Bhaum Pradosh 2023 : हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस बार 12 सितंबर को भाद्रपद कृष्ण त्रयोदशी के दिन भौम प्रदोष व्रत पड़ रहा है। भौम प्रदोष व्रत जब किसी भी मंगलवार के दिन प्रदोष तिथि का योग बनता है, तब यह व्रत रखा जाता है।
जीवन में कई बार हमें आवश्यक कार्यों के लिए अचानक ही कर्ज लेना पड़ जाता है, ऐसे में हम कर्ज या ऋण तो ले लेते हैं, लेकिन उसे चुकाने में उसे काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। अत: कर्ज संबंधी परेशानी दूर करने के लिए भौम प्रदोष व्रत बहुत ही लाभदायी माना गया है। इस दिन भगवान शिव जी, हनुमान जी तथा मंगल देवता का पूजन करके उन्हें प्रसन्न किया जाता है।
आइए जानते हैं यहां भौम प्रदोष व्रत पूजन के शुभ मुहूर्त और उपाय-
भाद्रपद प्रदोष पूजन के शुभ संयोग एवं मुहूर्त 2023: Bhadrapad Bhaum pradosh 2023 Date n Muhurat
भाद्रपद कृष्ण त्रयोदशी तिथि :
भाद्रपद कृष्ण त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ- 11 सितंबर 2023 को 11.52 पी एम,
भाद्रपद कृष्ण त्रयोदशी का समापन- 13 सितंबर 2023 को 02.21 ए एम पर।
शुभ योग :
शिव योग प्रारंभ- 12 सितंबर को 12.14 ए एम से 13 सितंबर को रात्रि 01.12 मिनट तक।
सिद्ध योग प्रारंभ- 13 सितंबर, रात्रि 01.12 मिनट से 14 सितंबर को 02.08 ए एम तक।
अश्लेशा नक्षत्र- रात्रि 11.01 मिनट तक।
12 सितंबर 2023, मंगलवार के मुहूर्त :
भौम प्रदोष पूजा मुहूर्त : 06.30 पी एम से 08.49 पी एम तक।
कुल अवधि- - 02 घंटे 19 मिनट्स
12 सितंबर : दिन का चौघड़िया
चर- 09.11 ए एम से 10.44 ए एम
लाभ- 10.44 ए एम से 12.17 पी एम
अमृत- 12.17 पी एम से 01.51 पी एम
शुभ- 03.24 पी एम से 04.57 पी एम
रात्रि का चौघड़िया
लाभ- 07.57 पी एम से 09.24 पी एम
शुभ- 10.51 पी एम से 13 सितंबर को 12.17 ए एम तक।
अमृत- 12.17 ए एम से 13 सितंबर को 01.44 ए एम तक।
चर- 01.44 ए एम से 13 सितंबर को 03.11 ए एम तक।
ब्रह्म मुहूर्त- 04.32 ए एम से 05.18 ए एम
प्रातः सन्ध्या- 04.55 ए एम से 06.04 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11.52 ए एम से 12.42 पी एम
विजय मुहूर्त- 02.22 पी एम से 03.11 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 06.30 पी एम से 06.53 पी एम
सायाह्न सन्ध्या 06.30 पी एम से 07.40 पी एम
अमृत काल- 09.13 पी एम से 11.01 पी एम
निशिता मुहूर्त- 11.54 पी एम से 13 सितंबर को 12.41 ए एम तक।
उपाय :
1. मंगलवार का दिन हनुमान पूजन के लिए अति विशेष माना गया है। यदि इस दिन प्रदोष तिथि हो तो अतिउत्तम, क्योंकि प्रदोष शिव जी की प्रिय तिथि होने के कारण यह कर्ज से मुक्ति दिलाने वाला दिन माना गया है। अत: इस दिन हनुमान जी की साधना के साथ-साथ मंगलदेव की उपासना भी की जानी चाहिए।
2. प्रदोष व्रत के दिन शिव-पार्वती का संयुक्त रूप में पूजन किसी भी मंदिर में अपने सामर्थ्यनुसार दान करें तथा मंत्र- 'ॐ गौरीशंकराय नमः' का जाप करें। इस उपाय से जहां पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है, तथा जीवन की सभी परेशानियां दूर होकर, कर्ज मुक्ति का रास्ता मिलता है तथा सुख-समृद्धि और खुशियां घर आती है।
3. कच्चे दूध में काले तिल डालकर मंत्र- 'ॐ शिवाय नम:' जाप करते हुए आज के दिन भगवान शिव जी का अभिषेक करें और काले तिल का दान करें। इससे पितृ दोष से मुक्ति होकर पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है उनके चारों दिशाओं में आपकी यश, कीर्ति बढ़ती है और धन के आगमन के रास्ते खुलते हैं। तथा कर्ज चुकता करने का रास्ता मिलता है।
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