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Last Modified: गुरुवार, 8 अगस्त 2024 (17:37 IST)

गैंग्स ऑफ वासेपुर 2 की रिलीज को 12 साल पूरे, नवाजुद्दीन सिद्दीकी के आइकॉनिक डायलॉग्स आज भी है पॉपुलर

Gangs of Wasseypur 2 completes 12 years of release Nawazuddin Siddiquis iconic dialogues - Gangs of Wasseypur 2 completes 12 years of release Nawazuddin Siddiquis iconic dialogues
12 years of Gangs of Wasseypur 2: फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर 2' को रिलीज हुए 12 साल हो गए हैं। ऐसे में चाहकर भी हम फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी की जबरदस्त परफॉर्मेंस को नजरअंदाज नहीं कर सकते। नवाजुद्दीन सिद्दीकी का फैजल खान का रोल गैंग्स ऑफ वासेपुर में किसको याद नहीं है, उनके डायलॉग की डिलीवरी इतनी परफेक्ट थी कि वह फिल्म के यादगार पल में तब्दील हो गई। 
 
आइए उन लाइंस पर नजर डालते हैं जो नवाजुद्दीन के जबरदस्त एक्टिंग टेलेंट को दर्शाती हैं और बताती हैं कि फैजल खान का किरदार आज भी इतना यादगार क्यों है।
 
1. बाप का, दादा का, भाई का, सबका बदला लेगा रे तेरा फैजल
नवाजुद्दीन द्वारा इस लाइन को दमदार ढंग से कहने से फैजल खान की बदला लेने की गहरी इच्छा खुलकर सामने आती है, जिससे यह फिल्म के सबसे मजबूत पलों में से एक बन गया है।
 
2. तुमसे ना हो पाएगा
नवाजुद्दीन द्वारा उनके अंदाज में शांत तरीके से कही गई यह सिंपल लेकिन दमदार लाइन काफी पॉपुलर हो गई। इसमें दिखाया गया है कि फैजल अपने दुश्मनों को किस तरह से नीचा दिखाता है।
 
3. कह के लूंगा
अपने शांत और सोच समझकर बोलने के तरीके से, नवाजुद्दीन ने इस डायलॉग को यादगार बना दिया। ये फैज़ल की बदले की मज़बूत इच्छा को दिखाता है।
 
4. परमिशन लेने में टाइम लगता है भैया। इंतज़ार करने का टाइम नहीं है हमको
नवाजुद्दीन की एक्टिंग में फैजल की जल्दबाजी और मजबूत इरादा साफ नजर आता है। यह फैजल के तेज नजरिए और और देरी के प्रति नापसंदगी पर रोशनी डालता है।
 
5. जब तक हम तुम्हारे बाप हैं, तब तक हम बाप हैं। बाप के बाप तुम्हारे बाप
नवाजुद्दीन की दमदार मौजूदगी के साथ कही गई यह लाइन वासेपुर की ताकत को दर्शाती है। यह फैजल के कंट्रोल और ताकत को उजागर करती है।
 
6. गोली नहीं मारेंगे। कह के लेंगे उसकी
इस लाइन में फैजल के रूप में नवाजुद्दीन की चालाकी और रणनीतिक एक्टिंग साफ झलकती है। इससे पता चलता है कि फैजल को शारीरिक लड़ाई के बजाय दिमागी खेल पसंद है।
 
7. बेटे, तुमसे ना हो पाएगा
एक बार फिर, नवाजुद्दीन का आत्मविश्वास और नकारात्मक रवैया सामने आता है, क्योंकि वह अपने प्रतिद्वंद्वी की सफलता की संभावना को बहुत छोटा और नजरअंदाज करने लायक बना देते हैं।
 
इन यादगार डायलॉग्स के साथ फैजल खान के रूप में नवाजुद्दीन सिद्दीकी की भूमिका ने उन्हें इंडिया के बेस्ट एक्टर में से एक बना दिया है। जैसा कि हम "गैंग्स ऑफ वासेपुर 2" के 12 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, ये लाइंस अभी भी उभर कर सामने आती हैं, जो नवाजुद्दीन की शानदार परफॉर्मेंस और इंडियन सिनेमा पर फिल्म के कभी ना मिटने वाली छाप को दर्शाती हैं।
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