Astrology: क्या होगा जब शनि, बृहस्पति और राहु करेंगे इसी वर्ष अपनी राशि परिवर्तन? तैयार रहें किसी बड़ी घटना के लिए
Saturn, Jupiter and Rahu Transit in 2025 Prediction: इस वर्ष 4 बड़े ग्रहों के राशि परिवर्तन होने वाले हैं। पहला 29 मार्च को शनि का मीन राशि में परिवर्तन होगा, दूसरा 14 मई को बृहस्पति का मिथुन राशि में परिवर्तन होगा, तीसरा राहु और केतु का 18 मई 2025 को राहु ग्रह बृहस्पति की राशि मीन से निकलकर कुंभ में प्रवेश करेगा और केतु ग्रह कन्या से निकलकर सिंह राशि में गोचर करेगा। ज्योतिषाचार्य मानते हैं कि यह सभी ग्रहों के कारण वर्तमान में ग्रहों की ऐसी ही स्थिति बन रही है जैसी दूसरा विश्व युद्ध के समय बनी थी। हालांकि महामारी, भूकंप, बाढ़, दंगे, विद्रोह, आंदोलन, तख्तापलट, युद्ध, आतंकवाद और महंगाई की चपेट में तो इस समय अधिकतर देश है ही। आओ जानते हैं कि क्या होगा जब शनि, बृहस्पति और राहु करेंगे इसी वर्ष अपनी राशि परिवर्तन।
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1. शनि का मीन में गोचर : 29 मार्च 2025 को शनि ग्रह मीन राशि में प्रवेश करेंगे। शनि ने जब मकर में प्रवेश किया ता तो कोरोना महामारी की शुरुआत हुई थी। फिर शनि ने जब कुंभ में प्रवेश किया था तो दो देशों के बीच तनाव चरम पर रहा। रशिया-यूक्रेन और इजरायल-फिलिस्तीन दे हालात बदल दिए। अब जब शनि मीन राशि में जाएंगे तो हालात क्या और भी बिगड़ जाएंगे। क्या यह तृतीय विश्व युद्ध की आहट है? आशंका जताई जा रही है कि कोई बड़ा भूकंप और युद्ध होने वाला है। शनि जब मकर राशि में थे तो वे कालपुरुष की कुंडली में कर्म स्थान अर्थात 10वें भाव से गोचर कर रहे थे, तब इसके प्रभाव स्वरूप कोरोना महामारी का प्रकोप पूरे विश्व पर व्याप्त था। साथ ही तब व्यापक स्तर पर कार्य-प्रणाली में परिवर्तन होता है, लाइफ स्टाइल में परिवर्तन आता है।
2. बृस्पति का मिथुन में गोचर : ज्योतिष के अनुसार 14 मई 2025 से गुरु ग्रह वृषभ से निकलकर मिथुन राशि में 3 गुना अतिचारी हो रहे हैं। अतिचारी यानी वे अब तेज गति से एक राशि को बहुत कम समय में पार करके पुन: उसी राशि में वक्री लौटेंगे और फिर मार्गी होकर पुन: अगली राशि में चले जाएंगे। ऐसे वे 8 वर्षों तक करेंगे। बृहस्पति की इस असामान्य गति से धरती पर हलचल बढ़ जाएगी, क्योंकि बृहस्पति की मीन राशि में शनि और राहु की युति मई 18 मई 2025 तक रहेगी। बृहस्पति ग्रह जीवन, शीतलता, सुख, समृद्धि, उन्नति और बुद्धि प्रदान करता है परंतु जब इसकी चाल बिगड़ जाए तो भारी नुकसान देखने को मिलते हैं। बड़े पैमाने पर जलवायु परिवर्तन के चलते धरती के मौसम और तापमान में बदलाव हो जाएगा। बृहस्पति के अतिचारी होने से जहां धर्म, अध्यात्म, ज्ञान के क्षेत्र में वृद्धि की स्थिति बनेगी वहीं वैश्विक स्तर पर विभिन्न देश युद्ध की ओर बढ़ेंगे। महाभारत के समय की खगोलीय घटनाओं के अध्ययन से भी यह पता चलता है कि तब भी गुरु ग्रह 7 वर्षों के लिए अतिचारी हुए थे। धर्म की स्थापना के लिए एक महायुद्ध होता है और इसी समय भगवान श्री कृष्ण गीता का अद्भुत उपदेश भी देते हैं अर्थात अतिचारी गुरु की स्थिति में ज्ञान के द्वार भी खुलते हैं।
3. राहु का कुंभ में गोचर : 18 मई 2025 को राहु ग्रह बृहस्पति की राशि मीन से निकलकर कुंभ में प्रवेश करेगा। कुंभ में राहु के जाने से देश दुनिया हलचल और तेज हो जाएगी। कोरोना वायरस की तरह किसी नई महामारी के आने की संभावना है। टेक्नोलॉजी इतनी विकसित हो जाएगी जिसकी कभी किसी ने कल्पना नहीं की होगी। लोग अंतरिक्ष में जाने की योजना बनाएंगे।
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