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Last Modified: रायपुर , रविवार, 24 नवंबर 2024 (14:11 IST)

छत्तीसगढ़ में शुरू होगी मुख्यमंत्री गुड गवर्नेंस फेलो योजना, CM विष्णु देव साय ने किया ऐलान

छत्तीसगढ़ में शुरू होगी मुख्यमंत्री गुड गवर्नेंस फेलो योजना, CM विष्णु देव साय ने किया ऐलान - Chief Minister Good Governance Fellow Scheme will be started in Chhattisgarh
Chhattisgarh News : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज रायपुर में 'गुड गवर्नेंस' विषय पर 2 दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए प्रदेश में 'मुख्यमंत्री गुड गवर्नेंस फेलो योजना' शुरू करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार आईआईएम रायपुर के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ के मूल निवासी छात्रों के लिए पब्लिक पॉलिसी एण्ड गवर्नेस में मास्टर पाठ्यक्रम शुरू करेगी। इसके लिए छात्रों का चयन कैट के माध्यम से किया जाएगा।

मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि इस योजना में आईआईएम रायपुर में कक्षाओं के साथ-साथ छात्रों को छत्तीसगढ़ शासन के विभिन्न विभागों में व्यवहारिक अनुभव भी दिया जाएगा। पाठ्यक्रम की पूरी फीस राज्य सरकार वहन करेगी, साथ ही छात्रों को निर्धारित मासिक स्टायफंड प्रदान करेगी। यह योजना शासन में दक्षता और पारदर्शिता बढ़ाने के साथ-साथ राज्य के युवाओं को उच्च स्तरीय शिक्षा और प्रायोगिक अनुभव का अवसर प्रदान करेगी। इसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ में पेशेवरों की एक ऐसी पीढ़ी तैयार करना है जो सरकार, एनजीओ, थिंक टैंक और निजी क्षेत्र के साथ मिलकर गवर्नेंस को बेहतर बनाने के क्षेत्र में काम करेगी।

मुख्यमंत्री ने दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन में देशभर से आए हुए वरिष्ठ अधिकारियों, विषय विशेषज्ञों, सुधीजनों का छत्तीसगढ़ के नागरिकों की ओर से हार्दिक स्वागत करते हुए कहा कि आप लोगों ने देश के विभिन्न राज्यों में चल रहे बेस्ट प्रेक्टिसेस को एक-दूसरे से साझा किया है। सबने मिलकर सुशासन के क्षेत्र में परस्पर सहयोग और भागीदारी को बढ़ाने के संबंध में विस्तृत विचार-विमर्श किया है। इन दो दिनों के दौरान आप लोगों ने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सुशासन की स्थापना की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के बारे में काफी कुछ जाना और समझा होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसा कि आप लोग जानते हैं कि हम लोगों की राजनैतिक विचारधारा के मूल में ही सुशासन का विचार है। हमारे पुराणों में जिसे रामराज कहा गया है, उसे ही हम सुशासन कहते हैं। सर्वे भवन्तु सुखिनः हमारा मूलमंत्र है। अंत्योदय और एकात्म मानववाद हमारा राजनीतिक दर्शन है।

मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय  अटल बिहारी वाजपेयी हमारे प्रेरणापुरुष हैं। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी ने नेतृत्व में हम सुशासन के माध्यम से विकसित भारत के निर्माण में छत्तीसगढ़ की अधिक से अधिक से भागीदारी के लिए प्रयासरत  हैं। हमारा 44 प्रतिशत भू-भाग घने जंगलों से आच्छादित है, इसलिए भारत के पर्यावरण और जैव विविधता को बचाए रखने की महती जिम्मेदारी भी हम पर है।

