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Written By Naidunia
Last Modified: खरगोन , शुक्रवार, 2 सितम्बर 2011 (23:01 IST)

नदी-नाले उफान पर

नदी-नाले उफान पर -
जिले में कई हिस्सों में बारिश का दौर जारी है। शहर मुख्यालय पर भी शुक्रवार की दोपहर तक मौसम खुला रहा, परंतु शाम होते-होते शहर भी बारिश से तरबतर हो गया। पहाड़ी अंचल में गुरुवार की रात हुई बारिश का असर नदी-नालों पर दिखा। शुक्रवार की तड़के से ही नदी-नाले उफन गए। यहाँ तक की ईदगाह मार्ग जलमग्न हो गया। देर शाम तक रूक-रूककर जगह-जगह बारिश का दौर जारी था। लगातार हो रही बारिश ने गत वर्ष के आँकड़ों को पीछे छोड़ दिया है।


शुक्रवार की सुबह शहर में मौसम खुला था, परंतु नदी-नालों में उफान था। शहर की दक्षिण दिशा में बहने वाली ओंडल नदी में बाढ़ का पानी आ गया। बाढ़ के कारण उमरखली मार्ग के साथ ही ईदगाह मार्ग अवरुद्ध हो गया। कुंदा नदी में भी जल का स्तर तेजी से बढ़ गया। वर्तमान में भी नए पुल के समीप स्थित स्टापडेम के ऊपर से पानी बह रहा है। गारी-गलतार और देजला-देवाड़ा जलाशय लबालब होकर इनकी स्पील से पानी बह रहा है।


शहर तरबतर

शुक्रवार को दोपहर तक उमस और गर्मी का अहसास था। शाम होते-होते आसमान पर घने बादल छाए और कुछ देर तेज बारिश हुई। इस बारिश का सिलसिला रात तक जारी रहा। 2 सितंबर की सुबह तक हुई बारिश के आँकड़ों पर नजर डाले तो यह जिला गत वर्ष के आँकड़ों को पछाड़ चुका है। गत वर्ष इस अवधि में 624.1 मिमी औसत बारिश हुई थी, जबकि इस वर्ष अब तक 724.3 मिमी पानी बरस चुका है।


चित्तौड़गढ़-भुसावल मार्ग अवरुद्ध

बिस्टान प्रतिनिधि के अनुसार गुरुवार की रात हुई तेज बारिश के बाद चित्तौड़गढ़-भुसावल मार्ग घंटों तक अवरुद्ध रहा। क्षेत्र में लगातार हुई बारिश से नदी-नाले उफान पर रहे। ग्राम की इंद्रावती नदी में भी बाढ़ आ गई। शुक्रवार की सुबह भी चित्तौड़गढ़-भुसावल मार्ग 3 घंटे तक अवरुद्ध रहा। यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। घट्टी के पन्नाालाल मंडलोई व तोताराम गोलकर ने बताया कि नाले में बाढ़ आने से सुबह 5 से 9 बजे तक मार्ग अवरुद्ध रहा। खरगोन अध्ययन के लिए जाने वाले विद्यार्थियों को भी वापस लौटना पड़ा। भगवानपुरा प्रतिनिधि के अनुसार यहाँ शुक्रवार की सुबह काफी देर बारिश से नदी-नाले उफान पर आ गए और रपटों पर पानी बह निकला।


बस चालक ले रहे जोखिम

पुल-पुलियाओं पर तेज बहाव के बावजूद बहाव के बावजूद कई यात्री बसों के चालकों ने जोखिम उठाया और बसों को उस पार ले जाने का प्रयास किया। चालकों का कहना है कि यात्री दबाव बना रहे थे और जल्दबाजी के कारण उन्होंने ऐसा किया। उल्लेखनीय है कि हाल ही में यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए प्रशासन और बस संचालकों की बैठक में यह निर्णय भी लिया गया था कि बसों को सुरक्षित रूप से चलाया जाएगा। बावजूद इसके बस चालकों ने नियमों का उल्लंघन किया।