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Written By Naidunia
Last Modified: धार , सोमवार, 2 जनवरी 2012 (00:43 IST)

'जहाँ शेर पैदा होते हैं वहाँ हिंदुस्तान होता है'

''जहाँ शेर पैदा होते हैं वहाँ हिंदुस्तान होता है'' -
गुरुसप्तमी महोत्सव के अवसर पर रविवार को राजगढ़ में कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। इसमें हजारों की संख्या में श्रोताओं ने अलसुबह तक कविताओं का आनंद लिया। पंकज सुबीर वीर रस द्वारा 'जहाँ शेर पैदा होते हैं वहाँ हिंदुस्तान होता है' पर श्रोताओं को आंदोलित कर दिया।


रात्रि 10 बजे से प्रारंभ हुआ, जो काव्य रचनाओं का सफर सुबह 3.30 बजे तक चलता रहा। देश की राजनीति, समाजिक व्यवस्थाओं से लेकर हास्य व्यंग्य से भरपूर कविताओं का श्रोताओं ने रसास्वादन किया। कवियों का श्री आदिनाथ राजेंद्र जैन श्वेतांबर पेढ़ी ट्रस्ट की और से बहुमान किया गया। डॉ. सुमन दुबे द्वारा शुरुआत सरस्वती वंदना से प्रारंभ की। संचालन करते हुए शशिकांत यादव ने अपने विशेष अंदाज में श्रोताओं को बांॅधे रखा। रामबाबू सिकरवार धोलपुर (राज.) ने किसान के बेटे की व्यथा की प्र्रस्तुति से खूब तालियाँ बटोरी। आतंकी कसाब को सुरक्षित रखने के लिए सरकार द्वारा सौ करोड़ रुपए खर्च करने एवं हमले में मारे गए परिजनों को अब तक सरकार द्वारा 13 करोड़ नहीं देने की बात निराले अंदाज में पेशकर सरकार की व्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दी। इस पर श्रोताओं की खूब दाद मिली।


प्रदीप चौबे ने हास्य एवं व्यंग्य की मिली जुली प्रस्तुति से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। 'मैंने जो देखा वो लिखा' कविता पर दर्शक हँसी के ठहाके लगाने को मजबूर हो गए। अर्चना अंजुम ने गीतों ने अपने सुमधुर प्रस्तुति से युवाओं के दिलों को टटोलने की कोशिश की। इसी प्रकार से यशपाल यश ने 'मैं कहाँ अकेला सरहद पर मेरे साथ हिंदुस्तान लड़ा' कविता का पाठ कर जोश भर दिया। सभी कवियों का अभिनंदन ट्रस्ट द्वारा किया गया।-निप्र


महोत्सव के दौरान अनेक व्यक्तियों द्वारा निःशुल्क स्वल्पाहार की व्यवस्था की गई थी। शांतिलाल सराफ परिवार की और से प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी श्रद्घालुओं के लिए नाश्ते की व्यवस्था की गई थी। नितिन, सौरभ सराफ सहित परिवारजन सक्रिय रहे।


जैन मित्रमंडल के राकेश मूणत ने बताया कि पिछले 10 वर्षों से तीर्थ पर भीनमाल निवासी सरेमल कपूरचंद कोठारी परिवार द्वारा गुरुभक्तों के लिए निःशुल्क चाय-नाश्ते की व्यवस्था की जा रही हैं। मित्रमंडल के सदस्यों ने दो दिनों तक यहाँ सेवा कार्य में सहयोग दिया।