी वृद्धि : राज्य में जुलाई महीने की शुरुआत से ही कोविड-19 के मामलों में भारी बढ़ोत्तरी देखने को मिली और मृतक संख्या में चार गुनी वृद्धि हुई है। पिछले 24 घंटे में 13 संक्रमित मरीजों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 298 पहुंच गई।
पटना बना कोरोना का केंद्र : राजधानी पटना कोरोना संक्रमण का केंद्र बन गई है। नए मामलों में से 535 संक्रमित मरीज पटना के हैं जिसके बाद शहर में संक्रमित मामलों का आंकड़ा 8,764 पहुंच गया। इसके अलावा गया में 126, मधुबनी में 122, मुजफ्फरपुर में 124, नालंदा में 146,रोहतास में 156 और वैशाली में 123 नए मामले सामने आए।
सभी जिलों में अधिक से अधिक जांच के आदेश : प्रदेश के मुखिया नीतीश कुमार ने कोरोना संक्रमितों की पहचान कर उनके बचाव के लिए सभी जिलों में अधिक से अधिक जांच कराने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने अपने निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 से संबंधित विस्तृत समीक्षा बैठक की।
18 घंटे पड़ा रहा कोरोना संक्रमित का शव : दरभंगा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (डीएमसीएच) के आइसोलेशन वार्ड में सरकार के निर्देश के बावजूद कोरोना संक्रमित एक व्यक्ति का शव 18 घंटे तक पड़ा रहा। आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीजों का कहना है कि वार्ड के रूम नंबर 15 में एक शव पिछले 18 घंटे से पड़ा रहा लेकिन उसे ले जाने कोई नहीं आया था।
अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही : 18 घंटे से पड़े कोरोना संक्रमित के शव के बारे में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है।लगातार सूचना दिये जाने के बावजूद कोई चिकित्सक या स्वास्थ्यकर्मी वार्ड में नहीं आया और न ही शव को उठाने का इंतजाम किया गया। इससे पूरे अस्पताल में दहशत और अफरा-तफरी का माहौल रहा।
शव को मिली एंबुलेंस : डीएमसीएच के स्वास्थ्य प्रबंधक शंभू झा के अनुसार शुक्रवार रात 9:30 बजे के करीब मृतक के जिले से आई एंबुलेंस से उसका शव मधुबनी भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रावधान के अनुसार, कोरोना वार्ड में इलाज के दौरान मौत हो जाने की स्थिति में शव को उसके पैतृक जिले से एंबुलेंस आने के बाद भेजा जाता है और इसीलिए शव को हटाने में देरी हुई है।