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Written By Naidunia
Last Modified: देवास , शनिवार, 8 अक्टूबर 2011 (00:50 IST)

आस्था के सफर में श्रद्धा का सैलाब

आस्था के सफर में श्रद्धा का सैलाब -
माता भक्तों की आस्था का केंद्र देवास नवरात्रि के 9 दिनों तक भक्तों से पटा रहा। शुक्रवार को माताजी की बिदाई के दौरान पूरा शहर माताजी के जयकारों से गूँज उठा। माथे पर चुनरी बाँधे हाथों में तलवार और लाठी लिए भक्तों का कारवाँ चामुंडा माता के रथ के साथ चल रहा था। जगह-जगह डीजे और लाउडस्पीकरों से भजनों के स्वर सुनाई दे रहे थे। 30 से अधिक माता प्रतिमाओं के साथ निकले चल समारोह में खेड़ापति मंदिर के सामने एमजी रोड पर श्रद्धालुओं की अपार संख्या से ऐसा लगा जैसे आस्था के सफर में श्रद्धा का सैलाब उमड़ा हो।


एकादशी के दिन शहर में भव्य चल समारोह निकला। इसमें शहर के विभिन्ना पांडालों में विराजित नवदुर्गा की प्रतिमाएँ खेड़ापति मंदिर प्रांगण पर एकत्र हुईं। यहाँ ढोल-ताशे और डीजे के साथ समारोह की शुरुआत हुई। निर्धारित समय के अनुसार चल समारोह दोपहर 1 बजे निकाला जाना था, लेकिन दोपहर सवा दो बजे समारोह शुरू हुआ। शुरुआत में खेड़ापति मंदिर के सामने माता टेकरी से लाए गए चामुंडा माता के रथ की पूजा-अर्चना की गई। इसमें मंदिर समिति के अलावा पुलिस विभाग के अधिकारी शामिल हुए। बाद में आतिशबाजी कर समारोह की शुरुआत की औपचारिकता पूरी की गई। कुछ ही देर में एमजी रोड पर पैर तक रखने की जगह नहीं थी।


देरी से हुई परेशानी

माता विसर्जन चल समारोह में देरी होने से कई लोगों को परेशानी हुई। कुछ पांडाल अपनी प्रतिमाएँ लेकर तय समय पर समारोह स्थल पहुँच चुके थे, लेकिन परंपरा अनुसार माता टेकरी से आए चामुंडा माता के रथ की पूजा करने के बाद ही चल समारोह की शुरुआत होती है। टेकरी से रथ आने में हुई देरी के कारण चल समारोह में भी देरी हुई। कुछ पांडालों ने आयोजकों से इस संबंध में बात की तो आयोजकों ने यही कहा कि परंपरा के अनुसार ही सब होगा। थोड़े इंतजार के बाद समारोह शुरू हो जाएगा।


30 से अधिक प्रतिमाएँ निकलीं

विसर्जन चल समारोह में शुक्रवार को 30 से अधिक प्रतिमाएँ शामिल हुईं। दोपहर से शुरू हुआ समारोह रात तक चला। एमजी रोड से शुरू होकर नॉवेल्टी चौराहा, अलंकार मार्केट, सुभाष चौक, तीन बत्ती चौराहा सहित शहर के प्रमुख मार्गों से निकला। समारोह में शामिल विभिन्ना पांडालों के सदस्यों द्वारा आकर्षक करतब दिखाए गए। रंगारंग आतिशबाजी की गई। पूरे समय युवा भजनों पर थिरकते रहे। बाद में सबने अपनी सहूलियत के हिसाब से अलग-अलग स्थानों पर जाकर माता प्रतिमा का विसर्जन किया।


जगह-जगह हुआ प्रसाद वितरण

विसर्जन चल समारोह के दौरान शहर में कई जगह पर विभिन्ना समितियों द्वारा प्रसाद वितरित किया गया। खेड़ापति मंदिर समिति द्वारा कई क्विंटल आलूबड़े वितरित किए गए। वहीं सब्जी-पुड़ी, मिक्चर, हलवा आदि सामग्री भी प्रसाद के रूप में वितरित की गई। कई संस्थाओं ने मार्ग में पानी के स्टाल लगाए। भक्तों में प्रसाद को पाने की होड़-सी मच गई। सभी समितियों के सामने लंबी-लंबी कतारें लगी थीं। इसके साथ भी विभिन्ना मंचों से प्रतिमाओं व उनके संस्थाध्यक्षों का स्वागत किया गया। फूल, अबीर-गुलाल से सड़कें रंगीन हो गईं।


पुलिस रही मुस्तैद

विसर्जन चल समारोह को लेकर प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात था। कई मार्गों को वन-वे कर दिया। साथ ही पुलिस के आला अधिकारियों के साथ जवान सुरक्षा का जायजा लेते रहे। तीन बत्ती चौराहे पर समारोह के दौरान विवाद की सूचना मिली। हालाँकि पुलिस की समझाइश के बाद स्थिति नियंत्रण में आ गई। भीड़ और यातायात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस द्वारा सख्ती दिखाई गई। शाम सात बजे के बाद स्थिति थोड़ी सामान्य हुई और मार्गों पर यातायात शुरू हुआ। -निप्र