दोपहर 3 से 6 बजे के बीच हुआ है जन्म तो होगा ये भविष्य
व्यक्ति ने किस पक्ष की किस तिथि के किस प्रहर के किस मुहूर्त और नक्षत्र में जन्म लिया इससे उसका भविष्य निर्धारित होता। सिर्फ प्रहर नहीं सभी को देखकर ही कुछ कहा जा सकता है। जातक ने किस प्रहर में जन्म लिया है इस संबंध में सामान्य जानकारी।
सुबह का चौथा प्रहर : दिन के चौथे और अंतिम प्रहर को सायंकाल कहते हैं। दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे के बीच का समय सायंकाल का होता है। यह प्रहर सात्विक तो होता है लेकिन इसमें तमोगुण की प्रधानता रहती है। कहते हैं कि इस समय में जन्म लेने वाले बच्चों में कला, संगीत, फिल्म, मीडिया, ग्लैमर जैसे क्षेत्रों में रुचि रहती है। यह भी देखा गया है कि इस समय में जन्म लेने वाले बच्चों के प्रेम विवाह की संभावना भी रहती है।
इस प्रहर में क्या करें : यह प्रहर सात्विक तो होता है लेकिन इसमें तमोगुण की प्रधानता रहती है। इस प्रहर में विश्राम कर सकते हैं लेकिन भोजन से बचना चाहिए और कोई भी नया काम शुरू नहीं करना चाहिए। इस समय में अगर नियमित रूप से पौधों में जल डाला जाए तो माता और पिता का बच्चों के साथ उनका संबंध मथुर रहता है।