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Written By Naidunia
Last Modified: खंडवा , शनिवार, 3 दिसंबर 2011 (01:15 IST)

नर्मदा-कावेरी संगम घाट पर खतरे

खंडवा
ओंकारेश्वर तीर्थ नगरी के नर्मदा-कावेरी संगम घाट पर स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है किन्तु यहाँ पर्याप्त सुविधाएँ जुटाने के बजाय शासन-प्रशासन इसे लावारिस छोड़ दिया है। पक्का घाट नहीं होने से श्रद्धालुओं को फिसलन भरे पत्थरों पर बैठकर नहाना होता है। पानी का तेज बहाव यहाँ अनेक श्रद्धालुओं की जान ले चुका है। आने वाले दिनों में पर्वों पर श्रद्धालुओं का यहाँ बड़ी संख्या में आगमन होगा,उससे पहले घाट पर सुधार कार्यों की दरकार है।


आने वाले दिनों में संगम घाट पर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ने के आसार हैं। लेकिन संगम तट पूरी तरह से दुर्दशा का शिकार है। सदियों पूर्व बना घाट बाढ़ की भेंट चढ़ चुका है। यहाँ बचे हैं बड़े-बड़े पत्थर जिन पर बैठकर श्रद्धालुओं को स्नान करना पड़ता है। कई बार पैर फिसलने से श्रद्धालु नर्मदा की तेज बहाव में बहकर अपनी जान गँवा देता है। उल्लेखनीय है कि ओंकारेश्वर बाँध बनने के बाद नर्मदा का एक बड़ा भाग एवं धाराजी जलमग्न होने से श्रद्धालुओं का जमघट इसी संगम घाट पर लगने लगा है।


संगम घाट पर मूलभूत सुविधाएँ जुटाने और घाट के कायाकल्प की योजना तो अनेक बार बनी। जिला प्रशासन से लेकर प्रदेश के मुखिया तक घाट की समस्या पहुँचाई गई। राजनेताओं ने घाट निर्माण के वादे भी किए किन्तु हुआ कुछ नहीं। कहा जा रहा है कि वास्तव में संगम घाट पर श्रद्धालुओं को मूलभूत सुविधाएँ देनी है तो जिला प्रशासन को केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट लेकर बैक वाटर के लेवल को आधार बनाकर घाट निर्माण शुरू कर देना चाहिए।


नगर पंचायत दोषी

पार्षद विमला पुरोहित संगम घाट की दुर्दशा के लिए ओंकारेश्वर नगर पंचायत को दोषी मानती हैं, उनका कहना है कि तीर्थ नगरी आने वालों से नगर पंचायत किस बात का पैसा वसूल रही है। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ में अभी पाँच साल बाकी हैं, तब तक हालत सुधरेगी या प्रशासन महेश्वर बाँध के बैक वाटर का इंतजार करेगा।


प्रस्ताव भेजा

नगर पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी धीरेंद्रसिंह सिकरवार ने बताया कि परिषद ने सरकार को 40 लाख रु. का प्रस्ताव भेजा है। 20 लाख बीआरजीएफ (बेकवर्ड रीजन ग्रांट फंड) योजना के हमारे पास हैं। अगर सरकार से 40लाख मिल जाते हैं तो संगम घाट पर श्रद्धालुओं के लिए मूलभूत सुविधा जुटाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। नगर पंचायत ने एनएचडीसी को भी पत्र लिखकर संगम घाट के लिए सुविधाएँ जुटाने की माँग की है।


मुख्यमंत्री को पत्र लिखा

संगम घाट स्थित ऋण मुक्तेश्वर मंदिर के बजरंगदास ने कहा है कि नर्मदा पर बाँध बनने के कारण बहुत से घाट जलमग्न हो गए हैं। नर्मदा-कावेरी संगम अति प्राचीन एवं धार्मिक महत्व का है। इसलिए इसका निर्माण बहुत ही जरूरी है। उन्होंने मुख्यमंत्री को भी लिखा है कि पैदल श्रद्धालुओं को यहाँ पहुँचने में एक घंटा लगता है। ऐसे में जितनी जल्दी हो सके इसका निर्माण किया जाए।