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Last Modified: शुक्रवार, 13 मार्च 2015 (18:39 IST)

शमी ने कहा धोनी की कप्तानी और तरीका मुझे पसंद है

विश्व कप क्रिकेट
ऑकलैंड। भारत की तेज गेंदबाजी के अगुआ मोहम्मद शमी का कहना है कि महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में खेलने से वह काफी हद तक सहज महसूस करते हैं क्योंकि भारतीय कभी कोई ‘मांग’ नहीं रखता और उनके समर्थन के कारण बंगाल का यह तेज गेंदबाज बड़ी सहजता से घरेलू से अंतरराष्ट्रीय स्तर का गेंदबाज बन गया। 
शमी ने टूर्नामेंट में अब तक भारत की तरफ से सर्वाधिक 12 विकेट लिए हैं। शमी से पूछा गया कि उनके दो साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में धोनी का क्या योगदान रहा, उन्होंने कहा, ‘वह जिस तरह से टीम का नेतृत्व करते हैं और जिस तरह से गेंदबाज के रूप में उन्होंने मुझे संभाला वह मुझे पसंद है। मैंने सभी प्रारूपों में उनके नेतृत्व में पदार्पण किया। जब भी वह कप्तानी कर रहे होते हैं तो मैं तनाव में नहीं रहता। मैं स्वच्छंद होकर खेलता हूं।’ 
 
उन्होंने जिम्बॉब्वे के खिलाफ कल यहां होने वाले मैच की पूर्व संध्या पर कहा, ‘वह उन कप्तानों में नहीं हैं जो मुझसे किसी चीज की मांग करें। वह ऐसे कप्तान हैं जो मुझे मेरी गलतियां के बारे में बताते हैं और भविष्य में उन्हें नहीं दोहराने के लिए कहते हैं। वह कभी गुस्सा नहीं होते। वह बड़ी शांति से अपनी बात रखते हैं और स्थिति का सामना करते हैं जिससे गेंदबाजों को मदद मिलती है।’ 
 
शमी ने कहा कि किसी भी गेंदबाज के लिए जरूरी है कि उसे कप्तान का समर्थन मिले और धोनी यही कर रहे हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि अपनी घरेलू टीम बंगाल के बजाय वह भारतीय ड्रेसिंग रूम में अधिक सहज महसूस करते हैं। उन्होंने कहा, गलतियों के बावजूद कप्तान का समर्थन बेहद महत्वपूर्ण होता है और धोनी ऐसा करते हैं। यह मेरे लिए अच्छी बात है कि मैंने उनकी कप्तानी में पदार्पण किया।
 
शमी से पूछा गया कि भारतीय तेज गेंदबाजी इकाई अपनी रणनीति पर किस तरह से अमल कर रही है जिसके कारण उन्होंने अब तक विरोधी टीमों को पांचों मैचों में आउट किया है? उन्होंने कहा, ‘यह इस पर निर्भर करता है कि कैसी परिस्थितियां हैं और आपकी रणनीति क्या है।’ 
 
उन्होंने कहा, ‘आपको रणनीति पर काम करके उसके अनुसार गेंदबाजी करनी होती है। गेंदबाज होने के कारण आपकी अपनी रणनीति होती है और कप्तान की भी योजना होती है। आपको गेंदबाजी करते समय दोनों अपने दिमाग में रखने होते हैं। हम इन रणनीतियों के हिसाब से चलते हैं। यदि ‘प्लान ए’ नहीं चल पाता है तो फिर ‘प्लान बी’ को आजमाते हैं।’ 
 
भारतीय गेंदबाजों को ऑस्ट्रेलियाई दौरे में काफी लचर प्रदर्शन रहा था लेकिन उन्होंने शानदार वापसी की। शमी ने कहा, ‘अच्छा और बुरा दौर खेल का हिस्सा है और क्रिकेटर के रूप में आपको अच्छे और बुरे दिनों से गुजरना पड़ता है। मेरे लिए यह लंबा दौरा रहा है। टेस्ट मैच खेलते हुए आपकी मानसिकता और अ5यास प्रारूप के अनुसार होता है। इसी तरह से मानसिकता बदलती रहती है।’ 
 
उन्होंने कहा, ‘यह मुश्किल नहीं है। हम जूनियर नहीं है जहां आपको कुछ चीजें सिखायी जाती है। हम खेल के प्रारूप के अनुसार अपनी मानसिकता बदलते हैं। बुरे दिनों को याद करने से आपकी सोच प्रभावित होगी। इससे बेहतर यही है कि आगे के बारे में सोचा जाए।’ 
 
जिम्बॉब्वे के खिलाफ मैच के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘विरोधी टीम कोई भी हो हम हमेशा मैच जीतने पर ध्यान देते हैं। क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है और हम वैसा ही खेलना चाहते हैं जैसा अब तक खेल रहे हैं। जिम्बॉब्वे के खिलाफ इसमें कोई अंतर नहीं आएगा।’ (भाषा)