Last Modified: भोपाल ,
मंगलवार, 10 जनवरी 2012 (01:00 IST)
मोबाइल शिक्षकों को ऑनलाइन करना होगा कामकाज
प्रदेश में मोबाइल शिक्षकों को भी अपने कामकाज का लेखा-जोखा अब ऑनलाइन करना होगा। इसमें मोबाइल शिक्षकों की 'सक्सेस स्टोरी' का अलग से रिकार्ड रखा जाएगा। अभी तक इन शिक्षकों के काम काज की समीक्षा केवल विकासखंड स्तर पर ही संबंधित अधिकारी करते रहे हैं और वह भी ठीक तरीके से नहीं होती थी। लगातार इसके आरोप भी लगते रहे हैं। इस कारण अब आनलाइन रिकार्ड बनने से बेहतर आकलन हो सकेगा।
मोबाइल स्त्रोत सलाहकार (मोबाइल शिक्षक) और वालंटियर्स के कामकाजों की आनलाइन मानीटरिंग का फैसला हाल ही में राज्य शिक्षा केंद्र ने किया है। नई व्यवस्था में इन शिक्षकों को शैक्षिक गतिविधियों, भ्रमण-निरीक्षण और उपलब्धियों को आनलाइन करना होगा। इस काम में संबंधित एनजीओ और विकासखंड स्तरीय शिक्षा कार्यालय या केंद्र मदद करेंगे। एनजीओ और इन कार्यालयों के जरिए हर दिन का रिकार्ड आनलाइन करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा सभी जिला परियोजना समन्वयकों को निर्देश दिए गए हैं कि मोबाइल शिक्षकों की सक्सेस स्टोरी का अलग से रिकार्ड तैयार किया जाए। यह शिक्षक पिछड़े व ग्रामीण इलाकों में विकलांगों के लिए काम करते हैं। इसलिए यदि कहीं पर इनके जरिए कोई विशेष बदलाव आया है या और कोई उपलब्धि मिली है, तो उसे अलग से दर्ज किया जाए। साथ ही विकासखंड व जिला स्तरीय बैठकों में उपलब्धि का प्रदर्शन किया जाए। इसके बाद राज्य स्तरीय बैठकों में भी इसे शामिल किया जाएगा। शिक्षा विभाग की यह भी मंशा है कि अच्छा काम करने वाले मोबाइल शिक्षकों का पुरस्कृत किया जाए। अभी इसकी कोई योजना घोषित नहीं की है, किंतु कामकाज का रिकार्ड तैयार होने के बाद इस योजना पर काम शुरू होगा। इसलिए आनलाइन अपडेशन में कोई कोताही न बरतने के आदेश दिए गए हैं।
मोबाइल शिक्षकों का कार्यक्षेत्र- मोबाइल शिक्षक मुख्य रुप से विकलांग शिक्षा के लिए काम करते हैं। शिक्षा केंद्र ने आठवीं तक की शिक्षा में विकलांग शिक्षा एनजीओ के हवाले कर दी है। इसके तहत अब पहले से कार्य कर रहे और नए नियुक्त मोबाइल शिक्षक एनजीओ के अधीन ही आते हैं। इसलिए एनजीओ के मार्फत इनके कामकाज की मानीटरिंग होना है।