कोरोनावायरस का कहर बरकरार है। पिछले वर्ष की तरह इस साल भी देश की कई राज्यों में पाबंदियां और लॉकडाउन जैसे बड़े फैसले लिए गए हैं। लॉकडाउन ने हर क्षेत्र को प्रभावित किया है। ऑटो इंडस्ट्री इससे अछूता नहीं रही है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) द्वारा जारी किए गए आंकड़े इस ओर इशारा कर रहे हैं।
डीलर्स एसोसिएशन के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक सालाना आधार पर व्हीकल रजिस्ट्रेशन में 28.64 प्रतिशत की गिरावट आई है। फरवरी में व्हीकल रजिस्ट्रेशन में सालाना आधार पर 13.43 प्रतिशत की गिरावट रही थी। पिछले साल 2 महीने से सिर्फ व्हीकल और ट्रैक्टर सेगमेंट में ही बढ़ोतरी देखने को मिली थी। मार्च में यात्री गाड़ी वाहनों में में 28.39% की बढ़ोतरी रही।
FADA अध्यक्ष विन्केश गुलाटी ने कहा कि पिछले वर्ष मार्च के महीने में 7 दिनों तक लगे लॉकडाउन के बावजूद इस वर्ष मार्च में ऑटो पंजीकरण में 28.64 प्रतिशत की दोहरी अंक गिरावट देखी गई है।
फाड़ा ने यह भी कहा है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर केवल तेजी से फैल ही नहीं रही बल्कि उस विकास को भी अस्थिर कर सकती है जो देश में पिछले कुछ महीनों में प्राप्त की गई है। उसने कहा वर्तमान में किसी भी तरह का लॉकडाउन विकास की उस गति को भी गंभीर रूप से बाधित करेगा जो है ऑटो उद्योग ने कोरोना के कारण लगाए गए पहले लॉकडाउन से निकलने में जुटाए हैं।
मारुति का बादशाहत बरकरार : भारतीय कार बाजार में मारुति की बादशाहत बरकरार रही। बीते महीने मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड की 1,29,412 गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन हुए। मार्च 2020 में कंपनी की 94,355 गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन हुए थे। मार्च 2020 की तुलना में कंपनी का मार्केट शेयर बढ़कर 46.26 प्रतिशत हो गया। दूसरे नंबर पर 16.34 प्रतिशत के साथ हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड रही। उसकी 45,719 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हुआ।
क्या कहते हैं आंकड़े : फाडा द्वारा 1,482 क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) में से 1,277 आरटीओ से वाहनों के रजिस्ट्रेशन के आंकड़े जुटाए गए हैं। मार्च 2020 में यात्री वाहनों की बिक्री 2,17,879 इकाई रही थी। हालांकि समीक्षाधीन महीने में दोपहिया की बिक्री 35.26 प्रतिशत घटकर 11,95,445 इकाई रह गई, जो एक साल पहले समान महीने में 18,46,613 इकाई रही थी।
इस दौरान वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री भी 42.2 प्रतिशत घटकर 67,372 इकाई रह गई, जो मार्च, 2020 में 1,16,559 इकाई रही थी। इसी तरह तिपहिया वाहनों की बिक्री भी 50.72 प्रतिशत घटकर 38,034 इकाई रह गई, जो एक साल पहले इसी महीने में 77,173 इकाई रही थी। हालांकि, इस दौरान ट्रैक्टर की बिक्री 29.21 प्रतिशत बढ़कर 69,082 पर पहुंच गई।