शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. ज्योतिष 2017
  4. Guru Ka Kanya Rashi Me Gochar
Written By

गुरु का कन्या राशि में गोचर, किस राशि के लिए क्या देगा फल

गुरु का कन्या राशि में गोचर, किस राशि के लिए क्या देगा फल - Guru Ka Kanya Rashi Me Gochar
11 अगस्त, 2016 से गुरु कन्या राशि के गोचर में है और 12 सितंबर 2017 तक इसी स्थिति में रहेंगे। कन्या एक दोहरे स्वभाव वाली राशि है इसलिए यह गोचर कन्या राशि के जातकों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर सकता है। वह जातक जो गुरु की दशा से गुजर रहे हैं उन्हें इस गोचर में सबसे अधिक असर दिखाई देगा। आइए जाने क्या होगा इस गोचर का प्रभाव आपकी राशि पर ... 
मेष
 
गुरु के छठे भाव में होने की वजह से विपरीत लिंग की तरफ आकर्षण बढ़ेगा। बीमार होने की भी संभावना है। इस गोचर समाप्त होने के 20 दिन बाद तक की समयावधि में आप पर खतरा बना रहेगा, अतः सावधान रहें तथा कोई ऐसा कार्य ना करें जो बदनामी का कारण बने। यदि जन्म कुंडली में गुरु अच्छी स्थिति में है तो आपको शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी अन्यथा सावधान रहना होगा। बिना किसी कारण आपका व्यय बढ़ सकता है। व्यापारियों के लिए यह गोचर व्यापार में कुछ नुकसालेकर आएगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए समय अच्छा है। फिर भी इस समय बैंक से लोन ना लें क्योंकि यह नुकसानदायक सिद्ध हो सकता है। सेहत का ख्याल रखें। निर्णय लेने में परेशानी महसूस होगी।
 
वृषभ
 
गुरु की मूल त्रिकोण राशि यहां आठवें भाव में आती है। आपका रुझान धार्मिक कार्यों में ज्यादा रहेगा। सामाजिक दायरों का भी विस्तार होगा। आत्मसम्मान को ठेस पंहुच सकती है। बारहवें भाव का स्वामी होने के कारण गुरु बच्चों को परेशानी में ड़ाल सकता है। गर्भवती हैं तो इस समय विशेष ख्याल रखने की जरुरत है। यदि गुरु आपकी 
कुंडली में अच्छे भाव में नहीं है तो यह समय पिता को परेशानी दे सकता है। गुरु इस समय सूर्य, चंद्र एवं मंगल से होकर भी गुजरेगा। मंगल आपका मारक ग्रह है एवं बारहवें घर का स्वामी भी है। इस स्थिति में सेहत एवं धन दोनों ही पक्षों में नुकसान हो सकता है। सावधान रहने की जरुरत है।
 
मिथुन
 
गुरु आपको आपके कार्यस्थल में वरिष्ठ लोगों का प्रिय बनाएगा तथा आपके कार्य की प्रशंसा होगी। संभवतः आपको पदोन्नति मिले। धर्म की ओर आपकी आस्था बढ़ेगी तथा पूजा पाठ में मन लगेगा। भगवान के प्रति आस्था आपको साहस देगी। दसवें भाव का स्वामी अपने ही घर को देख रहा है। यह कई मायनों में आपके लिए 
फायदेमंद होगी। यदि आपकी कुंडली में गुरु अच्छी दशा में है तो आपको लाभ अवश्य मिलेगा। इस समय आपको जमीन से जुड़ा कार्य लाभ दे सकता है। गुरु सातवें भाव का स्वामी  है। यदि आपका चौथा घर प्रभावित ना हो तो यह साल आपके वैवाहिक जीवन के लिए बेहतरीन साबित हो सकता है। मंगल के नक्षत्र में चंद्र के आते ही आप पर मुसीबत बन सकता है। लेकिन सरकारी नौकरी में सफलता मिल सकती है।
 
कर्क
 
गुरु कर्क में तीसरे भाव में प्रवेश कर रहा है। इस अंतराल में आपको बुखार हो सकता है। भाग्य आपके साथ रहेगा। आप धर्म-कर्म के कार्य में रुचि रखते हैं तो यह गोचर आपको धर्म की ओर लेकर जाने वाला है। कहीं सलाहकार का काम कर सकते हैं। आपकी सलाह लोगों के लिए लाभदायक होगी। लेखन के क्षेत्र में भी आप कामयाबी प्राप्त कर सकते हैं। यदि जन्मकुंडली में गुरु सही स्थान पर नहीं है तो आपको परेशानी में डाल सकता है तथा बदनामी का कारण भी बन सकता है। इस गोचर के दौरान गुरु, सूर्य, चंद्रमा एवं मंगल से होकर गुजरेगा। यह एक अच्छा संकेत है। सिंह राशि वाले लोगों का साथ आपको लाभ दे सकता है। मंगल यहां योगकारक ग्रह है इस कारण इस गोचर के दौरान गुरु का मंगल में आना लाभप्रद सिद्ध होगा।

