गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
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Written By Author संदीप श्रीवास्तव

75 सालों में साइकिल से सोशल मीडिया तक पहुंच गई भारतीय राजनीति

75 सालों में साइकिल से सोशल मीडिया तक पहुंच गई भारतीय राजनीति - Indian politics in the 75 years after independence
अयोध्या। अयोध्या नगर पालिका क्षेत्र की जनता ने विजय गुप्ता को दो बार अपना चेयरमैन चुना, जिसकी कसौटी पर गुप्ता खरे भी उतरे। अपने चेयरमैन कार्यकाल के दौरान अयोध्या नगर पालिका परिक्षेत्र में व्यापक विकास किया। सभी के दुख-सुख के साथी बने। उन्होंने कहा कि 75 वर्षों में भारतीय राजनीति में भी काफी कुछ बदलाव हुए हैं। चुनाव प्रचार के तरीके बदल गए, अब 'खास' आदमी ही चुनाव लड़ने के बारे में सोच सकते हैं। 
 
स्वतंत्रता के 75 सालों में आए बदलाव पर वेबदुनिया से बातचीत करते हुए गुप्ता ने कहा कि आजादी के बाद के वर्षों में राजनीति में काफी उलटफेर हुए हैं। आजादी के बाद जो लोग चुनाव लड़ते थे वे जनसंपर्क करने के लिए आम आदमी की तरह पैदल चलकर, साइकिल से चलकर मिलते थे। किसी प्रकार का कोई बनावटीपन नहीं होता था। धन-बल का बोलबाला नहीं था, किन्तु समय के साथ धीरे-धीरे राजनीति में भी बहुत बदलाव आ गया है। अब वो दौर चला गया है। आज वही राजनीति में आ सकता है, जिसके पास धनबल है। गरीब और साधारण व्यक्ति आज चुनाव लड़ने के बारे मे सोच भी नहीं सकता। 
 
अब हाईटेक हुई राजनीति : गुप्ता कहते हैं कि आज की राजनीति हईटेक हो गई है। आधुनिक तकनीक के चलते टीवी, अखबार, सोशल मीडिया, मोबाइल के चलते अब चुनाव के स्वरूप मे बदलाव आ गया है। राजनीति में जिस प्रकार से धन-बल का प्रयोग हो रहा है। पहले ऐसा नहीं था। समाज के हर तबके से व्यक्ति चुनाव लड़ सकता था।

देश में बहुत से ऐसे उदाहरण हैं जो कि सांसद, विधायक व मंत्री बनकर जनता के सुख-दुख के साथी रहे। साथ ही अपने क्षेत्र व देश की सेवा में बहुमूल्य योगदान दिया। ऐसे लोग अपने व अपने परिवार के लिए कुछ भी नहीं कर सके। आर्थिक तंगी से त्रस्त रहे, किन्तु अब ऐसा देखने को नहीं मिलता।
राजनीति में अपराधीकरण : गुप्ता ने कहा कि हालांकि विगत कुछ वर्षों में जा रहा है कि अब राजनीतिक दल अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को चुनाव लड़ाने से कतरा रही हैं, जिसका सबसे बड़ा कारण है लोगों में जागरूकता। न्यायालय भी इस पर सख्त हो गया है। चाहे हाईकोर्ट हो या सुप्रीम कोर्ट अपराधी और अपराध पर लगाम लगाने के लिए समय-समय पर दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं।

चुनाव के दौरान चुनाव आयोग तो सबसे अधिक सतर्क रहता है। सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई भी करता है, जिससे लोगों में और अधिक जागरूकता देखी जा रही है। इन सब बातों को देखते हुए कह सकते हैं कि भविष्य में भी राजनीति में बड़े और सुखद बदलाव देखने को मिलेंगे।