मंगलवार, 26 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. आलेख
  4. miracle in the sky 22 July 2020
Written By

आज रात प्रकृति का अद्भुत नजारा, शनि, पृथ्वी और सूर्य एक सीध में

आज रात प्रकृति का अद्भुत नजारा, शनि, पृथ्वी और सूर्य एक सीध में - miracle in the sky 22 July 2020
शाम को एक तरफ डूबता सूर्य तो दूसरी तरफ उगता शनि होगा 
 
82 चंद्रमा वाला शनि का सामना आज अमावस्या में बिना चंद्रमा वाली पृथ्वी से 
 
    
सौरमंडल का छटवां ग्रह शनि, पृथ्वी की सीध में आ रहा है। आज  20-21 जुलाई की मध्यरात्रि  3 बजकर 44 मिनट पर शनि और पृथ्वी और सूर्य एक सीध में आ जाएगी।

एक सप्ताह में ग्रहों के पृथ्वी की सीध में आने की दुर्लभ तीसरी घटना की इस खगोलीय घटना की जानकारी देते हुए नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि पृथ्वी का शनि और सूर्य के बीच में रहते हुए एक सीध में आने की यह घटना सेटर्न एट अपोजिशन कहलाती है। 
 
सारिका ने बताया कि अमावस्या होने से पृथ्वी का चंद्रमा सूर्य की तरफ होने से सारी रात नहीं दिखाई देगा। वहीं सामना कर रहा 82 चंद्रमा वाला शनि आज पृथ्वी की सीध में होगा। शनि के  53 चंद्रमाओं की पुष्टि हो चुकी है इसके साथ ही 29 अन्य की पुष्टि की जा रही है।  
 
अपोजिशन की स्थिति में इस साल के लिए शनि की पृथ्वी से दूरी सबसे कम होगी।  कोरी आंख से तो ये तारे के रूप में दिखेगा लेकिन टेलिस्कोप या अच्छे बाइनाकुलर से इसके रिंग बहुत अच्छे से देखे जा सकेंगे। 
 
सारिका ने बताया कि 149 करोड़ 76 लाख किमी की दूरी पर परिक्रमा करता यह सूर्य से इतना दूर है कि सूर्य के प्रकाश को शनि तक पहुचने में 83 मिनट का समय लगता है।शनि इतना विशाल है कि इसके व्यास पर रखने के लिए 9 पृथ्वी की जरूरत होंगी। शनि का एक दिन लगभग 11 घंटे के बराबर है तो इसका एक साल पृथ्वी के 29 सालों से कुछ अधिक है।  हाईडघेजन एवं हीलियम से बने इस गैसीय पिंड में ठोस धरातल नहीं है। 
 
सारिका ने बताया कि रिंगों के कारण मनमोहक दिखने वाला शनि की जानकारी लेने नासा  के स्पेसक्राफ्ट पायोनियर 11 तथा वायजर 1 एवं 2 इसके पास से निकल चुके हैं।  2004 से 2017 तक इसकी 294 परिक्रमा कर डाटा एकत्र करने के बाद दो टन का केसिनी इसमें समा गया।
 
शनि से अब अगला सामना 2 अगस्त 2021 को होगा।
ये भी पढ़ें
Shri Krishna 20 July Episode 79 : रुक्मिणी का श्रीकृष्ण को पत्र भेजना और शिशुपाल का बारात लेकर आना