सिंह
 
इस राशि में गुरु पांचवें एवं आठवें भाव का स्वामी है। इस गोचर के दौरान सिंह राशि के जातकों की छठी इंद्री में भी गजब का विकास होगा। इस समय आपको दूसरों से धन की प्राप्ति होगी। इस गोचर के दौरान अगर विवाह कर रहे हैं तो आपको अच्छा जीवनसाथी मिलेगा परन्तु गुरु भी जन्म कुंडली में अच्छे स्थान पर होना चाहिए। आंख 
एवं दांत से संबंधित परेशानियां हो सकती हैं। वित्तीय स्थिति में सुधार होगा। परिवार में नया सदस्य आ सकता है। खानपान पर ध्यान देने की जरुरत है। दूसरे घर से गुरु की दृष्टि दसवें घर पर है। इसलिए कार्य क्षेत्र में यह गोचर कुछ अच्छे अवसर दिला सकता है। व्यापारियों के लिए भी यह गोचर लाभ देने वाला है। इस समय कई 
महत्वपूर्ण समझौते हो सकते हैं। सूर्य के बाद गुरु चंद्रमा के नक्षत्र में प्रवेश करेगा जो बारहवें भाव का स्वामी है। यह गोचर जब मंगल में आएगा तो किसी पुरानी बीमारी से समस्या हो सकती है।
 
कन्या
 
वह लोग जो अपने विवाह की प्रतीक्षा कर रहे हैं उनका विवाह हो जाएगा। यह धन देने वाला गोचर नहीं है परन्तु लाभ अवश्य प्राप्त होगा। यह लाभ मानसिक एवं शारीरिक रुप से लाभदायक होगा। गुरु की दृष्टि पांचवें, सातवें एवं नवें घर में पड़ रही है। अगर आप वैवाहिक जीवन में किसी भी तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं तो यह समय उसे सुलझा लेने का है। इस गोचर के दौरान ऐसे किसी कागज पर हस्ताक्षर ना करें जो धन संपत्ति से जुड़ा हो। इस गोचर के दौरान यह भी संभव है कि आप जिसे प्रेम करते हैं उससे अपने प्रेम का इजहार कर दें। सेक्स की अधिक इच्छा पर नियंत्रण रखें। गुरु के इस गोचर के दौरान जब चंद्र नक्षत्र से गुजरेगा तो अच्छे प्रभाव दिखेंगे। गोचर समाप्त होने तक आप कोई गलती कर सकते हैं जिसका आपको खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
 
तुला
 
बारहवां ग्रह अच्छा नहीं माना जाता है परन्तु शुक्र ग्रह की बात करें तो इससे अच्छा स्थान दूसरा नहीं हो सकता। दोनों स्थान एवं ग्रह व्यवहार से तामसी प्रवृत्ति के हैं इस कारण सबसे ज्यादा प्रभाव देते हैं। इस राशि के लिए सूर्य, चंद्र एवं मंगल तीनों ने महत्वपूर्ण स्थान लिए हुए हैं। परन्तु इनमें मंगल मारक भी है। गुरु स्वयं तीसरे एवं छठे 
भाव का स्वामी है। इस कारण गुरु विपरीत राजयोग भी बनाता है। इसी कारणवश यह इस गोचर में अच्छे फल देगा। जो व्यक्ति इस गोचर में जन्म लेगा उसे भी अच्छे परिणाम मिलेंगे। अपने धन को सोच समझकर खर्च करें। इस गोचर के दौरान कार्यक्षेत्र, प्यार, परिवारिक संबंध में तनाव के साथ ही खर्च भी बढ़ सकते हैं। ग्यारहवें भाव 
का स्वामी सूर्य है तथा जब गुरु इस नक्षत्र से गुजरेगा आपको लाभ होगा। किन्तु खर्च भी जल्दी होगा। जीवनसाथी से अलगाव भी हो सकता है परन्तु यह अल्पकालिक होगा।
 
वृश्चिक
 
गुरु का यह गोचर वृश्चिक राशि के जातकों के लिए सबसे ज्यादा लाभ देने वाला है। आज तक जितनी भी मेहनत आपने की है आपको उसका लाभ इस गोचर में मिलेगा। क्योंकि गुरु स्वयं ग्यारहवें भाव में बैठा है तथा इसके पश्चात बारहवें भाव में प्रवेश करेगा जो आपको बुरे फल दे सकता है परन्तु इसमें अभी समय है। दूसरे एवं पांचवें 
भाव का स्वामी जब ग्यारहवें घर में बैठा हो तो कुछ भी कहना व्यर्थ है यह स्वयं में एक बड़ा राजयोग है। यदि जन्मकुंडली में गुरु सही दिशा एवं दशा में है तो इस दौरान आप असीम कामयाबी प्राप्त कर सकते हैं। संगीत की तरफ आपका रुझान बढ़ सकता है। आप कला के क्षेत्र में अत्याधिक लाभ अर्जित कर सकते हैं। नए दोस्त भी बन
सकते हैं। बुरे समय में दोस्तों की मदद कर सकते हैं। कार्य को जल्दी समाप्त कर आप आनंद ले सकेंगे।

