Last Modified: रतलाम ,
शुक्रवार, 25 नवंबर 2011 (00:56 IST)
डेरी-त्रिवेणी जलाशय निर्माण की जाँच शुरू
18 करोड़ की लागत वाली डेरी त्रिवेणी जलाशय योजना के निर्माण कार्यों में गड़बड़ियों की शिकायतें मिलने के बाद प्रशासन ने जाँंच शुरू कर दी है। संभागायुक्त के निर्देश पर आरईएस उज्जैन के अधीक्षण यंत्री ने मौके पर पहुँचकर निर्माण कार्यों को देखा। इस दौरान उनके साथ एसडीएम भी थे। साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से चर्चा कर उन्हें बताया कि डूब में आने वाले ग्रामीणों के पुनर्वास की प्रक्रिया चल रही है।
आरईएस के अधीक्षण यंत्री एचएस जाधव सुबह 11.15 बजे एसडीएम दिनेशचंद्र सिंघी और अन्य अधिकारियों के साथ मौके पर पहुँचे। उन्होंने धँसी पुलिया, वेस्ट वेयर और अन्य निर्माण कार्य देखे। सूत्रों के अनुसार उन्होंने निर्माण कार्य में प्रारंभिक रूप से गड़बड़ियों का होना पाया। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण उनसे मिले और पुनर्वास की माँग की। एसडीएम श्री सिंघी ने ग्रामीणों को बताया कि डेरी गाँव में ही आबादी के लिए शासकीय जमीन है। जल्द ही पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी। जाँच अधिकारी दोपहर करीब ढ़ाई बजे तक निर्माण कायोर्ं की जाँच करते रहे।
कांग्रेस नेता भी पहुँचे
जाँच के दौरान ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष कोमल धुवे, बाँध बनाओ समिति अध्यक्ष डीपी धाकड़, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष नासिर मिर्जा, कांग्रेस नेता दिनेश पाटीदार वहाँ पहुँच गए थे। श्रीमती धुर्वे ने बताया जब जाँच अधिकारी मौके पर गए, तो टूटे हुए पुल के पास जाने में भी डरने लगे, क्योंकि बचा हुआ हिस्सा कभी भी गिर सकता है।
चुप्पी साधे खड़े थे अधिकारी
जाँच अधिकारी ने एक किलोग्राम वजनी पत्थर लेकर पुलों व वेस्ट वेयर के गिट्टी-कांक्रीट से बने हिस्से को ठोंका तो वह भरभरा कर गिरने लगा। इस दौरान वहाँ मौजूद जल संसाधन विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे हुए खड़े थे। कांग्रेस नेताओं ने जाँच अधिकारी से घटिया निर्माण के संबंध में रिपोर्ट जानना चाही तो उन्होंने संभागायुक्त व कलेक्टर को रिपोर्ट भेजने की बात कही।
ये है मामला
बुुधवार को किसानों व ग्रामीणों ने जिला ग्रामीण कांग्रेस कमेटी व डेरी-त्रिवेणी बाँध बनाओ समिति के बैनर तले कलेक्टोरेट पहुँचकर डिप्टी कलेक्टर वंदना मेहरा को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा था। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने कलेक्टोरेट गेट पर धरना दिया था। सुनवाई नहीं होने पर वे संभागायुक्त अरुण पांडे को शिकायत करने सर्किट हाउस पहुँचे थे। जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती धुर्वे व बाँध बनाओ समिति अध्यक्ष श्री धाकड़, कांग्रेस नेता राजेश दवे आदि ने संभागायुक्त से शिकायत की थी।
71 परिवारों का होगा पुनर्वास
ग्रामीणों से चर्चा की है। उनका कहना था कि उनके मकान डूब में आ रहे हैं। वे कहाँ रहेंगे? उन्हें बताया गया कि उनके पुनर्वास की प्रक्रिया चल रही है। ग्राम डेरी व उसके पास के दो अन्य गाँवों के 71 परिवारों के पुनर्वास के लिए शासकीय जमीन गाँव में ही है। वहाँ उन्हें भूखंड आवंटित किए जाएँगे। -दिनेशचंद्र सिंघी, एसडीएम रतलाम
जाँच में समय लगेगा
-डेरी-त्रिवेणी जलाशय योजना के निर्माण कार्य देखे हैं। मामले की जाँच की जा रही है। जाँच में समय लगेगा। जाँच पूरी कर रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी जाएगी।- एचएस जाधव, अधीक्षण यंत्री आरईएस (उज्जैन)