कौन हैं डॉ. जागृति ठाकुर, दादा भारत रत्न, ताऊ केन्द्र में मंत्री, PK ने उतारा चुनाव मैदान में
Who is Dr Jagriti Thakur: बिहार की राजनीति में डॉ. जागृति ठाकुर का नाम अचानक प्रमुखता से सामने आया है। हालांकि जागृति के परिवार का एक समय बिहार की राजनीति में तगड़ा रसूख रहा है। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने उन्हें समस्तीपुर की मोरवा सीट से उम्मीदवार बनाया है। जागृति ने 28 जुलाई को पटना में जन सुराज पार्टी के कार्यक्रम में पार्टी की सदस्यता ली थी। उन्होंने कहा था- मैं अपने दादा के अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए राजनीति में आई हूं। जब मोरवा सीट से उनका नाम फाइनल हुआ तो समर्थकों ने पटोरी, मोरवा और शाहपुर में जश्न मनाया।
कर्पूरी ठाकुर की पोती है जागृति : जागृति बिहार के जननायक के नाम से मशहूर समाजवादी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की पोती हैं, जिन्हें लोकसभा चुनाव से पहले 2024 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। जागृति उस समय चर्चा में आईं जब उन्होंने यह दावा किया कि उनके दादा कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद बड़े समाजवादी नेताओं ने उनके पिता वीरेंद्र ठाकुर को राजनीतिक विरासत संभालने के लिए आगे बढ़ाना चाहा था, लेकिन उनके पिता ने यह मौका अपने बड़े भाई रामनाथ ठाकुर को दिया था। मोरवा में जागृति की उम्मीदवारी के बाद दूसरे दलों में हड़कंप मचा हुआ है। क्योंकि जन सुराज पार्टी के एक सर्वे में यह सामने आया है कि इलाके में कर्पूरी ठाकुर को लोग अब भी पसंद करते हैं।
आज भी ठाकुर परिवार का दबदबा : कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलने के बाद से वह परिवार के सदस्य के रूप में मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर अपने दादा के सामाजिक कार्यों और किस्सों को साझा करती रही हैं। रामनाथ जदयू से राज्यसभा सांसद हैं और केन्द्र सरकार में मंत्री हैं। जागृति के सक्रिय राजनीति में उतरने के बाद कर्पूरी ठाकुर का परिवार एक बार फिर चर्चा में है। कर्पूरी ठाकुर का नाम आज भी बिहार गांव-गांव में सम्मान और प्रेरणा का प्रतीक है।
विरासत की लड़ाई : उल्लेखनीय है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर जननायक के नाम से मशहूर हैं। वर्तमान में बिहार के दिग्गज नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू यादव खुद को कर्पूरी ठाकुर का राजनीतिक शिष्य बताते हैं। उनकी विरासत पर दावा करने के लिए नीतीश ने उनके बेटे रामनाथ ठाकुर को राज्यसभा भेजा और केन्द्र में मंत्री बनवाया। वहीं, तेजस्वी यादव ने यह कहकर उनकी विरासत पर दावा करने की कोशिश की कि स्व. ठाकुर की मौत उनके पिता (लालू) की गोद में हुई थी। यदि जागृति को चुनाव में सफलता मिलती है तो वे कर्पूरी ठाकुर की तीसरी पीढ़ी के रूप में उनकी विरासत को आगे बढ़ाएंगी।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala