अमिताभ बच्चन की कुंडली में बने राजयोग, शनि के गोचर से होगा जीवन में परिवर्तन
महानायक अमिताभ बच्चन जो कि फिल्म जगत का जाना माना नाम है। अमिताभ बच्चन ने अपने अभिनय के दम पर फिल्मी जगत में महानायक की भूमिका निभाई है। इनके जीवन में कई तरह के उतार-चढ़ाव आए परंतु इन्होंने अपने अभिनय के दम पर उन सभी उतार चढ़ाव का सामना किया। अमिताभ बच्चन की कुंडली में कई तरह के राजयोग तथा धन योग बनते हैं जिनकी वजह से इन्होंने इतनी ऊंचाइयां प्राप्त की। इनकी कुंडली के विश्लेषण से जानते हैं कि इनकी कुंडली में ऐसी कौन से योग और ग्रह नक्षत्र हैं जो कि इनको इस मुकाम पर पहुंचाते हैं।
उच्च का गुरु : एस्ट्रोसेज, क्लिक एस्ट्रो तथा इंटरनेट पर उपलब्ध सूचना के आधार पर अमिताभ बच्चन का जन्म 11 अक्टूबर 1942 को शाम 4:00 बजे इलाहाबाद में हुआ था। अमिताभ बच्चन का जन्म कुंभ लग्न में हुआ है तथा उनकी राशि तुला है। इनकी कुंडली के अनुसार गुरु ग्रह अपनी उच्च राशि कर्क में विराजमान है तथा गुरु छठे भाव में बैठकर धन स्थान को पूर्ण दृष्टि से देख रहे हैं। गुरु का धन स्थान को देखना इनको धनाडय व्यक्ति बनाता है।
गजकेसरी योग: इनकी कुंडली में गुरु तथा चंद्रमा का केंद्रीय योग है, जिसको ज्योतिष मतानुसार गजकेसरी योग कहा जाता है। गजकेसरी योग के प्रभाव के कारण इनको महानायक की उपाधि प्राप्त हुई तथा फिल्मी जगत में अपना एक विशेष नाम इन्होंने प्राप्त किया। इनकी कुंडली में मंगल, बुद्ध, सूर्य तथा शुक्र का चतुरग्रही योग विद्यमान है, जो कि फिल्मी जगत में कीर्तिमान स्थापित करने का योग है। इस योग की वजह से इन्होंने इस क्षेत्र में विशेष उपलब्धि हासिल की।
शनि गोचर 2025: अमिताभ बच्चन की कुंडली में शनि चतुर्थ भाव में विराजमान है, शनि का चतुर्थ भाव में बैठना इनके लिए विवादों से भरा रहा। शनि अपनी पूर्ण दृष्टि से कर्म स्थान अर्थात दशम भाव को देख रहे हैं। इस कारण इनका पूरा जीवन कई तरह के विवादों से भरा रहा। अपने कुछ निर्णय की वजह से यह हमेशा सुर्खियों तथा विवादों में रहे।
29 मार्च 2025 के बाद शनि का गोचर मीन राशि में रहेगा तथा 2.5 साल शनि मीन राशि में रहेंगे इनकी कुंडली में शनि का दूसरे भाव में बैठना पारिवारिक विवादों को जन्म देता है। अत: आने वाला 2.5 साल मानसिक अशांति, पारिवारिक विवादों की वजह से चुनौती पूर्ण रहेगा।