धनु
 
लग्न स्वामी का दसवें भाव में होना अच्छी बात है। यह आपके नौकरी एवं मान सम्मान में वृद्धि करता है। यदि आप बेरोजगार हैं तो आपको इस समय रोजगार मिल सकता है। व्यापारी वर्ग के काम में उन्नति आने की संभावनाएं हैं। ज्यादा मेहनत करने से ओर बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। मेहनत एवं भाग्य के बल पर स्वयं के लिए ही नहीं अपितु दूसरों के जीवन के लिए भी खुशियां बिखेरेंगे। वह लोग जो चंद्र के नक्षत्र में गुरु के मार्गी होने पर पैदा हुए हैं उनके लिए समय अत्यंत लाभदायक है। यदि जन्मकुंडली में गुरु मार्गी है तो निश्चित ही चमकदार सफलता प्राप्त होगी। सरकारी नौकरी की कोशिश कर रहे लोगों को सफलता मिल सकती है। सूर्य एवं चंद्रमा आठवें एवं बारहवें के स्वामी होकर भी लाभदायक सिद्ध होते हैं।
 
मकर
 
गुरु तीसरे एवं बारहवें घर का स्वामी है। बारहवें घर का स्वामी होकर गुरु विदेश यात्रा करवाता है तथा यह नौकरी का मार्ग भी प्रशस्त करता है। मकर राशि में यह नवम घर होता है जो लंबी दूरी की यात्रा एवं उच्च शिक्षा का होता है। ऐसे में हो सकता है व्यक्ति शिक्षा के लिए कहीं बाहर जाए। धर्म एवं आस्था के प्रति आपका रुझान बढ़ सकता है। पिता के साथ आपका रिश्ता मजबूत होगा। यदि संतान होने का समय है तो संतान के पिता को अपना ध्यान रखना होगा क्योंकि पिता के वियोग के योग बन रहे हैं। इस नक्षत्र में मार्गी गुरु के होने पर तथा चंद्र के साथ उसके नक्षत्र में पैदा होने वाले जातक जीवन में कामयाबी हासिल करेंगे। इस गोचर में हर तरह की सफलता के योग बन रहे हैं। 
 
कुंभ
 
आठवें घर में गुरु का होना कुछ समस्याओं से मुक्ति दिला सकता है। परन्तु जिन व्यक्तियों के कुंडली में गुरु की दशा चल रही होगी उन्हें इस गोचर में हानि हो सकती है। यदि जन्मकुंडली में गुरु अपने ही नक्षत्र में हुआ तो गोचर का ज्यादा लाभ मिलेगा। इस समय कुंभ का लग्न स्वामी दसवें घर में है जो कि 2017 में ग्यारहवें घर में चला जाएगा। इसके बाद जातक को अच्छे फल प्राप्त होंगे। इस गोचर के दौरान गुरु सूर्य, चंद्र एवं मंगल से होकर गुजरेगा। इसमें सूर्य एवं चंद्र जातक के लिए लाभ देने वाले नहीं होंगे परन्तु मंगल से थोड़ा लाभ प्राप्त हो सकता है। आठवें भाव के प्रभाव के कारण मंगल के नक्षत्र में गोचर के दौरान नौकरी में परेशानी आ सकती हैं।
 
मीन
 
लग्न स्वामी सातवें घर में बैठा है। यह आपके विश्वास में वृद्धि करेगा। यह संभव है की आप अनैतिक रिश्ते बनाएं तथा अपने जीवनसाथी से साथ छल करें। अगर जीवनसाथी के साथ में लंबे समय से मनमुटाव चल रहा है तो इस समय आप शांति से अलग अलग हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त यदि आप रिश्तों में सुधार लाने की कोशिश कर रहे हैं तो वह भी संभव है। प्यार के मामले में रोमांच एवं समर्पण दोनों ही होंगे। स्वास्थ्य संबंधी कुछ परेशानी हो सकती है। आपका बुरा चाहने वालों की संख्या में वृद्धि हो सकती है अत: आपकी परेशानी बढ़ेगी। जब गुरु मंगल के नक्षत्र में प्रवेश करेगा तो आपके लिए बेहतर समय शुरू होगा। जीवनसाथी का साथ मिलेगा तथा लाभ होने की भी संभावनाएं हैं। लंबी यात्रा के योग भी दिख रहे हैं।
ये भी पढ़ें
शिर्डी के साईं बाबा के 7 अनमोल विचार जानिए...