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Written By BBC Hindi
Last Modified: गुरुवार, 13 जुलाई 2023 (08:36 IST)

चैटबॉट के लिए 90 फीसदी स्टाफ की छंटनी, फैसले पर सवालों में घिरे भारतीय कंपनी के सीईओ

चैटबॉट के लिए 90 फीसदी स्टाफ की छंटनी, फैसले पर सवालों में घिरे भारतीय कंपनी के सीईओ - 90 percent staff retrenchment for chatbot
रोजगार के संकट वाले माहौल में जब किसी कंपनी के सीईओ फर्म के 90 फीसदी स्टाफ को नौकरी से निकाल दें और उसकी जगह पर एक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस चैटबॉट को काम पर लगा दें तो प्रतिक्रिया आना स्वाभाविक है। जाहिर है कि इसकी आलोचना होगी और ये हो रही है।
 
भारत की स्टार्टअप दुनिया में इन दिनों 'दुकान' के फाउंडर सुमित शाह इसलिए सुर्खियों में हैं। इतना ही नहीं सुमित शाह ने तो ट्विटर पर ये एलान भी कर दिया कि चैटबॉट से उनके ग्राहकों को मिलने वाले जवाब जल्दी मिलने लगे हैं और इसमें वक़्त भी पहले से कम लग रहा है। लेकिन ट्विटर पर उनका ये कहना हंगामा बरपा गया।
 
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस
ये घटना ऐसे समय में हुई है जब इस बात को लेकर बहस हो रही है कि लोगों की नौकरियां आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की वजह से खतरे में हैं, ख़ासकर सर्विस इंडस्ट्री में।
 
सुमित शाह ने कई ट्वीट्स किए हैं जिसमें उन्होंने चैटबॉट इस्तेमाल करने के कंपनी के फ़ैसले के बारे में लिखा है। हालांकि उन्होंने छंटनी के फ़ैसले को 'मुश्किल' बताया और कहा कि ये 'ज़रूरी' था।
 
उन्होंने लिखा है, "अर्थव्यवस्था की हालत को देखते हुए स्टार्ट अप्स यूनीकॉर्न बनने की अपनी चाहत को लेकर मुनाफे पर अपनी प्राथमिकता तय कर रहे हैं और हम भी ऐसा कर रहे हैं।" यूनीकॉर्न कंपनी एक अरब डॉलर के वैल्यूएशन वाले स्टार्ट अप्स को कहा जाता है।
 
'फौरन संतुष्टि'
सुमित शाह ने ये सफ़ाई भी दी है कि कस्टमर सपोर्ट के मोर्चे पर उनकी कंपनी लंबे समय से संघर्ष कर रही थी और वे इसे दुरुस्त करना चाह रहे थे।
 
कस्टमर सपोर्ट के लिए बॉट और एआई प्लेटफॉर्म का निर्माण इतने कम समय कैसे किया गया, सुमित शाह ने इसकी जानकारी भी दी है।
 
उन्होंने बताया कि इस फैसले के बाद दुकान के ग्राहकों के पास अपना एआई असिस्टेंट होगा। उनका कहना है कि चैटबॉट सभी तरह के सवालों के जवाब सटीक और जल्दी से देता है।
 
सुमित शाह ने लिखा है, "फौरन संतुष्टि के इस जमाने में कोई कारोबार शुरू करना अब बड़ी बात नहीं रह गई है। अगर आपके पास सही आइडिया हो, सही टीम हो, कोई भी अपने कारोबारी सपने को हकीकत में बदल सकता है।"
 
'कठोर फैसले'
स्टार्टअप दुकान ने कहा है कि उनकी कंपनी अलग-अलग भूमिकाओं के लिए हायरिंग भी कर रही है। हालांकि सोशल मीडिया पर सुमित शाह के इस एलान के बाद आलोचनाएं भी हो रही हैं। लोग उन पर 'इस कठोर फैसले' की वजह से कंपनी के स्टाफ़ की ज़िंदगी में मुश्किलें पैदा करने का आरोप लगा रहे हैं।
 
ट्विटर पर एक यूजर ने पूछा है, "जैसा कि उम्मीद थी कि उन्होंने नौकरी से निकाले गए 90 फीसदी स्टाफ का कोई जिक्र नहीं किया है। उन्हें क्या मदद मुहैया कराई जा रही है।"
 
एक अन्य यूजर ने लिखा है, "हो सकता है कि ये कारोबार के लिहाज से अच्छा फ़ैसला हो लेकिन लेकिन इस पर जश्न नहीं मनाया जाना चाहिए।"
 
चैटजीपीटी
इन्हीं आलोचनाओं में से एक ट्वीट के जवाब में सुमित शाह ने लिखा है, "जैसा कि उम्मीद थी कि कोई और व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की तरफ़ से आहत हो जाएगा..."
 
उन्होंने लिखा है कि वे अपने कर्मचारियों की मदद के लिए उठाए गए कदमों के बारे में लिंक्डिन पर लिखेंगे क्योंकि ट्विटर पर लोग फायदे की तलाश करते हैं न कि सहानुभूति की।
 
हाल के सालों में चैटजीपीटी जैसे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टूल्स का चलन बढ़ा है और लोगों तक इसकी पहुंच भी बढ़ी है।
 
ऐसी रिपोर्टें हैं कि कंपनियां अपनी उत्पादकता बढ़ाने और खर्चों में कटौती के लिए इन टूल्स का इस्तेमाल कर रही हैं। इसे लेकर कर्मचारियों में डर रहता है कि वे कहीं अपनी नौकरी न गंवा दें।
 
मार्च के महीने में गोल्डमैन सैक्स ने एक रिपोर्ट पब्लिश की थी जिसमें ये कहा गया था कि एआई 30 करोड़ फुल टाइम जॉब्स को खत्म कर सकता है।
 
भारत में कई कंपनियां अपने प्रोडक्ट डेवलप करने के लिए एआई टेक्नोलॉजी में इन्वेस्ट कर रही हैं जिसे नौकरियों में कटौती के खतरे के रूप में देखा जा रहा है।
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