ज्योतिषी डॉक्टर की भूमिका नहीं निभाते, परंतु जन्म पत्रिका या हस्तरेखा के आधार पर यह बताने का प्रयत्न करते हैं कि अमुक व्यक्ति को भविष्य में कौन सी बीमारी होने की आशंका है। जैसे यदि जन्म पत्रिका में तुला लग्न या राशि पीड़ित हो, तो व्यक्ति को कटि प्रदेश में कष्ट होने की आशंका रहती है। जन्म पत्रिका में बीमारी का घर छठा स्थान माना जाता है और अष्टम स्थान आयु स्थान है। तृतीय स्थान अष्टम से अष्टम होने से यह स्थान भी बीमारी के प्रकार को इंगित करता है। अगले पृष्ठ पर पढ़ें ग्रहों से होने वाले रोग एवं लाभकारी टोटके...