इन सबके साथ-साथ राज्य की जनजातीय संस्कृति और परंपराओं को बचाए रखना भी हमारा प्राथमिक कर्त्तव्य है। हमने राज्य में समृद्ध खनिज संपदा, औद्योगिक विस्तार, कृषि विस्तार के साथ-साथ यहां के प्राकृतिक और सांस्कृतिक सौंदर्य को भी महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में चिन्हित किया है। हम राज्य के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सुशासन को भी महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में देख रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने अपनी नई उद्योग नीति लांच की है, इसमें पर्यटन के विकास को भी प्रोत्साहित किया गया है। बस्तर जैसे जनजातीय क्षेत्रों में उद्योगों के लिए जमीन की उपलब्धता एक चुनौती होती है। ऐसे में इन क्षेत्रों का प्राकृतिक और सांस्कृतिक सौंदर्य वहां के लिए एक बड़ी आर्थिक ताकत बनेगा। रोजगार और आय में बढ़ोतरी के अवसर निर्मित होंगे। लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठेगा। राज्य में हम एक बड़े टूरिज्म सर्किट के निर्माण की दिशा में काम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा विशेष फोकस बस्तर और सरगुजा जैसे जनजातीय क्षेत्रों पर है। हम इन स्थलों पर पर्यटकों के लिए सुविधाओं का विकास करने के साथ-साथ मूलभूत अधोसंरचनात्मक विकास भी कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन ने हाल ही में बस्तर के कांगेर वेली के गांव धुड़मारास को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम के रूप में विकसित करने के लिए विश्व के चुनिंदा 20 गांवों में शामिल किया है। इससे हम बहुत उत्साहित हैं। हमने वनोपजों और कृषि उपजों के स्थानीय प्रसंस्करण को भी आर्थिक विकास की अपनी रणनीति में अत्यंत महत्वपूर्ण घटक के रूप में शामिल किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन द्वारा बनाई गई योजनाओं, कार्यक्रमों, नीतियों और सेवाओं की आम आदमी तक पहुंच के लिए जानकारियों और सूचनाओं की आम आदमी तक पहुंच सबसे प्राथमिक जरूरत है। नक्सलवाद पीड़ित क्षेत्रों में सुरक्षा कैम्पों की स्थापना के साथ-साथ अंदरुनी गांवों में सभी तरह की मूलभूत अधोसंरचनाओं, केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं और सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए राज्य शासन द्वारा नियद नेल्ला नार योजना संचालित की जा रही है। यह गोंडी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है-आपका अच्छा गांव।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी द्वारा जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए शुरू की गई पीएम जनमन योजना और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान से हमें और भी ज्यादा ताकत मिली है। प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन, पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना जैसी योजनाओं ने भी राज्य शासन द्वारा सुशासन की स्थापना की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को तेज किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 11 महीनों के अल्प समय में अधोसंरचना के विकास में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, इनमें आप जैसे संवेदनशील और छत्तीसगढ़ की जरूरतों को समझने वाले अधिकारियों की भी भागीदारी है। मुझे इस बात की खुशी है कि केन्द्र सरकार द्वारा हमारे प्रस्तावों पर गंभीरता से ध्यान दिया जाता है और तत्परता के साथ सहयोग किया जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन का परम लक्ष्य है-प्रत्येक नागरिक के जीवन को सुख-सुविधाओं से संतृप्त करना। विगत 11 महीनों में लगभग 31 हजार करोड़ रुपए की सड़क परियोजनाएं, कई महत्वपूर्ण रेल परियोजनाएं हमें मिली हैं। हवाई सेवाओं का विस्तार भी हुआ है। सरगुजा में नए एयरपोर्ट का शुभारंभ हुआ है, राज्य में एयरपोर्टों की संख्या बढ़कर 04 हो गई है। परसों ही रायपुर से दुबई और सिंगापुर के लिए हवाई सेवा शुरू करने के लिए भारत सरकार ने हरी झंडी दे दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में डबल इंजन की सरकार होने से हम इस लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले 11 महीनों में हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए शासन-प्रशासन में पारदर्शिता सुनिश्चित की है। सभी विभागों में प्रक्रियाओं को आसान बनाते हुए, सेवाओं के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म तैयार किए गए हैं। यह सुनिश्चित किया गया है कि नागरिकों के काम समय-सीमा में हों, शासन तक उनकी आसान पहुंच हो, शिकायतों का निराकरण तेजी हो, विकास में जनभागीदारी बढ़े, लोकतांत्रिक और संवैधानिक संस्थाओं को मजबूती मिले।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 11 महीनों में हमने ई-ऑफिस प्रणाली, मुख्यमंत्री कार्यालय ऑनलाइन पोर्टल, मंत्रालय में प्रवेश के लिए स्वागतम पोर्टल, खनिजों के लिए ऑनलाइन परमिशन, सुगम ऐप के माध्यम से घर बैठे रजिस्ट्री, उद्योग व्यापार के लिए सिंगल विंडो सिस्टम, ऑनलाइन ले-आउट एण्ड बिल्डिंग परमिशन, अटल मॉनिटरिंग पोर्टल, वन विभाग में लकड़ियों की ऑनलाइन बिक्री, शासकीय आवश्यकताओं की सामग्री की जैम पोर्टल के माध्यम से खरीदी अनिवार्य करने जैसे अनेक कदम उठाए हैं।

इसी दिशा में किए जा रहे प्रयासों के अंतर्गत हमने राज्य में अपनी सरकार के गठन के तुरंत बाद एक नए विभाग, सुशासन एवं अभिसरण विभाग का गठन किया है। वर्ष 2028 तक हम राज्य की जीएसडीपी को 5 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर 10 लाख करोड़ करने का लक्ष्य लेकर पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय के नेतृत्व में सुशासन स्थापित करने के साथ ही विकास में जनभागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री  मोदी ने विजन डाक्यूमेंट 2047 तक आजादी का अमृत महोत्सव तैयार किया है।

उन्होंने कहा कि सुशासन का अर्थ पारदर्शिता और जवाबदेही है। सभी मंत्रालयों का आपस में समन्वय हो और वे एक-दूसरे से सतत संपर्क स्थापित करते हुए निरंतर नवाचार की ओर उन्मुख रहते हुए जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राही तक पहुंचे, यह सुनिश्चित करें। इस तरह के आयोजन से व्यक्तिगत संपर्क बढ़ता है और एक-दूसरे की संस्कृति का आदान-प्रदान होता है। कार्यक्रम के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय और केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सुशासन पर आधारित ई बुक ‘मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस’ का विमोचन भी किया।

सम्मेलन में गुड गवर्नेंस की बेस्ट प्रेक्टिसेस, नागरिक सशक्तिकरण, शासन-प्रशासन के कामकाज और नागरिक सेवाओं की आम जनता तक पहुंच को आसान बनाने के लिए विभिन्न ई-प्लेटफार्म के उपयोग आदि से संबंधित विषयों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। कार्यशाला को प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग के सचिव व्ही. निवास एवं छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव  अमिताभ जैन ने भी संबोधित किया। मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत ने धन्यवाद ज्ञापित किया।