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Last Updated : गुरुवार, 28 सितम्बर 2017 (18:44 IST)

कुर्दिस्तान की आज़ादी के पक्ष में 92 फ़ीसदी वोट

कुर्दिस्तान की आज़ादी के पक्ष में 92 फ़ीसदी वोट - Referendum in iraq for Kurdistan
इराक़ के उत्तरी हिस्से में सोमवार को हुए विवादित जनमत संग्रह में लोगों ने आज़ाद कुर्दिस्तान क्षेत्र के पक्ष में जोर शोर से मतदान किया। चुनाव आयोग के मुताबिक वोटिंग करने वाले 33 लाख लोगों में से 92 फ़ीसद ने अलगाव का समर्थन किया। इनमें कुर्द और गैर कुर्द दोनों शामिल हैं।
 
इराक़ के प्रधानमंत्री हैदर अल अबादी ने आखिरी वक़्त में जनमत संग्रह के नतीजों को 'रद्द' करने की अपील की थी लेकिन बावजूद इसके परिणाम का ऐलान किया गया। प्रधानमंत्री अबादी ने कुर्दों से अपील की कि वो 'संविधान के ढांचे के तहत' इराक़ सरकार से बातचीत करें।
 
कुर्द नेताओं का कहना है कि जनमत संग्रह में 'हां' के पक्ष में मिले वोट उन्हें बगदाद में मौजूद सरकार और पड़ोसी देशों से अलगाव को लेकर बातचीत करने का जनादेश देगा।
 
सेना तैनात हो
इस बीच इराक की संसद ने प्रधानमंत्री से कहा है कि वो तेल बहुल किरकुक क्षेत्र और कुर्द सेना के नियंत्रण वाले दूसरे विवादित क्षेत्रों में सेना तैनात करें। कुर्द पशमरगा लड़ाकों ने उस वक़्त किरकुक पर निंयत्रण हासिल किया था जब साल 2014 में पूरे उत्तरी इराक़ में कथित इस्लामिक स्टेट के जिहादियों ने अधिकार कर लिया था और इराक़ी सेना परास्त हो गई थी।
 
जनमत संग्रह इराक के कुर्दिस्तान क्षेत्र के तीन राज्यों और 'क्षेत्र के अधिकार से बाहर के कुर्दिस्तान वाले इलाके में' कराया गया था। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बुधवार को इरबिल में जानाकरी दी कि 28 लाख 61 हज़ार लोगों ने आज़ादी के पक्ष में 'हां' कहा और दो लाख 24 हज़ार लोगों ने 'ना' के पक्ष में मतदान किया। जनमत संग्रह में 72.61 फ़ीसद लोगों ने हिस्सा लिया।
 
इराक की सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने जनमत संग्रह का जोरदार विरोध किया था। विरोध करने वालों का कहना था कि इससे स्थिरता, ख़ासकर इस्लामिक स्टेट के ख़िलाफ संघर्ष पर असर होगा। 
 
इराक़ के प्रधानमंत्री अबादी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता नागरिकों के सुरक्षा सुनिश्चित करना होगा।
 
चेतावनी
उन्होंने कहा, "हम संविधान के मुताबिक क्षेत्र के सभी ज़िलों में इराक़ का शासन स्थापित करेंगे।" उन्होंने ये चेतावनी भी दी कि अगर इराक़ की सरकार को शुक्रवार तक इरबिल और सुलेमानिया हवाईअड्डों का अधिकार नहीं दिया गया तो कुर्दिस्तान क्षेत्र को आने वाली सभी सीधी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगा दी जाएगी।
 
वहीं, जनमत संग्रह पर 'गहरी निराशा' जाहिर करने वाले अमेरिका ने प्रधानमंत्री अबादी की चेतावनी पर सवाल उठाए हैं। लेबनान की मिडिल ईस्ट एयरलाइन्स और इजिप्ट एयर ने यात्रियों से कहा है कि वो शुक्रवार से अगले नोटिस तक इरबिल के लिए उड़ान बंद कर रहे हैं।
 
कुर्द मध्य पूर्व में चौथा सबसे बड़ा जातीय समूह है लेकिन उनका कभी कोई स्थायी राष्ट्र नहीं रहा। इराक की कुल आबादी में उनकी हिस्सेदारी 15 से 20 फ़ीसदी है। साल 1991 में स्वायत्ता हासिल करने से पहले कुर्दों को दशकों तक दमन का सामना करना पड़ा।
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