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Last Updated : बुधवार, 27 मई 2020 (13:43 IST)

Corona virus को लेकर अलग-अलग यादें बना रहे हैं दुनियाभर के बच्चे

Corona virus को लेकर अलग-अलग यादें बना रहे हैं दुनियाभर के बच्चे - Children from all over the world are creating different memories about the Corona virus
शिकागो। दुनियाभर में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को बच्चे अपने-अपने नजरिए से समझने की कोशिश कर रहे हैं। कहीं कोई इसके बारे में जानने के लिए उत्सुक है तो कहीं बच्चों के मन में इस संक्रामक रोग से पैदा हुए हालात की चिंता है।
कनाडा के दूरदराज उत्तरी इकलुइट शहर में एक लड़का कोरोना वायरस के बारे में सब कुछ जानने के लिए हरदम खबरों से चिपका रहता है। ऑस्ट्रेलिया में एक लड़की मरने वाले लोगों के लिए दुखी होने के साथ ही इसके बाद उज्ज्वल भविष्य देख रही है। रवांडा में एक लड़के को डर है कि देश में लॉकडाउन खत्म होने के बाद सेना अपने नागरिकों पर हिंसक कार्रवाई करेगी।
 
इस बीमारी ने उदासी और ऊबाऊपन तथा चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। लोगों के घरों में अचानक से रिश्तेदारों का आना बंद हो गया है और दोस्त केवल वीडियो स्क्रीन पर ही दिखते हैं। कुछ बच्चे सुरक्षित महसूस करते हैं जबकि कुछ डरे हुए हैं। फिर भी ज्यादातर बच्चे खेल में व्यस्त हैं।
 
उत्तरी कैलिफोर्निया के दूरदराज के जंगलों में करुक जनजाति के एक लड़के ने महज 5,000 की आबादी वाले अपने समुदाय के इस वैश्विक महामारी से बचने को लेकर अपनी चिंता जताते हुए एक रैप गीत लिखा है। हालांकि कई जगह बच्चे लॉकडाउन का आनंद भी उठा रहे हैं।
भारत में लॉकडाउन के दौरान 9 साल का अद्वैत वल्लभ सांवरिया अपने छोटे भाई के साथ खेलता है। उसने कहा कि हम खेलते हैं, फिल्में देखते हैं, फोन का इस्तेमाल करते हैं और स्काइप पर कॉल्स करते हैं। उन्होंने एक कमरे को क्रिकेट पिच बना लिया है जिसमें एक भाई गेंद फेंकता है और दूसरा बल्लेबाजी करता है। कई बार वे शतरंज और ऊनो जैसे शांत खेल भी खेलते हैं।
 
स्कूलों के अनिश्चितकाल तक बंद होने से खुश दोनों भाई हालांकि बाहर जाकर खेलने को याद करते है। इन सबके बावजूद दोनों भाई चाहते हैं कि लॉकडाउन 1 साल तक लागू रहना चाहिए। छोटे भाई उद्धव प्रताप ने कहा कि लॉकडाउन तब तक नहीं खुलना चाहिए, जब तक कि संक्रमण के मामले शून्य न हो जाए। (भाषा) (फ़ाइल चित्र)
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