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Written By Naidunia
Last Modified: रतलाम , गुरुवार, 2 फ़रवरी 2012 (00:43 IST)

नर्स की नौकरी पुरुषों के लिए नहीं

नर्स की नौकरी पुरुषों के लिए नहीं -
राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने शासकीय अस्पतालों में पुरुष नर्स को नौकरी पर रखने पर प्रतिबंध लगा दिया है। केंद्र सरकार के निर्देशों के बावजूद राज्य शासन के इस एकतरफा निर्णय से प्रदेश के 18 नर्सिंग कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को सरकारी अस्पतालों में नौकरी नहीं मिल पाएगी।


लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के संचालक डॉ. मनोहर अगनानी ने तर्क दिया कि गर्भवती महिलाओं से परिवार नियोजन, बच्चों को स्तनपान के फायदे आदि विषयों पर पुरुष नर्स खुलकर बात नहीं कर सकते। एक महिला दूसरी महिला से बिना संकोच बात करती है। इसलिए नर्स के पदों पर केवल महिलाओं की भर्ती की जाए।


केंद्र के विपरीत है यह आदेश;

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमित मोहन प्रसाद ने दिसंबर 2011 में निर्देश दिए थे कि ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाओं की कमी के चलते राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत योग्य नर्सों की भर्ती शीघ्र की जाए। इस काम में पुरुष एवं महिला में भेद किए बिना मान्यता प्राप्त नर्सिंग कॉलेजों से पढ़कर निकले विद्यार्थियों को रखा जाए।


18 नर्सिंग कॉलेजों के छात्रों के भविष्य पर प्रश्नचिह्न


शासन के इस निर्णय से 18 नर्सिंग कॉलेजों में नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे छात्रों के भविष्य पर प्रश्नचिह्न लग गया हैं। प्रदेश में खरगोन, रीवा, उज्जैन, जबलपुर, सागर, रतलाम व भोपाल में संचालित 18 कॉलेजों में हजारों छात्र नर्सिंग के कोर्स कर रहे हैं।


जनहित याचिका लगाने पर विचार

निजी कॉलेज एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. राजेश शर्मा ने इस निर्णय को गलत बताते हुए कहा कि निर्णय को कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।


रतलाम में 4 को नौकरी से निकाला

रतलाम के जिला अस्पताल से 4 पुरुष नर्सों- घनश्याम कुमावत, मनोज शर्मा, यशवंत सोलंकी तथा रामप्रसाद कुमावत को डॉ. अगनानी के आदेशों के पश्चात नौकरी से हटा दिया गया है। ये चारों संविदा आधार पर थे। उन्हें नौकरी से बाहर करने का कारण संविदा अवधि पूरी होना बताया जा रहा है। श्री कुमावत का कहना है कि स्मिता गेहलोत व अरुणा शर्मा भी संविदा पर रखी गई थीं। उनकी संविदा अवधि भी समाप्त हो गई, मगर वे पद पर बरकरार हैं। दिलचस्प बात यह है कि पूरे देश में केवल मप्र में ही पुरुष नर्स की नियुक्ति रोकी गई है।


गलत नहीं है कुछ

'आदेश में कुछ भी गलत नहीं है। कोई भी महिला पुरुष नर्स से परिवार नियोजन के उपाए सुनना पसंद नहीं करेगी।' -डॉ. मनोहर अगनानी, मिशन संचालक, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, भोपाल