कहते हैं कि हिंदी फिल्म के इतिहास में अमिताभ बच्चन जैसा लोकप्रिय स्टार और कोई नहीं हुआ है। अमिताभ बच्चन के प्रति ऐसी दीवानगी थी कि महीनों तक उनकी फिल्में सिनेमाघर में हाउसफुल चला करती थी। टिकट ब्लैक हुआ करते थे।
टिकट की कालाबाजारी करने वालों के लिए वे देवता से कम नहीं थे। उनका घर अमिताभ की फिल्मों की टिकट की कालाबाजारी से ही चला करता था। अमिताभ की लोकप्रियता को आज के पैमाने पर तौला जाए तो शाहरुख-आमिर-सलमान की लोकप्रियता को मिला लिया जाए तो भी वे अमिताभ बच्चन से बेहद पीछे नजर आएंगे।
हाल ही में अमिताभ के फैन ने ट्विटर पर फोटो पोस्ट किया है, जिसे अमिताभ बच्चन ने भी रिट्विट किया है। यह फोटो उस समय का है जब डॉन रिलीज हुई थी। मुंबई स्थित न्यू एक्सीलियर सिनेमा में डॉन की एडवांस बुकिंग चल रही है और लंबी लाइन देखी जा सकती है।
उस दौर में सिनेमा का टिकट पाने के लिए दो-दो घंटे से भी ज्यादा लाइन में लगना पड़ता था। लाइन में लग कर टिकट पा लेना मानो युद्ध जीतने के समान हुआ करता था। यह आलम तब का है जब सिनेमाघर में सीटों की संख्या एक हजार के आसपास हुआ करती थी जबकि आज के दौर में मल्टीप्लेक्स में सीटों की संख्या दो सौ से चार सौ के बीच हुआ करती है।
अमिताभ के फैन घंटों पहले लाइन में लग कर टिकट पाने की जुगाड़ लगाया करते थे। एक शो का टिकट नहीं मिला तो वे दूसरे शो के लिए लाइन में खड़े हो जाया करते थे। तब सिनेमा मनोरंजन का एकमात्र और सस्ता साधन था। पायरेसी भी नहीं थी, लिहाजा सिनेमाघरों में दर्शकों की खासी संख्या हुआ करती थी।