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Last Modified: मंगलवार, 8 सितम्बर 2020 (11:31 IST)

आशा भोसले 87 की हुईं, अभी भी गा रही हूं और पैरों पर खड़ी हूं

आशा भोसले 87 की हुईं, अभी भी गा रही हूं और पैरों पर खड़ी हूं - Asha Bhosle turns 87 years young
भारत की महान गायिकाओं में से एक आशा भोसले 8 सितम्बर को 87 वर्ष की हो गईं। आशा में अभी भी इतनी ऊर्जा और उत्साह है कि वे युवाओं को पीछे छोड़ देती हैं। अपने जन्मदिन को लेकर भी उनमें भारी उत्साह है। 
 
इस समय वे लोनावाला में अपने बेटे आनंद, बहू अनुजा और ग्रैंडचिल्ड्रन ज़नाई और रंजनी के साथ हैं। आशा ने अपने शेफ को लोनावाला बुलवाया है। लॉकडाउन के दौरान उन्होंने कई नए व्यंजन बना क्रिएट किए हैं। 
 
वे कहती हैं 'मैं जो भी करती हूं बहुत तेजी से करती हूं, चाहे वो गाना हो या कुकिंग। जब मैं कोई व्यंजन बनाती हूं तो सभी किचन से बाहर चले जाते हैं क्योंकि वे मेरी स्पीड से काम नहीं कर पाते।'    
 
ज़नाई मुंबई से आशा ताई के लिए फ्रेश क्रीम फ्रूट केक लेकर आईं जो फ्रूट्स और ड्राय फ्रूट्स से बना है। साथ ही वे जापानी और चाइनीज़ खाना भी साथ लाई हैं जो आशा ताई को बेहद पसंद है। 


 
अपनी पोतियों के बारे में आशा गर्व के साथ कहती हैं 'दोनों बच्चें बेहद प्रतिभाशाली हैं। ज़नाई गाती हैं और उसमें मैं खुद को एक बच्चे के रूप में देखती हूं।' लेकिन आशा ताई में भी एक बच्चा हमें अभी भी नजर आता है। 
 
वे कहती हैं - “मेरे टैलेंट शो #AshaKiAsha के लिए 3000 से अधिक आवाज़ें सुनने के बाद, मुझे सर्वश्रेष्ठ को  चुनना बहुत मुश्किल लगता है। दुनिया भर की युवा प्रतिभाओं ने अपनी रिकॉर्डिंग भेजी है। उनमें से कुछ बहुत गरीब हैं और कठोर परिस्थितियों में रहते हैं, लेकिन वास्तव में वे ईश्वरीय-दिव्य आवाज़ों के धनी हैं। किसी एक को चुनना आसान काम नहीं होगा। लेकिन युवाओं के साथ अपने 70 साल के अनुभव को साझा करने और मुझे जो संगीत मिला, उसे वापस देने की यह मेरी कोशिश है। मैं इसके लिए भगवान का आभारी हूं।' 
 
आशा ताई अपने लाइव कॉन्सर्ट्स, और खाना पकाने और लोगों को खिलाने के लिए भी तत्पर रहती हैं। वे अपने रेस्तरां का विस्तार करना चाहती है और लोनावला में महिलाओं के लिए रोजगार पैदा करने के लिए भी काम करना चाहती हैं। 
 
वे कहती हैं “मैं इन महिलाओं को अपने पैरों पर खड़े होने में मदद करना चाहती हूं। कोरोना के दौरान आम आदमी के लिए यह आसान नहीं रहा है और यहाँ उन गरीब महिलाओं के लिए भी यह आसान नहीं है, जिन्हें मैंने महामारी के दौरान देखा है। मैं उनके लिए कुछ ठोस करना चाहती हूं। ”
 
पीछे मुड़कर देखें तो आशा ताई को कोई पछतावा नहीं है। वे कहती हैं 'मुझे खुशी है कि मैंने एक ईमानदार जीवन जीया है। मुझे खुशी है कि मैं 10 साल के अपने पहले गाने के रूप में अपने पैरों पर खड़ी हुई और आज 87 साल की उम्र में भी गा रही हूं और अपने पैरों पर खड़ी हूं। मेरा एक सुंदर परिवार है, और एक बड़ा प्रशंसक परिवार भी है। इससे ज्यादा और क्या चाहिए।"