गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. आलेख
  4. shravan shiv abhishek
Written By

सावन मास में यह धारा शिव को चढ़ाने से मूर्ख भी हो जाता है बुद्धिमान, पढ़ें 7 विशेष जानकारी

सावन मास में यह धारा शिव को चढ़ाने से मूर्ख भी हो जाता है बुद्धिमान, पढ़ें 7 विशेष जानकारी - shravan shiv abhishek
सावन शिव का अत्यंत प्रिय मास है। इस मास में शिव की भक्ति करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। उनकी पूजन के लिए अलग-अलग विधान भी है। भक्त जैसे चाहे अपनी कामनाओं के लिए उनका पूजन कर सकता है। 
 
 
शवे भक्ति:शिवे भक्ति:शिवे भक्तिर्भवे भवे ।
अन्यथा शरणं नास्ति त्वमेव शरंण मम्।।
 
उच्चारण में अत्यंत सरल शिव शब्द अत्यंतन ही मधुर हैं। जिसको सब चाहें वह शिव हैं ओर सब चाहते आंनद को अर्थात शिव का अर्थ हुआ आंनद।

भगवान शिव का ही एक नाम शंकर भी हैं। शं का आनंद एवं कर यानि करने वाला अर्थात आनंद को करने वाला या देने वाला ही शंकर हैं। शिव को जानने के बाद कुछ शेष रह नहीं जाता इसी प्रकार मानकर सावन मास में शिव का पूजन पूरी विधि विधान से करना चाहिए। 
 

 
कैसे करें पूजन-
 
 प्रात:सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें, फिर शुद्ध वस्त्र धारण कर भगवान शिव का पंचोपचार या षोडषोपचार पूजन करें। अन्न ग्रहण ना करें। क्रोध, काम, चाय, काफी का सेवन ना करें, दिनभर ॐ नम: शिवाय का जाप करें।
 
शिव का पूजन उत्तर की और मुंह करके सदा करना चाहिए क्योंकि पूर्व में उनका मुख पश्चिम में पृष्ठ भाग एवं दक्षिण में वाम भाग होता हैं। शिव के पूजन के पहले मस्तक पर चंदन अथवा भस्म का त्रिपुंड लगाना चाहिए। पूजन के पहले शिवलिंग पर जो भी चढ़ा हुआ हैं उसको साफ कर देना चाहिए। बिल्वपत्र को धोकर वापस पूजन में प्रयोग में लाया जा सकता हैं। 
 
अलग-अलग धाराओं से शिव अभिषेक फल-
 
1-भगवान शिव को दूध की धारा से अभिषेक करने से मूर्ख भी बुद्धिमान हो जाता है, घर की कलह शांत होती है।
 
2-जल की धारा से अभिषेक करने से विभिन्न कामनाओं की पूर्ति होती है।
 
3-घृत घी की धारा से अभिषेक करने से वंश का विस्तार, रोगेां का नाश तथा नपुंसकता दूर होती है।
 
4-इत्र की धारा से भोग की वृद्धि होती है।
 
5-शहद से टी बी रोग का नाश होता है।
 
6-ईख से आनंद की प्राप्ति होती है।
 
7-गंगाजल से भोग एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है।