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Written By अवनीश कुमार
Last Updated :अयोध्या , शनिवार, 30 दिसंबर 2023 (11:05 IST)

जो राम को नहीं मानते, वे आएं चाहे नहीं आएं : आचार्य सत्येन्द्र दास

जो राम को नहीं मानते, वे आएं चाहे नहीं आएं : आचार्य सत्येन्द्र दास - Acharya Satyendra Das's statement regarding Ram temple
Satyendra Das, Chief Priest Acharya : अयोध्या (Ayodhya) में 22 जनवरी के दिन को उत्सव का रूप देने में जहां जिला प्रशासन (district administration) के साथ-साथ मंदिर प्रशासन जुटा हुआ है, वहीं देशवासियों के साथ-साथ देश के समस्त साधु-संतों में भी खुशी देखने को मिल रही है। सभी जगह पर सिर्फ और सिर्फ प्रभु श्रीराम के नाम की गूंज है। सबकी जुबान पर सिर्फ एक ही बात है कि वे प्रभु श्रीराम हैं और वे आएंगे। राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास (Satyendra Das) ने कहा कि जो राम को नहीं मानते और उनके अस्तित्व को नहीं स्वीकारते, वे आए चाहे नहीं आएं और उनकी कोई आवश्यकता भी नहीं है।
 
भगवान राम 28 वर्षों तक तिरपाल : अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि भगवान राम 28 वर्षों तक तिरपाल में रहे तमाम समस्याएं रहीं लेकिन अब समस्याएं खत्म हो गई हैं। अब 22 तारीख को रामलला की नई मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा होगी और मेरे लिए इससे बड़ी खुशी की बात कोई और हो ही नहीं सकती है। 22 जनवरी को वर्षों पुराना सपना पूरा होने जा रहा है।
 
मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं : उन्होंने कहा कि जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास समाप्त करके अयोध्या आ गए तो मुझे यकीन था कि ये कठिनाइयां ज्यादा दिन की नहीं हैं। 28 वर्षों तक रामलला तिरपाल में रहे। लेकिन अब वे जब भव्य मंदिर में विराजमान होंगे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत होगा। मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं, जो इस दृश्य को देख सकूंगा। प्रभु श्रीराम मंदिर में विराजमान होंगे।
 
सभी के लिए खुला है प्रभु श्रीराम का दरबार : उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम का दरबार सभी के लिए खुला रहता है। प्रभु श्रीराम किसी से कोई भेदभाव नहीं करते हैं। इसलिए जिसकी आस्था हो, जो जानते हैं और विश्वास करते हैं कि प्रभु श्रीराम हैं, वे आएंगे। लेकिन जो राम को नहीं मानते और उनके अस्तित्व को नहीं स्वीकारते, उन्हें आने की जरूरत नहीं है।
 
Edited by: Ravindra Gupta
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