Covid-19 Vaccine की भारत में क्या है स्थिति, कब तक आएगी वैक्सीन ?
दुनियाभर के कई देशों में कोरोना वैक्सीन पर ट्रायल चल रहे हैं। रूस ने सबसे पहले कोरोनावायरस की वैक्सीन स्पूतनिक-5 बनाने का दावा किया था। रूस ने कहा कि स्पूतनिक-5 को सुरक्षित और प्रभावी पाया गया है। करीब 85 प्रतिशत वॉलेंटियर्स में साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है। भारत में भी 3 प्रमुख वैक्सीनों के ट्रायल चल रहे हैं जो अलग-अलग स्टेज में है। एक वैक्सीन कैंडिडेट को फेज-3 ट्रायल्स की मंजूरी मिल चुकी है। बाकी दो वैक्सीन फेज-2 ट्रायल के दौर में हैं।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव ने बताया कि 3 वैक्सीन कैंडिडेट क्लिनिकल टेस्टिंग के विभिन्न चरण में हैं- कोवाक्सिन को फेज-3 ट्रायल्स के लिए अनुमति मिल चुकी है। कैडिला के फेज-2 ट्रायल्स जारी हैं और सीरम की वैक्सीन फेज 2b ट्रायल को पूरी करने जा रही है और इसके ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका में भी ट्रायल्स जारी हैं।
कावासाकी ने बढ़ाई चिंता : भारत में कोरोना के साथ कावासाकी बीमारी के संक्रमण की आशंकाओं को दूर करते हुए ICMR प्रमुख ने बताया कि कावासाकी बीमारी भारत में बहुत कम दिखने को मिलती है। दरअसल, चीन में कोरोना के बाद कावासाकी बीमारी फैल रही है। भार्गव ने कहा कि कावासाकी बीमारी एक ऑटो-इम्यून बीमारी है जो 5 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है। यह भारत में बहुत कम दिखती है। मुझे नहीं लगता कि भारत में अब तक कोरोना के साथ कावासाकी के संक्रमण का कोई मामला सामने आया है। यह एक बहुत ही दुर्लभ स्थिति होती है।
संक्रमित मामलों में गिरावट : भार्गव ने बताया कि भारत में 17 साल से कम उम्र के सिर्फ 8 प्रतिशत कोरोना पॉजिटिव हैं। 5 साल से कम उम्र के संक्रमितों की संख्या इससे और भी कम होगी। भारत में कोरोना संक्रमण के रोजाना के मामलों में अब लगातार कमी आ रही है। 72 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं और रिकवरी रेट 90.62 प्रतिशत हो चुका है। 21 से 27 अक्टूबर वाले सप्ताह हर रोज कोरोना ने होने वाली औसतन मौत 1000 से काफी नीचे औसतन 620 रही।
ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन के उत्साहजनक नतीजे : ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित की जा रही कोरोना वैक्सीन बुजुर्गों और वयस्कों दोनों पर अच्छा असर दिखा रही है। विदेशी मीडिया में आई रिपोर्टों के मुताबिक ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन देने के बाद बुजुर्गों में एंटीबॉडीज और टी सेल बने, जो कोरोनावायरस को मात देने में व्यक्ति को सक्षम बनाते हैं।