भारतीय सेना में महिलाओं के लिए नौकरी के शानदार अवसर, जानिए क्या होनी चाहिए योग्यता और कैसे होती है ट्रेनिंग
Indian Army recruitment for women: भारतीय सेना में सेवा करना कई युवाओं का सपना होता है और हाल के वर्षों में महिलाओं के लिए भी यह क्षेत्र व्यापक रूप से खुला है। अब महिलाएं भी थल सेना (Indian Army), वायु सेना (Indian Air Force) और नौसेना (Indian Navy) में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। अगर आप भी भारतीय सेना में शामिल होने का सपना देखती हैं, तो यह लेख आपके लिए ही है। यहां हम जानेंगे कि महिलाएं सेना में कैसे नौकरी पा सकती हैं और उनकी भर्ती प्रक्रिया पुरुषों से कितनी अलग होती है।
सेना में महिलाओं के लिए प्रवेश के प्रमुख तरीके
भारतीय सेना में महिलाओं के लिए नौकरी पाने के कई रास्ते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख तरीके इस प्रकार हैं:
• शॉर्ट सर्विस कमीशन (Short Service Commission - SSC): यह महिलाओं के लिए सेना में प्रवेश का सबसे प्रमुख तरीका है। इसके तहत महिलाएं 10 से 14 साल की सेवा के लिए भर्ती होती हैं। यह कमीशन महिलाओं को विभिन्न विभागों जैसे इंजीनियरिंग, सिग्नल, शिक्षा, लेखा, कानून आदि में शामिल होने का अवसर प्रदान करता है।
• परमानेंट कमीशन (Permanent Commission - PC): पहले शॉर्ट सर्विस कमीशन तक ही सीमित रही महिलाएं अब कुछ विभागों में परमानेंट कमीशन की सुविधा भी पा सकती हैं। इसका मतलब है कि वे सेना में स्थायी रूप से सेवा दे सकती हैं और करियर की पूरी अवधि तक अपनी सेवाएं जारी रख सकती हैं। यह महिलाओं के लिए एक बहुत बड़ा कदम है, जो उन्हें पुरुषों के समान करियर प्रगति के अवसर प्रदान करता है।
• नेशनल डिफेंस एकेडमी (National Defence Academy - NDA): हाल ही में, महिलाओं को भी नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) के माध्यम से ऑफिसर ट्रेनिंग के लिए चयनित होने का अवसर मिला है। इसके लिए यूपीएससी (UPSC) द्वारा NDA परीक्षा आयोजित की जाती है। NDA के माध्यम से चयनित महिलाएं थल सेना, वायु सेना और नौसेना में अधिकारी के रूप में शामिल होती हैं।
• कंबाइंड डिफेंस सर्विस परीक्षा (Combined Defence Service - CDS Exam): ग्रेजुएशन के बाद महिलाएं CDS परीक्षा के जरिए भी सेना में अधिकारी बन सकती हैं। इस परीक्षा को पास करने के बाद उन्हें विभिन्न प्रशिक्षण अकादमियों में भेजा जाता है।
• मिलिट्री नर्सिंग सर्विस (Military Nursing Service - MNS): यह विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए है जिनके पास नर्सिंग में डिग्री है। MNS के तहत, महिलाएं भारतीय सशस्त्र बलों के अस्पतालों में नर्स के रूप में सेवा करती हैं।
• एनसीसी स्पेशल एंट्री (NCC Special Entry): जिन महिलाओं के पास राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) का 'सी' सर्टिफिकेट है और उन्होंने कुछ निर्धारित मानदंड पूरे किए हैं, वे बिना लिखित परीक्षा के सीधे एसएसबी इंटरव्यू (SSB Interview) के लिए आवेदन कर सकती हैं।
• जज एडवोकेट जनरल (Judge Advocate General - JAG): कानून की डिग्री रखने वाली महिलाएं JAG विभाग में कानूनी सलाहकार के रूप में सेना में शामिल हो सकती हैं।
पुरुषों की ट्रेनिंग से कितनी अलग होती है महिलाओं की भर्ती?
भारतीय सेना में महिलाओं की भर्ती प्रक्रिया में लिखित परीक्षा (Written Exam), मेडिकल टेस्ट (Medical Test) और एसएसबी इंटरव्यू (SSB Interview) शामिल होते हैं, जो पुरुषों के समान ही होते हैं। योग्य उम्मीदवारों को सेना की ट्रेनिंग अकादमियों (Training Academies) में प्रशिक्षण दिया जाता है।
हालांकि, कुछ फिजिकल मानकों (Physical Standards) में पुरुषों और महिलाओं के लिए अंतर होता है। जैसे:
• दौड़ की दूरी (Running Distance): महिलाओं के लिए दौड़ की दूरी और समय सीमा पुरुषों की तुलना में अलग हो सकती है।
• पुश-अप्स (Push-ups) और वजन उठाने के मापदंड (Weight Lifting Criteria): इन शारीरिक व्यायामों के लिए भी महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग मानक निर्धारित किए जाते हैं, जो उनकी शारीरिक क्षमता के अनुरूप होते हैं।
इसके अलावा, कुछ युद्ध संबंधी विभागों (Combat Arms) में अभी भी महिलाओं की भागीदारी सीमित है, हालांकि इसमें लगातार विस्तार हो रहा है। महत्वपूर्ण बात यह है कि मानसिक और लीडरशिप ट्रेनिंग (Mental and Leadership Training) पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए समान होती है। सेना में सभी अधिकारियों को एक समान नेतृत्व कौशल और रणनीतिक सोच सिखाई जाती है, जिससे वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकें।
संक्षेप में, भारतीय सेना में महिलाओं के लिए करियर के रोमांचक अवसर उपलब्ध हैं। सही तैयारी और दृढ़ संकल्प के साथ, आप भी देश की सेवा करने के अपने सपने को पूरा कर सकती हैं।