शुक्रवार, 8 नवंबर 2024
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Written By WD

शनिवार व्रत की आरती

शनिदेव की आरती

Aarti Shri Shani dev | शनिवार व्रत की आरती

आरती कीजै नरसिंह कुंवर की।

वेद विमल यश गाऊं मेरे प्रभुजी॥

पहली आरती प्रहलाद उबारे।

हिरणाकुश नख उदर विदारे॥

दूसरी आरती वामन सेवा।

बलि के द्वार पधारे हरि देवा॥

तीसरी आरती ब्रह्म पधारे।

सहसबाहु के भुजा उखारे॥

चौथी आरती असुर संहारे।

भक्त विभीषण लंक पधारे॥

पांचवीं आरती कंस पछारे।

गोपी ग्वाल सखा प्रतिपाले॥

तुलसी को पत्र कंठ मणि हीरा।

हरषि-निरखि गावें दास कबीरा॥