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Last Updated : रविवार, 7 जुलाई 2024 (15:28 IST)

दमदार अभिनय से दिलीप कुमार ने सिने प्रेमियों के दिलों में छोड़ी अमिट छाप

dilip kumar death anniversary actor interesting facts ‍ - dilip kumar death anniversary actor interesting facts ‍
dilip kumar death anniversary : बॉलीवुड में दिलीप कुमार ऐसी शख्सियत के तौर पर याद किया जाता है, जिन्होंने दमदार अभिनय और जबरदस्त संवाद अदायगी से सिने प्रेमियों के दिल पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। 11 दिसंबर 1922 को पेशावर अब पाकिस्तान में जन्में युसूफ खान उर्फ दिलीप कुमार अपनी माता-पिता की 13 संतानों में तीसरी संतान थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पुणे और देवलाली से हासिल की थी।

 
साल 1943 में दिलीप कुमार की मुलाकात बांबे टॉकीज की व्यवस्थापिका देविका रानी से हुई जिन्होंने उनकी प्रतिभा को पहचान मुंबई आने का न्यौता दिया। पहले तो दिलीप कुमार ने इस बात को हल्के से लिया लेकिन बाद में कैंटीन व्यापार में भी मन उचट जाने से उन्होंने देविका रानी से मिलने का निश्चय किया।
 
देविका रानी ने युसूफ खान को सुझाव दिया कि यदि वह अपना फिल्मी नाम बदल दे तो वह उन्हें अपनी नई फिल्म.ज्वार भाटा बतौर अभिनेता काम दे सकती है। देविका रानी ने युसूफ खान को वासुदेव, जहांगीर और दिलीप कुमार में से एक नाम को चुनने को कहा। साल 1944 में प्रदर्शित फिल्म ज्वार भाटा से बतौर अभिनेता दिलीप कुमार ने अपने सिने करियर की शुरूआत की।
 
साल 1948 में प्रदर्शित फिल्म मेला की सफलता के बाद दिलीप कुमार बतौर अभिनेता फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में सफल हो गए। दिलीप कुमार के सिने करियर मे उनकी जोडी अभिनेत्री मधुबाला के साथ काफी पसंद की गई। साल 1960 में दिलीप कुमार के सिने करियर की एक और अहम फिल्म मुगले आजम प्रदर्शित हुई। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बनी के.आसिफ निर्देशन में सलीम -अनारकली की प्रेमकथा पर बनी इस फिल्म में दिलीप कुमार ने शहजादे सलीम की भूमिका को रूपहले पर्दे पर जीवंत कर दिया।
 
साल 1961 में रिलीज फिल्म गंगा जमुना के जरिए दिलीप कुमार ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया। फिल्म की सफलता के बाद दिलीप कुमार ने इसके बाद भी फिल्म बनाने का निश्चय किया लेकिन इन्कम टैक्स वालों के बुरे बर्ताव के कारण उन्होंने फिर कभी फिल्म निर्माण करने से तौबा कर ली। फिल्म गंगा जमुना में दिलीप कुमार ने हिंदी और भोजपुरी का मिश्रण किया और उनका यह प्रयोग काफी सफल रहा। इस फिल्म में दिलीप कुमार के साथ उनके भाई नासिर खान ने भी अभिनय किया।
 
साल 1966 में दिलीप कुमार ने फिल्म अभिनेत्री सायरा बानो के साथ निकाह कर लिया। साल 1967 में रिलीज फिल्म राम और श्याम दिलीप कुमार के सिने करियर की एक और सुपरहिट पिल्म साबित हुई। दो जुडवां भाइयों की कहानी पर आधारित इस फिल्म में दब्बू और निडर के रूप में दोहरी भूमिकाओं को दिलीप कुमार ने बेहद सधे अंदाज में निभाकर दर्शकों का दिल जीत लिया था।
 
साल 1976 में रिलीज फिल्म बैराग की असफलता के बाद दिलीप कुमार ने लगभग पांच वर्षो तक फिल्म इंडस्ट्री से किनारा कर लिया। साल 1980 में फिल्म निर्माता-निर्देशक मनोज कुमार के कहने पर दिलीप कुमार ने फिल्म क्रांति में बतौर चरित्र अभिनेता अपने सिने करियर की दूसरी पारी शुरू की। फिल्म में अपने दमदार चरित्र से दिलीप कुमार ने एक बार फिर से दर्शकों का मनमोह कर फिल्म को सुपरहिट बना दिया।
 
साल 1982 में रिलीज फिल्म शक्ति हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की बेहतरीन क्लासिक फिल्मों में शुमार की जाती है। इस फिल्म में दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन ने पहली बार एक साथ काम कर दर्शको को रोमांचित कर दिया। अमिताभ बच्चन के सामने किसी भी कलाकार को सहज ढंग से काम करने में दिक्कत हो सकती थी लेकिन फिल्म शक्ति में दिलीप कुमार के साथ काम करने में अमिताभ बच्च्न को भी कई दिक्कत का सामना करना पड़ा। 
 
फिल्म शक्ति के एक दृश्य को याद करते हुए अमिताभ बच्चन ने बताया था कि फिल्म के क्लाइमेक्स में जब दिलीप कुमार उनका पीछा करते रहते है तो उन्हें पीछे मुड़कर देखना होता है जब वह ऐसा करते है तो वह दिलीप कुमार की आंखों में देख नही पाते है और इस दृश्य के कई रिटेक होते है।
 
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में बतौर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता सर्वाधिक फिल्म फेयर पुरस्कार प्राप्त करने का कीर्तिमान दिलीप कुमार के नाम दर्ज है। दिलीप कुमार को अपने सिने करियर में आठ बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। फिल्म जगत में दिलीप कुमार के महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए उन्हे साल 1994 मे फिल्म इंडस्ट्री के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया गया। 
 
 
इसके अलावा पाकिस्तान सरकार ने दिलीप कुमार को वहां के सर्वोच्च सम्मान 'निशान ए इम्तियाज' से सम्मानित किया। साल 1980 में दिलीप कुमार मुंबई में शेरिफ के पद पर नियुक्त हुए। अपने दमदार अभिनय से दर्शकों के बीच विशिष्ठ पहचान बनाने वाले दिलीप कुमार 7 जुलाई 2021 को इस दुनिया से अलविदा कह गए।
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