नारी का गुणगान ना आँको भैया नारी तो बस नारी है। अनंत काल से आज तक नारी ही रही है जिसने हर कठिन समय में भी कंधे से कंधा मिला दिया पुरुषों का साथ। फिर भी पुरुषप्रधान इस देश में ना मिल सका नारी को मान... नारी तो बस नारी है। प्यार और दुलार की मूर्ति नारी ममता की मूर्ति है न्यारी बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी को सँवारती है यह नारी। कभी सास तो कभी बहू कभी बेटी तो कभी माँ बनकर हर उम्मीद पर खरी उतरती है नारी। नारी तो बस नारी है उसकी महिमा जो समझ जाएँ वह इस दुनिया से तर जाएँ नारी का सम्मान करो उसे भी उड़ने दो गगन में अपनी स्वतंत्रता से और फिर देखो नारी का असली रूप जो कभी दुर्गा, तो कभी सरस्वती कभी लक्ष्मीबाई तो कभी कालका का रूप दिखाकर जग को न्याय का उचित रास्ता दिखलाती है नारी नारी तो बस नारी है नारी तो बस नारी है।