भारत प्रशासित कश्मीर में दशकों से चले आ रहे संघर्ष की सुर्ख़ियों में आम लोगों की आपबीती कहीं खो गई है। बीबीसी यही अनदेखी-अनसुनी कहानियां आप तक ला रहा है।
साल 2016 की गर्मियों में हुए हिंसक प्रदर्शनों और कई लोगों की मौत के बाद अब एक और गर्मी आई है। आशंका है कि भावनाएं फिर ना भड़कें, भारत से 'आज़ादी' के नारे फिर ना बुलंद हों।
ऐसे में भारत और पाकिस्तान के बीच बंटी हुई कश्मीर वादी में लोगों को आखिर क्या जोड़ता है?
बच्चे और युवा अपने आने वाले कल के लिए क्या ख़्वाब देख रहे हैं?
वहां की बच्चियों का जीवन, वादी के बाहर रह रही बच्चियों की ज़िंदगी से कितना अलग है?
ऐसे ही सवालों के जवाब जानने बीबीसी संवाददाताओं की टीमें भारत प्रशासित और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर गईं। आने वाले दिनों में हम आप तक लाएंगे वादी में रह रही एक बच्ची की दिल्ली में रह रही एक लड़की से चिट्ठियों के ज़रिए बातचीत।
दो हिस्सों में बँटे कश्मीर से जब लड़कियाँ शादी करके 'दूसरी तरफ़' यानी भारत और पाकिस्तान गईं तो उन पर क्या गुज़री, ये भी हम आप तक पहुँचाएँगे। साल 2012 में हिंसक प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे पत्थरबाज़ों के बदलते जीवन का ब्योरा भी होगा।
तस्वीर का दूसरा पहलू भी होगा, वादी में तैनात सुरक्षा बलों की चुनौतियां और नज़रिया भी होगा। परिवार से दूर और पत्थरबाज़ों के सामने खड़े सिपाही की बात होगी। वादी छोड़ भारत के अन्य क्षेत्रों में नौकरी और काम के लिए बस गए कश्मीरी लोगों से मुलाकात होगी।
साथ ही वादी में गूंजते संगीत की भी झलक होगी। जिसमें वानवुन की धुनों से लेकर हिंसा के ख़िलाफ़ आवाज़ के तौर पर उभरे संगीत की गूंज होगी। ये सब आप हमारी वेबसाइट, फ़ेसबुक पेज़ या ट्विटर के ज़रिए देख-सुन-पढ़ सकेंगे। तो जुड़े रहें हमारे साथ और फॉलो करें #UnseenKashmir.