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Last Updated : शनिवार, 6 अप्रैल 2019 (11:15 IST)

IPL 2019: अब केकेआर से भी हारी आरसीबी, जानें 5 कारण

IPL 2019: अब केकेआर से भी हारी आरसीबी, जानें 5 कारण - KKR vs RCB in IPL
- आदेश कुमार गुप्त (खेल पत्रकार, बीबीसी हिन्दी के लिए)
 
सोचिए कि चमत्कार, अविश्वसनीय और करिश्मा जैसे शब्द अपने मायने खो दें और समर्थकों से भरा स्टेडियम किसी खिलाड़ी की एक पारी से नि:शब्द हो जाए। शुक्रवार को ऐसा ही हुआ, जब बेंगलोर में कोलकाता के आंद्रे रसेल के नाम की ऐसी सुनामी आई जिसने विराट कोहली की पूरी टीम को हिलाकर रख दिया।
 
 
कोलकाता ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर को 5 विकेट से हरा दिया। उसके सामने जीत के लिए 206 रनों का लक्ष्य था, जो उसने आंद्रे रसेल के केवल 13 गेंदों पर 1 चौके और 7 छक्कों की मदद से बनाए गए नाबाद 48 रनों की मदद से 19.1 ओवर में 5 विकेट खोकर हासिल कर लिया।
 
 
रसेल के बल्ले से निकली चौकों-छक्कों की बौछार ने स्टेडियम में मौजूद मेजबान आरसीबी के समर्थन में उठ रहे शोर को समाप्त कर दिया। हालांकि स्टेडियम में मौजूद दर्शक खुशनसीब रहे जिन्हें ऐसी चमत्कारी पारी देखने को मिली। जब रसेल का बल्ला बेंगलोर के गेंदबाजों की हर गेंद को गाजर-मूली की तरह काट रहा था तब सभी दांतों तले अंगुली दबाए हुए थे।
 
 
ऐसा नहीं है कि रसेल ने 7 छक्के तुक्के में लगाए। उनके ताकतवर शॉट वहीं गए, जहां रसेल खेलना चाह रहे थे। उनके शिकार बने टिम साउदी। टिम साउदी का ओवर, जो पारी का 19वां ओवर था, उसमें उन्होंने 4 छक्के और 1 चौका लगाया। साउदी ने इस ओवर में 29 रन दिए। इससे पहले स्टोइनिस द्वारा फेंके गए 18वें ओवर में भी 23 रन बने। इसमें भी रसेल ने 2 छक्के उड़ाए।
 
 
इसके अलावा पारी के 16वें ओवर में भी 13 रन बने। यह ओवर पवन नेगी ने किया था। ये वे 3 ओवर थे जिन्होंने बेंगलोर के मुंह से लगभग निश्चित नजर आ रही जीत छीन ली। जरा सोचिए अगर यह मैच ईडन गार्डंस में हो रहा होता तो क्या कोलकाता सारी रात सो पाता? शायद नहीं। रसेल की इस पारी का जश्न सुबह तक चलता।
 
 
क्रिस लिन और नीतीश राणा भी छाए
रसेल के अलावा क्रिस लिन ने 43 और नीतीश राणा ने 37 रन बनाए। मैच के बाद हार से निराश कप्तान विराट कोहली ने ईमानदारी से स्वीकार किया कि अंतिम ओवर में जैसी गेंदबाजी होनी चाहिए, वैसी चतुराई उनके गेंदबाजों में नहीं है।
 
 
दूसरी तरफ रसेल ने कहा कि ऐसे मैच में केवल 1 ओवर मैच का नक्शा बदल देता है। उन्होंने यह भी कहा कि धुआंधार बल्लेबाजी करते समय गेंद पर आंख और हाथ का सांमजस्य सही होना चाहिए। इससे पहले बेंगलोर ने टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी की दावत पाकर निर्धारित 20 ओवरों में 3 विकेट खोकर 205 रन बनाए। कप्तान विराट कोहली ने 84 और एबी डिविलियर्स ने 63 रन बनाए। फिर ऐसा क्या हुआ, जो बेंगलोर को ले डूबा और वह भी लगातार 5वें मैच में?
 
