कार में Coolant को लेकर कहीं आप तो नहीं करते यह गलती, कितनी मात्रा में मिला सकते हैं पानी
How to check and change engine coolant in your car : अक्सर कार में छोटी-छोटी बातों पर ध्यान नहीं देते और ये गलतियां इंजन को डैमेज कर सकती है। ऐसे ही एक चीज है कूलेंट। कूलेंट का काम कार के इंजन को ठंडा रखना होता है। इसे समय-समय पर चेक करना भी जरूरी होता है। कार में कूलेंट कम होने या न होने की स्थिति में कार ओवरहीट हो सकती है और इंजन सीज हो सकता है। इसका सर्कुलेशन वाटर पंप के जरिए इंजन के आउटर चैंबर में होता है जिससे गर्मी कम रहती है।
गर्मियों के दिनों में ये सर्कुलेशन तेजी से बढ़ता है। हालांकि आपको हर मौसम में इसके ध्यान रखने की जरूरत है। यह पानी गर्म होने के बाद रेडिएटर से सकुलेट होता है और वहां पर ठंडा होकर वापस इंजन में जाता है। इस पूरे प्रोसेस का केवल एक ही काम होता है इंजन को ठंडा रखना।
गर्मी के मौसम में आपकी कार के इंजन का तापमान बिना स्टार्ट किए भी काफी ज्यादा रहता है। ऐसे में इंजन ऑइल की थिकनैस या गाढ़ापन कुछ कम हो जाता है। जब भी आप कार स्टार्ट करते हैं तो आपकी कार का फैन और रेडिएटर तेजी से काम करता है।
साथ ही कूलेंट का सर्कुलेशन भी वॉटर पंप के जरिए दो गुना से ज्यादा होता है। यह कूलेंट और डिस्टिल वाटर का एक मिस्चर होता है। हालांकि एयर टाइट होने के कारण ये भाप बनकर नहीं उड़ता है लेकिन बार-बार उबल जाने के चलते कार में मौजूद कूलेंट जल्दी अपनी प्रॉपर्टी खत्म कर देता है।
कूलेंट में कितनी हो पानी की मात्रा : कूलेंट और पानी का रेश्यो भी हमें पता होना चाहिए। गर्म प्रदेशों में कूलेंट और पानी का रेश्यो 50:50 का होता है। हालांकि ठंडे प्रदेशोंमें ये 70 प्रतिशत कूलेंट और 30 प्रतिशत पानी का रखा जाता है। इससे पानी तापमान कम होने पर जम न जाए। कार में कूलेंट कम होने या न होने की स्थिति में कार ओवरहीट हो सकती है और इंजन सीज हो सकता है। इसके चलते कार बंद हो जाएगी और आपको इसे सही करवाने में लाखों का खर्च भी आ सकता है।
फैन की भी करें जांच : समय-समय पर रेडिएटर में लगे फैन की नियमित जांच कराते रहे। अगर रेडिएटर का फैन ठीक से काम नहीं कर रहा है तो इसे फौरन ठीक करवाएं। गर्मी के मौसम इसकी खराब परफॉर्मेंस के चलते आपकी कार बंद हो सकती है।