लखनऊ। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि सरकार सही समय पर जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून लाएगी। योगी ने मंगलवार को यहां एक निजी समाचार चैनल के मंथन-2021 कार्यक्रम में विधानसभा चुनाव से पहले जनसंख्या नियंत्रण अध्यादेश लाने के सवाल पर कहा कि हर चीज का समय होता है। आप लोग कहते थे कि मंदिर वहीं बनाएंगे, तारीख नहीं बताएंगे, लेकिन मंदिर निर्माण शुरू हो गया। अनुच्छेद 370 भी हटा दिया गया।
उन्होंने कहा कि अभी हमारे सामने मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित करना चुनौती है। इसके लिए हमने जनसंख्या नीति के तहत एक व्यापक अभियान शुरू किया है और भविष्य में कुछ भी होगा तो सबसे पहले मीडिया को पता चलेगा। हमारा कोई कार्य चुपके से नहीं होता, जो होगा नगाड़ा बजाकर करेंगे। सही समय आने पर हम (जनसंख्या नियंत्रण क़ानून के बारे में) जानकारी देंगे।
मुख्यमंत्री ने बढ़ती जनसंख्या को विकास में बाधा करार देते हुए जुलाई में राज्य में जनसंख्या स्थिर करने और समयबद्ध तरीके से मातृ और शिशु मृत्यु को कम करने के उद्देश्य से एक नीति जारी की थी। कुछ दिन पहले, उत्तरप्रदेश विधि आयोग की वेबसाइट पर जनसंख्या नियंत्रण पर एक मसौदा विधेयक जनता से सुझाव आमंत्रित करते हुए डाला गया था जिसमें कहा गया है कि उत्तरप्रदेश में दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को स्थानीय निकायों के चुनाव लड़ने से रोक दिया जाएगा।
मंथन में योगी ने समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव के एक ट्वीट को लेकर तंज कसते हुए कहा कि सपा और बुद्धि तो नदी के दो किनारे हैं और प्रदेश एवं देश की जनता उनके ट्वीट पर हंस रही है। सपा प्रमुख ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हवाले से सोमवार को एक ट्वीट किया था जिसमें दिखाया गया था कि उत्तरप्रदेश में दंगों में वृद्धि हुई है।
योगी ने यादव के ट्वीट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने (अखिलेश यादव ने) कल एक ट्वीट किया कि उत्तर प्रदेश में रिकार्ड दंगे हुए हैं, जबकि सच्चाई यह है कि एनसीआरबी ने देश भर के जो आंकड़े जारी किए, उनमें राज्य में सांप्रदायिक दंगे शून्य दिखाए गए थे। योगी ने यादव की ओर इशारा करते हुए कहा कि वह अपनी बुद्धि और विवेक से काम नहीं कर रहे हैं। वह ट्विटर पर निर्भर रहने वाले लोग हैं। जब कोई प्रशिक्षक आएगा और बताएगा कि तुम्हें ये लाइन बोलनी है तो वह उसे बोलेंगे। सपा और बुद्धि तो नदी के दो किनारे हैं। उनके पास कोई ऐसा बुद्धिमान आ गया होगा जिसने दिमाग दूसरे किनारे रखकर उन्हें यह बताया होगा और उन्होंने वही ट्वीट कर दिया होगा। प्रदेश और देश की जनता उनके ट्वीट पर हंस रही है। इन लोगों से कोई क्या कह सकता है। योगी से जब यह कहा गया कि अखिलेश कह रहे हैं कि काम हमने किया और वह (योगी) तो सिर्फ फीता काट रहे हैं, तो मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि 2017 में ए जो जोड़ी (राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव में गठबंधन किया था) आई थी कि इन दोनों की प्रवृत्ति ही उत्तरप्रदेश को अपमानित करने की है। उन्होंने कहा कि आम जनता में कोई भय नहीं है, क्योंकि चारों तरफ सुरक्षा का माहौल बनाया गया है, लेकिन पेशेवर माफिया के मन में भय होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने इस आरोप को खारिज किया कि जनप्रतिनिधियों और नौकरशाही के बीच समन्वय नहीं है।
