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Written By Naidunia
Last Modified: खरगोन , शनिवार, 7 जनवरी 2012 (00:48 IST)

खुलते ही ताला पड़ा

खुलते ही ताला पड़ा -
शहर के डायवर्शन रोड स्थित संस्कृत विद्यालय के खुलने के साथ पहले ही दिन ताला जड़ दिया गया। यह सारी कार्रवाई नगर पालिका प्रशासन ने की। यह भवन पिछले कई वर्षों से संस्कृत विद्यालय समिति के अधीन है। हाल ही में इसे रंगरोगन करवाकर संस्कृत अध्यापन के लिए पुनः तैयार करवाया गया था।


शुक्रवार को इस समिति ने कुछ वर्षों से बंद पड़ी संस्था को पुनः शुरू करते हुए अध्यापन कार्य शुरू किया। इस दिन कुछ बच्चे भी पहुँचे, परंतु नपा प्रशासन ने संस्था को अपने कब्जे में लेकर ताला जड़ दिया। यह सारा मामला लीज प्रक्रिया व नवीनीकरण को लेकर होना बताया जा रहा है। इस कार्रवाई को लेकर समिति व गणमान्य नागरिकों ने गहरा आक्रोश जताया है।


देववाणी को धक्का

डायवर्शन रोड स्थित बेशकीमती स्थान पर बने संस्कृत विद्यालय भवन को लेकर समिति के जगदीश ठक्कर ने बताया कि लगभग 1960 में इस संस्था की स्थापना हुई थी। इसकी लीज 99 वर्ष के लिए है। इस संस्था के संचालन का उद्देश्य निःशुल्क रूप से संस्कृत का अध्यापन कराना रहा है। श्री ठक्कर ने नपा की कार्रवाई पर आक्रोश जताते हुए कहा कि इस कार्रवाई से देववाणी संस्कृत के प्रचार-प्रसार अभियान को धक्का लगेगा। इस प्रक्रिया को उन्होंने नियम विरुद्ध बताया। समिति अध्यक्ष पं. हरिनारायण शास्त्री ने कहा कि भवन को पुनः समिति के अधीन किए जाने की माँग की जाएगी। इस निर्णय के विरुद्ध कानूनी प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी।


परिषद ने की थी लीज निरस्त

उधर इस कार्रवाई को जायज बताते हुए मुख्य नपा अधिकारी डॉ. एसआर यादव ने कहा कि यह समिति गत कई वर्षों से इस संस्था का उपयोग नहीं कर रही थी। यह भवन कई वर्षों तक लावारिस स्थिति में पड़ा रहा। इसके कारण पूर्व परिषद ने ही इस भवन की लीज निरस्त कर दी थी। इस प्रस्ताव के आधार पर प्रशासन ने यह भवन अपने अधीन किया है। -निप्र


कार्रवाई नियमों के अनुसार

यह पूरी कार्रवाई प्रशासन ने नियमानुसार की है। परिषद के समय ही लीज निरस्त कर दी गई थी। प्रशासन ने केवल इसे अपने अधीन किया है। - एसपीएस चौहान, नपा प्रशासक व एसडीएम, खरगोन