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Last Updated : शुक्रवार, 15 मई 2020 (21:55 IST)

Corona से मोटापे का संबंध : बोरिस जॉनसन ने बनाई मुहिम चलाने की योजना

Corona virus
लंदन। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन मोटापे के खिलाफ मुहिम की घोषणा करने की तैयारी कर रहे हैं। यह पहल उन्होंने उन अध्ययन रिपोर्ट के बाद की है जिसमें संकेत मिला है कि कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 से संक्रमण के उभरने वाले गंभीर लक्षणों का संबंध मोटापे से है।

ब्रिटिश मीडिया में प्रकाशित खबरों के मुताबिक, ग्लासगो विश्वविद्यालय के हालिया शोध में पाया गया कि कोरोना वायरस का संक्रमण होने पर मोटे लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की आशंका दोगुनी होती है। शोध के मुताबिक, कोविड-19 का मोटापे एवं अन्य स्वास्थ्य समस्या जैसे हृदयरोग, मधुमेह से संबंध है और इस वजह से प्राणघातक वायरस का खतरा और बढ़ जाता है।

‘द टाइम्स’ के मुताबिक, जॉनसन ने वरिष्ठ मंत्रियों और सलाहकारों से कहा कि उन्होंने मोटापे के खिलाफ लड़ाई में सरकार द्वारा हस्तक्षेप नहीं करने की नीति को बदलने का फैसला किया है और संशोधित रणनीति तैयार की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि अपने वजन को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष कर रहे 55 वर्षीय जॉनसन को पिछले महीने कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था।

कुछ विशेषज्ञों ने संकेत दिए हैं कि कोविड-19 के लक्षणों की गंभीरता का संबंध वजन से है क्योंकि जॉनसन के कुछ दुबले-पतले सहयोगी कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बावजूद जल्द ठीक हो गए। उदाहरण के लिए, स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक।

ब्रिटेन के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, हर तीन में से एक ब्रिटिश नागरिक चिकित्सीय मानकों के तहत मोटापे का शिकार है। इस श्रेणी में उनको रखा जाता है जिनका बॉडी मॉस इंडेक्स (बीएमआई) 30 से अधिक है। ब्रिटेन पश्चिम के उन देशों में शामिल है जहां पर मोटापे की दर सबसे अधिक है।

बीएमआई का अभिप्राय लंबाई के अनुपात में वजन से है। ब्रिटिश सरकार की वृहद योजना के तहत साइकल चलाने और पैदल चलने की आदत को प्रोत्साहित किया जाएगा।

अभियान समूह ‘एक्शन ऑन सॉल्ट एंड एक्शन ऑन शुगर’ ने भी जॉनसन से कोविड-19 को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान जंक फूड के विज्ञापनों पर रोक लगाने और स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहित करने की मांग की है।

ब्रिटेन ने चीनी के उपभोग को कम करने के लिए मीठे पेय पदार्थ पर कथित शुगर टैक्स लगाया है। सॉफ्ट ड्रिंक उद्योग पर यह कर 2018 से प्रभावी है और पेय में अधिक शुगर होने पर उसी अनुपात में अधिक कर लगता है। ऐसे संकेत हैं कि मोटापे के खिलाफ प्रभावी होने पर ऐसे और कदम उठाए जाएंगे। (भाषा)
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