योगी ने एक महंत की तरह सरकार चलाने के आरोप के जवाब में कहा कि सरकार धमक और हनक से चलती है। वह दुम दबाकर नहीं चलती। सरकार की हनक अपराधियों, समाज विरोधी तत्वों और भ्रष्टाचारियों के लिए होनी चाहिए और मुझे प्रसन्नता है कि साढ़े चार वर्ष में हमने इसमें कोई कोताही नहीं बरती। लोग योगी से डरते नहीं, योगी से आम जनता का आत्मीय संवाद है। कार्यक्रम प्रस्तोता ने अगले वर्ष की शुरुआत में उत्तरप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) को बहुमत मिलने और योगी के दोबारा मुख्यमंत्री बनने की संभावना को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि भाजपा भारी बहुमत से सरकार बना रही है और 350 से अधिक सीटें पाकर हम आ रहे हैं और हम मुख्यमंत्री बनेंगे।
भाजपा द्वारा कई राज्यों में मुख्यमंत्रियों को बदले जाने, लेकिन उत्तरप्रदेश में योगी के टिके रहने को उनके दमखम से जोड़े जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कोई दम खम की बात नहीं है। यह तो पार्टी के मूल्यों और सिद्धांतों की बात है और पार्टी जिस कार्यकर्ता को जो जिम्मेदारी देगी, उसे वह पूरा करेगा। योगी ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि पारदर्शी सरकार, दमदार सरकार-छा गई योगी सरकार, यह आम आदमी की टैगलाइन है क्योंकि हर तबका शासन की योजना से जुड़ा है। मैं जहां जा रहा हूं, वहां के कलाकारों द्वारा सरकार की उपलब्धियों पर नई-नई टैगलाइन दी जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने खासतौर पर गन्ना किसानों के लिए कोई नई घोषणा करने के मामले पर कहा कि किसानों को लाभ देने के लिए एक समिति गठित की गई है और उसकी रिपोर्ट आने के बाद घोषणा की जाएगी।
उत्तरप्रदेश की राजनीति में जाति के प्रभाव और इसमें उन्हें घसीटे जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भाजपा पूरी ईमानदारी से काम कर रही है। अगर किसी को अपनी सात पुश्तों का लेखा-जोखा प्रस्तुत कराना हो तो चुनाव लड़ जाएं। जिनके पास कोई काम नहीं वह आरोप प्रत्यारोप लगाते हैं। मैंने सांसद बनने के लिए पांच बार चुनाव लड़ा और जीता तथा हर चुनाव में विरोधी आरोप लगाते थे। एआईआईएम प्रमुख ओवैसी के उत्तरप्रदेश के चुनाव में भाजपा को फायदा पहुंचाने के मकसद से आने के सवाल पर योगी ने कहा कि सभी को चुनाव लड़ने का अधिकार है और इससे किसी को भी रोका नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि सभी दलों का अपना एजेंडा होता है और फैसला तो जनता करती है।
अब्बाजान शब्द के इस्तेमाल के संबंध में सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि इसमें चिढ़ने वाली बात क्या है। उन्होंने कहा कि लोगों को मुस्लिमों का वोट चाहिए लेकिन उन्हें अब्बाजान से परहेज है। गौरतलब है कि 12 सितंबर को कुशीनगर की एक सभा में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख का नाम लिए बिना कहा था कि अब्बाजान कहने वाले गरीबों की नौकरी पर डकैती डाल देते थे, पूरा परिवार झोला लेकर वसूली के लिए निकल पड़ता था, अब्बाजान कहने वाले राशन हजम कर जाते थे, राशन नेपाल और बांग्लादेश पहुंच जाता था, लेकिन आज जो गरीबों का राशन निगलेगा वह जेल चला जाएगा। योगी के इस बयान पर राजनीतिक दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।(भाषा)