शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. मनोरंजन
  2. बॉलीवुड
  3. आलेख
  4. Sanju, Sanjay Dutt, Rajkumar Hirani, Ranbir Kapoor
Written By

क्या संजय दत्त इस लायक हैं कि उन पर फिल्म बनाई जाए...

क्या संजय दत्त इस लायक हैं कि उन पर फिल्म बनाई जाए... - Sanju, Sanjay Dutt, Rajkumar Hirani, Ranbir Kapoor
संजय दत्त की मां नर्गिस का जब निधन हुआ था तब संजय दत्त ड्रग्स के नशे में चूर थे और उन्हें होश-हवास नहीं था कि क्या हो गया। पहली फिल्म 'रॉकी' के बाद उन्हें जिन निर्माताओं ने साइन किया उन्हें खून के आंसू रोने पड़े क्योंकि संजय दत्त ने उन्हें खूब सताया। वे ड्रग्स के कारण समय पर नहीं पहुंचते थे और निर्माता को लाखों रुपये का चूना लगता था। संजय दत्त पर अवैध हथियार रखने का मुकदमा चला। उन्होंने एक सुपरस्टार के बंगले के बाहर गोलियां चलाई थी क्योंकि जिस अभिनेत्री को वे पसंद करते थे उसका रोमांस उस सुपरस्टार से चल रहा था। 
 
संजय दत्त ने भलाई का कोई काम नहीं किया। वे अभिनेता भी औसत दर्जे के थे। अस्सी के दशक में जब उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा था तब मार-पीट की फिल्में चला करती थी। ऊंचे-पूरे कद के संजय दत्त इस तरह की फिल्मों में फिट हो गए। कभी उन्होंने कोई बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्में भी नहीं दी। केवल मुन्नाभाई सीरिज की दो फिल्में ही उनके लंबे करियर की उपलब्धि मानी जा सकती हैं। 
इसी संजय दत्त के जीवन पर फिल्मकार राजकुमार हिरानी ने 'संजू' नामक फिल्म बनाई है जो 29 जून को प्रदर्शित हो रही है। राजू हिरानी ने संजय के साथ दो फिल्में बनाईं। शूटिंग के बाद खाली समय में संजय दत्त अपने जीवन के किस्से हिरानी को सुनाया करते थे और वहीं से हिरानी को उन पर फिल्म बनाने का आइडिया आया। 
 
अहम सवाल यह है कि क्या संजय दत्त इस लायक हैं कि उन पर फिल्म बनाई जाए? उन्होंने ऐसा क्या कर दिया है कि उनके जीवन-यात्रा को लोगों के सामने लाया जा रहा है? ऐसे क्या तीर मारे या ऐसी क्या उपलब्धियां हासिल की? अब कहने वाले कह सकते हैं कि अपराधियों पर भी फिल्में बनी हैं।  
 
दूसरी आपत्ति इस बात को लेकर है कि राजकुमार हिरानी ने संजय की जीवन यात्रा को परदे पर उतारा है। संजय दत्त पर सुभाष घई जैसा फिल्मकार फिल्म बनाता तो किसी तरह सहन कर लेते क्योंकि घई का एक स्तर है। घई के मुकाबले हिरानी का स्तर कहीं ऊंचा हैं। 


 
हिरानी यदि महात्मा गांधी या चाली चैप्लिन या आइंस्टीन की बायोपिक बनाते तो मंजूर होता क्योंकि हिरानी इन महापुरुषों के जीवन पर बनने वाली फिल्मों के साथ न्याय कर सकते हैं। संजय दत्त के जीवन पर फिल्म बनाना यानी हिरानी का अपने स्तर से नीचे का काम है। संजू जैसी फिल्म हिरानी कभी भी चलते-फिरते बना सकते हैं। 
 
संजू जैसी फिल्म पर हिरानी ने अपने जीवन के महत्वपूर्ण तीन-चार साल लगाए, इस दौरान वे इससे बेहतर फिल्म बना सकते थे। निश्चित रूप से 'संजू' में मनोरंजन के तत्व होंगे, लेकिन हिरानी इससे कहीं बेहतर विषय पर फिल्म बना सकते थे। शायद वे दोस्ती का कर्ज अदा करने के मूड में हों।