शास्त्रीय गायक उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान का निधन, लता मंगेशकर और एआर रहमान ने जताया दुख
दुनियाभर में मशहूर शास्त्रीय गायक उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान का 89 साल की उम्र में मुंबई में निधन हो गया। तकरीबन 15 साल पहले वो ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हो गए थे और उन्हें लकवा मार गया था। उनके निधन पर लता मंगेशकर और एआर रहमान ने सोशल मीडिया के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
Mujhe abhi abhi ye dukhad khabar mili hai ki mahan shastriya gayak Ustad Ghulam Mustafa Khan Saheb is duniya mein nahi rahe. Ye sunke mujhe bahut dukh hua. Wo gayak to acche the hee par insaaan bhi bahut acche the. pic.twitter.com/l6NImKQ4J9
लता मंगेशकर ने अपने ट्विटर हैंडल पर उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान की तस्वीर शेयर की है। इसके साथ लिखा, 'मुझे अभी अभी ये दुखद खबर मिली है कि महान शास्त्रीय गायक उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान साहब इस दुनिया में नहीं रहे। ये सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। वो गायक तो अच्छे थे ही पर इंसान भी बहुत अच्छे थे।'
Meri bhanji ne bhi Khan sahab se sangeet sikha hai, maine bhi unse thoda sangeet sikha tha. Unke jaane se sangeet ki bahut haani hui hai. Main unko vinamra shraddhanjali arpan karti hun.
लता मंगेशकर ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'मेरी भांजी ने भी खान साहब से संगीत सीखा है, मैंने भी उनसे थोड़ा संगीत सीखा है। उनके जाने से संगीत की बहुत हानि हुई है। मैं उनको विनम्र श्रद्धांजलि अर्पण करती हूं।'
एआर रहमान ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'वह सभी के सबसे प्यार शिक्षक थे... उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान को अल्लाह अपनी दुनिया में खास जगह दे।' इसके साथ ही एआर रहमान ने उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान का एक वीडियो शेयर किया है।
उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान के निधन की खबर उनकी बहू नम्रता ने सोशल मीडिया पर शेयर की। जिसमें उन्होंने लिखा- बहुत ही भारी दिल के साथ बताना पड़ रहा है कि कुछ ही मिनट पहले मेरे ससुर, हमारे परिवार के स्तंभ और देश के लीजेंड, पद्मा विभूषण उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान ने आज इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। इन्ना लिल्लाही व इन्ना इलैही राजिऊन।अल्लाह उन्हें जन्नत उल फिरदौस में ऊंचा मुकाम अता करे।
मुस्तफा खान का जन्म 3 मार्च, 1931 को उत्तर प्रदेश के बदायूं में हुआ था। उस्ताद गुलाम मुस्तफा के शिष्यों में सोनू निगम, हरिहरन, शान, आशा भोंसले, गीता दत्त, मन्ना डे, एआर रहमान और लता मंगेशकर का नाम शुमार है। उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान को पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण अवॉर्ड से नवाजा गया था।