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मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में नई सरकारों के शपथ समारोह पर 'अशुभ' साया

मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में नई सरकारों के शपथ समारोह पर 'अशुभ' साया - legislative Election Result and astrology
मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम विधानसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार को आने वाले हैं। मध्यप्रदेश में तो कांग्रेस सरकार के गठन को लेकर पोस्टर भी लग गए हैं। 
 
ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि 12 से 15 दिसंबर के बीच मध्यप्रदेश समेत अन्य राज्यों में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होगा। ज्योतिषीय गणित से देखें तो 13 से 18 के बीच नई सरकार का शपथ समारोह मुश्किल है क्योंकि 13 दिसंबर की सुबह से पंचक लग रहा है जो 18 दिसंबर तक लगा रहेगा।
 
वहीं 15 दिसंबर की रात को सूर्य का प्रवेश धनु राशि में हो रहा है। अर्थात मलमास की शुरुआत हो जाएगी। हिन्दू मान्यता के अनुसार मान्यता के अनुसार पंचक और मलमास में शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। इस अशुभ संयोग को टालने के लिए नई सरकार की ताजपोशी चंद घंटों यानी 12 दिसंबर को ही करनी होगी। 
 
हालांकि एक अनुमान यह भी है कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलेगा, ऐसे में सरकार जोड़तोड़ से बनेगी। यदि ऐसा हुआ तो 12 दिसंबर को भी शपथ ग्रहण समारोह नहीं हो पाएगा। अगर सब कुछ ठीक रहा और 12 दिसंबर को ही नई सरकार का गठन हुआ तो शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में भी हो सकता है।

इस संबंध में हमने बात की वेबदुनिया के जानेमाने ज्योतिषाचार्य पं. हेमंत रिछारिया से... 
 
उनके अनुसार ज्योतिष शास्त्र में पंचक और मलमास-काल में शुभ एवं मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं जैसे विवाह, मुण्डन, गृहारम्भ व गृहप्रवेश आदि।

नई सरकार का गठन एवं शपथग्रहण एक प्रशासनिक कार्य है। जो मांगलिक कार्यों के अन्तर्गत नहीं आता किन्तु राजनैतिक दलों व राजनेताओं के लिए सरकार का गठन व शपथग्रहण शुभकर्म माना जाता है।

कुछ विद्वान इसकी तुलना राज्याभिषेक से कर सकते हैं वहीं कुछ के लिए यह सत्ता का स्थानान्तरण मात्र होता है।

बहरहाल, ज्योतिष के अन्तर्गत मुहूर्त्त निर्धारण करते समय शुभ नक्षत्र, शुभ मास, शुभ वार के साथ-साथ लग्न शुद्धि को सर्वाधिक महत्त्व दिया जाता है।

यदि लग्न शुद्धि प्राप्त कर ली जाती है तो अन्य दोषों का प्रभाव कम हो जाता है। इसलिए "खरमास" में भी शपथग्रहण व नई सरकार का गठन संभव है बशर्ते तिथि,वार, नक्षत्र एवं लग्न शुद्धि कर शुभ समय का निर्धारण कर लिया जाए तो "खरमास" संबंधी दोष समाप्त हो जाएगा।

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