 
लगातार 5 हार के 5 कारण
ऐसे 5 कारण जिन्होंने कोहली के विराट रूप को बौना बना दिया और 360 डिग्री पर खेलने की क्षमता रखने वाले एबी डिविलियर्स के होते हुए भी टीम खुद 360 डिग्री पर घूम रही है।
 
1. बल्लेबाजी में दम नहीं
कहने को निर्धारित 20 ओवरों में 3 विकेट पर 205 रन का स्कोर कम नहीं कहा जा सकता लेकिन जब पहले विकेट के लिए विराट कोहली और पार्थिव पटेल के बीच तेजी से 64 रन बने तो उम्मीद थी कि स्कोर 230 या उससे भी अधिक बन सकता है।
 
 
लेकिन विराट कोहली 49 गेंदों पर 84 और डिविलियर्स 32 गेंदों पर 63 रन बनाकर आउट हुए तो यह लक्ष्य मुश्किल हो गया। इसके अलावा कोहली और डिविलियर्स के अलावा केवल पार्थिव पटेल ही थोड़ा-बहुत इस बार चल पाए हैं।
 
 
चेन्नई के खिलाफ 70 रन पर सिमटने के अलावा आरसीबी टीम हैदराबाद के खिलाफ भी केवल 113 रन पर ढह गई थी जबकि उसी मैच में जॉनी बेयरस्टो और डेविड वॉर्नर ने शतक बनाए थे यानी बेंगलोर की बल्लेबाजी में इस बार दम नहीं है।
 
 
2. कमजोर फील्डिंग
अभी तक हुए मैचों में बेंगलोर की फील्डिंग बेहद कमजोर नजर आई। एक तरफ पवन नेगी ने सुनील नारायन का कैच बेहद खूबसूरती से पकड़ा तो दूसरी तरफ कई आसान कैच टपकाए गए। इससे पहले खेले गए चौथे मैच में, जो राजस्थान रॉयल्स ने जीता था, उसमें भी कम से कम 5 कैच छोड़े गए। कोलकाता के खिलाफ तो दिनेश कार्तिक का एक शॉट खुद कप्तान विराट कोहली के हाथों से टकराता हुए बाउंड्री लाइन पार कर गया।
 
 
3. गेंदबाजी में धार नहीं
बेंगलोर की गेंदबाजी में अभी तक खेले गए मुकाबलों में कोई धार नजर नहीं आई है। यह भी सच है कि अगर रसेल का बल्ला बोलने लगे तो उन्हें रोकना मुश्किल है लेकिन असंभव तो नहीं है। लेकिन बेंगलोर के पास एक भी ऐसा गेंदबाज नहीं था, जो रसेल को यॉर्कर के जाल में फंसा पाता, जैसा दिल्ली के कैगिसो रबाडा ने कर दिखाया था।
 
 
तब रबाडा ही थे जिन्होंने रसेल को सुपर ओवर में अपनी यॉर्कर से रोका था और जीत का सेहरा अपनी टीम के सर बांधा था। यहां तक कि जिस विकेट पर चेन्नई ने बेंगलोर का पुलिंदा इस आईपीएल के पहले ही मैच में अपने स्पिनर के दम पर महज 70 रन पर बांधा था, वहां भी स्पिन के मददगार विकेट पर उसके गेंदबाज केवल 3 विकेट ले सके थे।
 
 
केवल युजवेंद्र चहल एकमात्र ऐसे गेंदबाज हैं जिन्होंने कुछ अच्छी गेंदबाजी की है लेकिन एक ही गेंदबाज के दम पर तो मैच नही जीते जाते।
 
 
4. टीम के चयन पर सवाल
टीम के चयन में भी कप्तान कोहली चूक रहे हैं, ऐसी चर्चा है। पिच को देखकर यह तय करना कि अंतिम 11 कौन से खिलाड़ी हों, इसे लेकर तो टेस्ट क्रिकेट तक में विराट कोहली की आलोचना की जाती है।
 
 
5. कप्तानी पर भी प्रश्न
विराट कोहली आज तक अपनी टीम को कभी आईपीएल का चैंपियन नहीं बना सके। इससे उनकी कप्तानी भी सवालों के घेरे में है। किसी और फ्रेंचाइजी ने शायद ही इतने मौके किसी कप्तान को दिए हों। गौतम गंभीर को तो कोलकाता ने तब टीम से निकाल दिया था, जब उन्होंने टीम को चैंपियन तक बनाया था।
 
 
कभी विराट कोहली का बल्ला आईपीएल में रसेल की तरह ही बोलता था। आईपीएल के बाद ही उन्हें दुनिया का सबसे बेहतरीन बल्लेबाज माना गया था। लेकिन इस बार तो उनके बल्ले से केवल एक ही अर्द्धशतक निकला है। अगर विराट का बल्ला खामोश रहा तो परिणाम भी ऐसे ही आते रहेंगे। भला 70 रन पर लुढ़कने वाली टीम को कौन बचाएगा?
 
 
अब तो ऐसा लगता है कि यह साल उनके लिए ठीक नहीं है। पहले तो ऑस्ट्रेलिया के हाथों टी-20 और एकदिवसीय सिरीज में हार मिली और अब आईपीएल में लगातार 5 हार। कहीं विश्व कप से पहले उनका मनोबल ही न टूट जाए। इसलिए बेंगलोर की टीम अब भी संभल जाए तो बेहतर है।
 
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