Last Modified: झाबुआ ,
गुरुवार, 8 दिसंबर 2011 (01:26 IST)
देर रात तक जगा झाबुआ
यहाँ राजवाड़ा चौक पर मंगलवार को मर्सिया (कविता) पढ़े गए। अवसर था मोहर्रम माह की ग्यारहवीं रात का। विसर्जन के पूर्व दर्शन हेतु राजवाड़ा चौक पर रखे ताजियों का अनेक लोगों ने दर्शन लाभ लिया। इस दौरान अखाड़ों के कलाकारों ने प्रस्तुतियाँ भी दीं। तत्पश्चात देर रात नगर के बड़े तालाब में ताजियों का विसर्जन किया गया।
शाम करीब 6 बजे हुसैनी चौक से ताजियों का जुलूस निकलना शुरू हुआ था। जुलूस बैंडबाजों के साथ राजवाड़ा चौक आया। नगर के हुड़ा क्षेत्र, टीचर्स कॉलोनी आदि स्थानों से करीब 8.30 बजे तक राजवाड़े पर जुलूस के रूप में ताजिए आते रहे। मुस्लिम पंचायत का ताजिया आकर्षण का केन्द्र था।
अखाड़े का प्रदर्शन किया
राजवाड़े पर नगाड़ों के बीच युवाओं ने 'या हुसैन...' कार्यक्रम पेश किया। उसके बाद अखाड़े के कलाकारों ने करतब दिखाए। इस दौरान विभिन्ना समाजबंधुओं ने श्रद्धापूर्वक ताजियों के दर्शन कर प्रसादी का लाभ लिया। रात्रि करीब 2 बजे ताजियों का मुकाम राजवाड़ा चौक से उठा और कॉलेज मार्ग स्थित बहादुर सागर तालाब पहुँचा। 'या हुसैन-या अली' की सदा के बीच बड़े तालाब में ताजियों का विसर्जन किया गया। इस दौरान अनेक श्रद्धालुओं ने अपनी मन्नतें पूर्ण कीं।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे
ताजिया जुलूस के दौरान चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात थी। यातायात अमले ने जुलूस मार्ग पर खड़े वाहनों को शाम से ही हटवा दिया था। राजवाड़ा चौक जाने वाले नेहरू मार्ग, राधाकृष्ण मार्ग, लक्ष्मीबाई मार्ग आदि पर यातायात कर्मी तैनात थे, जो वाहनों को समारोह स्थल की ओर जाने से रोक रहे थे। पुलिस व्यवस्था थाना प्रभारी आरसी भाकर ने संभाल रखी थी। इसके अलावा राजवाड़ा चौक पर एसडीएम सीएल सोलंकी सहित पुलिस एवं राजस्व विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।-निप्र