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  1. चिकित्सा पद्धतियाँ
Written By WD

रक्तदाब या ब्लडप्रेशर

रक्तदाब या ब्लडप्रेशर -
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रक्तदाब शब्द प्रायः उच्च रक्तदाब के लिए ही प्रयुक्त होता है। वैसे शरीर में उच्च रक्तदाब भी हो सकता है और अल्प रक्तदाब भी गतिशील रह सकता है।

उच्च रक्तदा

कारण- अत्यधिक मानसिक तनाव होना अथवा उच्च पदों पर कार्य करने वाले प्रबंध अधिकारियों द्वारा अविराम मानसिक परिश्रम न करना, निरंतर भयभीत रहना, शारीरिक परिश्रम न करना, अपच की शिकायत रहना, अधिक परिश्रम करना आदि। जब मक्खन, घी, अण्डों आदि चर्बी पदार्थों में पाया जाने वाला कोलेस्ट्रॉल पदार्थ धमनियों तथा धमनिकाओं में जमा हो जाता है, तो फलस्वरूप उनमें कठोरता आ जाती है और रक्तदाब बढ़ जाता है।

कठोरता प्रकट होने से रक्त वाहिनियों में लचीलेपन की कमी हो जाती है। फलस्वरूप धमनियों के अंदर खून बड़ी तेजी से उछलता-कूदता है। बुढ़ापे में भी धमनियों का स्वाभाविक लचीलापन कम हो जाता है और इसके कारण रक्तदाब बढ़ जाता है।

लक्षण- उच्च रक्तदाब के सामान्य लक्षण होते हैं- तेज सिर दर्द, साफ-साफ दिखाई न देना, मितली और चक्कर आना, नींद उखड़ना, भूख न
कोलेस्ट्रॉल तथा अन्य प्रकार की परतों को घोलने में चुम्बकीय जल अत्यंत सहायक होता है। इससे धमनियों में सामान्य लचीलापन आ जाता है
लगना तथा कनपटियों का धड़कना।

चिकित्सा- कोलेस्ट्रॉल तथा अन्य प्रकार की परतों को घोलने में चुम्बकीय जल अत्यंत सहायक होता है। इससे धमनियों में सामान्य लचीलापन आ जाता है। जल अपच और कब्ज को भी नष्ट करता है, अतः दिन में नियमित रूप से तीन बार इसका सेवन करना चाहिए, साथ ही निम्नलिखित रीति से चुम्बकों का प्रयोग करना चाहिए।

1. दाएँ हाथ की कलाई पर लगातार चुम्बकीय पट्टी (या बीपी बेल्ट या बीपी वॉच) को पहनकर रहना चाहिए।

2. चुम्बक चिकित्सा प्रक्रिया संख्या 1 का प्रयोग कराएँ।

अल्प रक्तचा

कारण- अल्प रक्तदाब अधिक खून निकल जाने अथवा कमजोरी या निराशा के कारण होता है।

लक्षण- अल्प रक्तदाब के लक्षण हैं- आलस, सुस्ती, ऊँघाई, निराशा तथा हल्का-सा काम करने के बाद भी आराम की इच्छा।

चिकित्सा- 1. बाएँ हाथ की कलाई पर लगातार चुम्बकीय पट्टी पहनकर रखें।