कॉफी विद करण क्या दबाव के चलते करण जौहर ने किया बंद?
कॉफी विद करण एक ऐसा भारतीय शो था जो विदेशी शो की तर्ज पर मेट्रो सिटी में रहने वाले उन संभ्रांत भारतीयों के लिए बनाया गया था सैर-सपाटे के लिए लंदन जाते हैं, विदेश से आयात किया गया पानी पीते हैं और 10 लाख रुपये की कार में घूमने वाला शख्स उनके लिए गरीब है। अंग्रेजी में चटर-पटर करने वाले या हिंदी को अंग्रेजी स्टाइल में बोलने वाले इस वर्ग में 'कॉफी विद करण' इतना लोकप्रिय हो गया कि यह शो देखना फैशनेबल बन गया और इस शो को पसंद करने वाला 'इंटेलेक्चुअल' या 'कूल' माना गया।
करण जौहर ने अपने संबंधों का फायदा उठाते हुए बॉलीवुड की कई सेलिब्रिटीज को इस शो में बुलाया और अटपटे-चटपटे सवालों के बीच ऐसे सवाल भी पूछे जो बेडरूम से जुड़े थे। सेलिब्रिटीज से कोई आम पत्रकार इस तरह के सवाल पूछते तो हंगामा मच जाता, लेकिन करण जौहर फिल्म इंडस्ट्री के ऐसे व्यक्ति हैं जिनकी पहुंच ज्यादातर सितारों के किचन तक है, इसलिए उनके आड़े-तिरछे के सवालों के सेलिब्रिटीज ने हंस कर जवाब दिए।
फिल्म इंडस्ट्री में करण की दोस्ती हीरोइनों और पुरुष सितारों की पत्नियों से है। कहते हैं कि गॉसिप के इस उस्ताद के पास हर वो खबर होती है कि किस सितारे का किसके साथ रोमांस चल रहा है। एक बार उनके प्रिय सितारे का रोमांस बॉलीवुड की हीरोइन के साथ चल रहा था। करण ने यह खबर उस सितारे की पत्नी तक पहुंचा दी और अपनी भाभी का साथ देते हुए उस हीरोइन को सितारे से दूर किया। हीरोइनें करण जौहर की कंपनी में अपने आपको आरामदायक महसूस करती हैं।
करण जौहर बचपन में बहुत मोटे और कम बोलने वाले बच्चे थे। इस तरह के बच्चों को अक्सर चिढ़ाया जाता है इसलिए संभवत: करण घर के बाहर कम निकलते थे। अपने पिता यश जौहर के अंतिम दिनों में उन्होंने धर्मा प्रोडक्शन की बागडोर संभाली और उन ऊंचाइयों तक पहुंचाया जिसका सपना उनके पिता ने भी नहीं देखा था। करण ने अपने व्यक्तित्व में भी आमूलचूल परिवर्तन किया। वजन कम किया और खूब बोलने लगे। एक फिल्म निर्माता और निर्देशक होने के बावजूद उन्होंने कैमरे के सामने आना पसंद किया। टीवी शो में जज बने, फैशन शो का जरूरी हिस्सा बन गए, अवॉर्ड शो होस्ट किए और कॉफी विद करण नामक शो को सफलतापूर्वक प्रस्तुत किया।
करण ने इन सभी जगह बोलते समय कुछ ऐसी बातें भी कही जिनकी चर्चा मध्यमवर्गीय परिवार अपने घर में करना पसंद नहीं करते। समलैंगिकता, कंडोम, सेक्स पोजीशन जैसी बातें उन्होंने कॉफी विद करण शो में की। उच्चवर्गीय परिवार इस तरह की बातों को 'मॉडर्न' और 'कूल' मानता है, लेकिन संस्कृति को जरूरत से ज्यादा महत्व देने वाले लोग इस तरह के शो को खतरा मानते हैं। उनका सोचना है कि इस तरह के शो का युवा वर्ग पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए कॉफी विद करण को क्लास अपील वाला माना गया और मास के लिए इसमें कुछ नहीं था।
कॉफी विद करण में हुई बातों पर कई बार हंगामा भी हुआ। कुछ ऐसी बातें भी हुई जिसकी महीनों तक चर्चा होती रही। करण इन बातों का चटखारे लेकर मजा लेते रहे। वे सेलिब्रिटी के मुंह से राज उगलवाने में माहिर हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों में बॉलीवुड की छवि खराब हुई है और इसे खराब करने की कोशिश भी की गई। कई सितारों के बारे में ऐसी बातें फैलाई गईं जो कभी हुई नहीं और 'फेक न्यूज' के कोहरे में सच देख पाना आसान नहीं है। कई लोगों ने इन बातों पर यकीन कर लिया और कुछ खास लोगों ने सोशल मीडिया के जरिये इन सितारों के खिलाफ अभियान चला दिया।
करण जौहर की छवि भी खराब हुई। उन पर आरोप लगे कि वे नेपोटिज्म को बढ़ावा देते हैं। कुछ मामलों में उनसे पूछताछ भी की गई। करण को जब लगा कि उनके खिलाफ बोलने वाली आवाज अब असहनीय है, शायद इसीलिए उन्होंने कॉफी विद करण से तौबा कर ली। शायद वे जान गए हैं कि अब इस शो का प्रस्तुत करना आसान नहीं रहेगा। खुल कर बातें नहीं कर पाएंगे। किस बात का लोग क्या मतलब निकाल कर विरोध की तलवार लेकर आ जाएंगे, कहा नहीं जा सकता।
दरअसल करण ने अपने आपको इन दिनों लो-प्रोफाइल कर लिया है। अब पहले की तरह पार्टियां वे नहीं दे रहे हैं। टीवी पर भी कम दिखने लगे हैं। सोशल मीडिया पर भी अपनी फिल्मों की ही बात करते हैं। संभवत: वे एक तरह का दबाव महसूस कर रहे हैं और इसीलिए उन्होंने कॉफी विद करण से तौबा कर ली है।